मेक्सिको ने फाइनल में अमेरिका को हराकर 10वां गोल्ड कप जीता

ह्यूस्टन, टेक्सास के NRG स्टेडियम में खेले गए रोमांचक फाइनल मुकाबले में मेक्सिको ने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को 2-1 से हराकर अपनी 10वीं CONCACAF गोल्ड कप ट्रॉफी जीत ली। इस जीत के साथ मेक्सिको ने लगातार दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया और 2026 फीफा विश्व कप से पहले अपनी मजबूत तैयारी का प्रदर्शन किया।

अमेरिका की तेज शुरुआत

मैच की शुरुआत बेहद तेज़ हुई, जब चौथे मिनट में ही अमेरिका के सेबास्टियन बर्हाल्टर के फ्री-किक पर क्रिस रिचर्ड्स ने शानदार हेडर लगाकर गेंद को गोलपोस्ट में पहुंचा दिया। रेफरी ने VAR की पुष्टि के बाद गोल को वैध करार दिया और अमेरिका को 1-0 की शुरुआती बढ़त मिल गई।

मेक्सिको की वापसी

27वें मिनट में मेक्सिको के राउल जिमेनेज ने नज़दीक से गोल दागकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। गोल के बाद जिमेनेज ने अपने दिवंगत साथी खिलाड़ी डिओगो जोटा की जर्सी दिखाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पहले हाफ में गिल्बर्टो मोरा (सिर्फ 16 वर्ष) और रोबर्टो अल्वाराडो ने अमेरिका के गोलकीपर मैट फ्रीज़ को चुनौती दी, लेकिन वह शानदार बचाव करते रहे।

जीत दिलाने वाला गोल और VAR ड्रामा

दूसरे हाफ में मेक्सिको ने आक्रमण तेज किया और आखिरकार एडसन अल्वारेज़ ने हेडर के ज़रिए विजयी गोल दागा। हालांकि, VAR ने ऑफसाइड की जांच की, लेकिन गोल को मान्यता मिल गई।
अल्वारेज़ ने कहा, “हमने 35 दिनों तक कड़ी मेहनत की और आज उसका फल मिला। यह बहुत गर्व और खुशी की बात है।”

अमेरिका की वापसी की कोशिश

अमेरिका ने एलेक्स फ्रीमैन और डिएगो लूना के ज़रिए बराबरी की पूरी कोशिश की, लेकिन गोल नहीं कर सके।

इतिहास रचता मेक्सिको

  • यह मेक्सिको की 10वीं गोल्ड कप जीत है, जो अब तक किसी भी देश द्वारा सबसे अधिक है।

  • मेक्सिको ने हाल ही में CONCACAF नेशंस चैंपियनशिप भी जीती थी।

  • राउल जिमेनेज ने कहा, “विश्व कप से पहले यह जीत बहुत जरूरी थी। हमने शुरुआत से ही कड़ी मेहनत की।”

भारत ने विश्व मुक्केबाजी कप 2025 में 11 पदक जीते

कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारतीय महिला मुक्केबाज़ों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। साक्षी (54 किग्रा), जैस्मिन (57 किग्रा) और नूपुर (80+ किग्रा) ने अपने-अपने वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया। भारत ने इस प्रतियोगिता में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए कुल 11 पदक (3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य) जीते, जो अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज़ी में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

गोल्डन गर्ल्स की शानदार जीत

  • साक्षी ने अमेरिका की योसलीन पेरेज़ को शानदार मुकाबले में सर्वसम्मत निर्णय (5:0) से हराया।

  • जैस्मिन ने ब्राज़ील की जुसीलेन सेक्वेरा रोमियो को 4:1 के स्कोर से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

  • नूपुर ने मेज़बान देश की येल्दाना तालिपोवा को 5:0 के निर्णायक अंतर से हराकर भारत को तीसरा स्वर्ण दिलाया।

अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन

  • भारत ने 3 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य सहित कुल 11 पदक जीते।

  • यह भारत की वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

  • इससे पहले ब्राज़ील में आयोजित पहले चरण में भारत ने 6 पदक जीते थे।

भारतीय बॉक्सिंग का उज्ज्वल भविष्य

  • फाइनल दिन की शुरुआत साक्षी की आत्मविश्वास भरी जीत से हुई, जिसने टीम को ऊर्जावान शुरुआत दी।

  • जैस्मिन और नूपुर की शानदार जीतों ने भारत के लिए यह दिन ऐतिहासिक बना दिया।

  • भारतीय बॉक्सिंग महासंघ (BFI) ने खिलाड़ियों और कोचों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।

सावन 2025: प्रारंभ और समापन तिथि, पूजा विधि, मंत्र और महत्त्व

सावन हिंदू कैलेंडर में एक बहुत ही खास और पवित्र महीना है। यह पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है और पूरे भारत में लोग उनकी बड़ी श्रद्धा से पूजा करते हैं। इस दौरान कई भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, मंदिरों में जाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। सावन शांति, भक्ति और आशीर्वाद का समय है। 2025 में सावन की तिथियां भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग होंगी, जो कैलेंडर के अनुसार अलग-अलग होंगी।

सावन 2025 – प्रारंभ और समाप्ति तिथि (उत्तर भारत के लिए)

सावन मास की शुरुआत और समाप्ति भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रयुक्त पंचांग (कैलेंडर) के आधार पर अलग-अलग होती है। उत्तर भारत में पूर्णिमांत पंचांग का पालन किया जाता है।

पूर्णिमांत पंचांग (उत्तर भारत)
(उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य)

  • सावन प्रारंभ तिथि: 11 जुलाई 2025

  • सावन समाप्ति तिथि: 9 अगस्त 2025

इस अवधि में विशेष रूप से सावन के सोमवार (सावन सोमवारी व्रत) बहुत पवित्र माने जाते हैं, जिनमें शिव भक्त उपवास रखकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।

अमांत पंचांग (पश्चिम एवं दक्षिण भारत) – सावन 2025 तिथि
(महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा में अमांत पंचांग का पालन होता है।)

सावन प्रारंभ तिथि: 25 जुलाई 2025

सावन समाप्ति तिथि: 23 अगस्त 2025

हिंदू धर्म में सावन माह का महत्व

सावन मास भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र महीनों में से एक है। इस महीने में शिवजी और माता पार्वती की पूजा करने से भक्तों को आशीर्वाद, मानसिक शांति, सफलता और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि सावन में शिव-भक्ति से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सावन में व्रत के नियम

सावन में विशेषकर सोमवार को व्रत रखने की परंपरा है, जिसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता है। व्रत के विभिन्न तरीके होते हैं:

  • कुछ लोग दिनभर में केवल एक बार भोजन करते हैं, आमतौर पर शाम को।

  • कुछ लोग केवल फल, दूध और व्रत में खाया जाने वाला भोजन करते हैं।

  • अनाज, नमक, लहसुन, प्याज और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाता है।

  • कई भक्त केवल पूजा के बाद ही जल ग्रहण करते हैं।

  • शिव मंत्रों का जाप और मंदिर जाना इस दौरान आम होता है।

सावन में पूजा की विधि

भगवान शिव की पूजा सावन में विशेष रूप से की जाती है। पूजा की सामान्य प्रक्रिया:

  1. प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

  2. घर और पूजा स्थान की सफाई करें।

  3. लकड़ी की चौकी पर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

  4. घी का दीपक जलाएं।

  5. वैदिक मंत्रों का जाप करें।

  6. शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) अर्पित करें।

  7. पुनः गंगाजल से अभिषेक करें।

  8. बिल्वपत्र, सफेद मिष्ठान्न, पुष्प, इत्र, चंदन और अक्षत से शिवजी को श्रृंगार करें।

  9. शिव चालीसा और श्रावण मास कथा का पाठ करें।

सावन में प्रमुख शिव मंत्र

“ॐ नमः शिवाय”
सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र, जिसका जाप सावन में बहुत फलदायी माना जाता है।

“ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

यह महा मृत्युंजय मंत्र है, जिसे दीर्घायु, स्वास्थ्य और भयमुक्ति के लिए जपा जाता है।

सावन माह में प्रभावशाली शिव मंत्र
सावन के पावन महीने में भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं। ये मंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करते हैं और मानसिक शांति व स्वास्थ्य प्रदान करते हैं।

“ॐ नमः शिवाय”
(अर्थ: मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ।)
यह एक अत्यंत सरल, लेकिन अत्यंत शक्तिशाली पंचाक्षरी मंत्र है। इसका नियमित जाप मानसिक शुद्धि, आत्मबल और शिव कृपा के लिए किया जाता है।

“ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

(यह महा मृत्युंजय मंत्र है।)

अर्थ:
हम त्रिनेत्र वाले भगवान शिव की उपासना करते हैं, जो सबको जीवन देने वाले, सुगंधयुक्त और पोषण करने वाले हैं। जैसे ककड़ी अपने डंठल से सहजता से अलग हो जाती है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधनों से मुक्त कर अमरत्व प्रदान करें।

इन मंत्रों का नियमपूर्वक जाप करने से सावन में विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह रोग, भय, संकट और दुःख को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।

ब्यूनस आयर्स में पीएम मोदी को ‘की टू द सिटी’ सम्मान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान ‘की टू द सिटी’ (शहर की चाबी) सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान भारत और अर्जेंटीना के बीच संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए दिया गया। यह सम्मान विश्व के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही दिया जाता है जो किसी शहर के साथ विशेष संबंध बनाते हैं या उस शहर में सांस्कृतिक, राजनीतिक या आर्थिक जुड़ाव बढ़ाते हैं। यह यात्रा ऐतिहासिक रही, क्योंकि 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली अर्जेंटीना यात्रा थी।

प्रधानमंत्री मोदी को प्रतीकात्मक सम्मान

ब्यूनस आयर्स शहर सरकार के प्रमुख जॉर्ज मैकरी ने पीएम मोदी को यह सम्मान प्रदान किया। यह सम्मान परंपरागत रूप से किसी सम्मानित अतिथि को मैत्री और विश्वास का प्रतीक मानते हुए दिया जाता है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि यह सम्मान पीएम मोदी की भारत-अर्जेंटीना संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाने की भूमिका को दर्शाता है। पीएम मोदी ने इस गर्मजोशी से भरे स्वागत के लिए धन्यवाद व्यक्त किया और अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर तस्वीरें और संदेश साझा किए।

सांस्कृतिक श्रद्धांजलि और साझा विरासत

अपनी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि गांधीजी का शांति और अहिंसा का संदेश आज भी पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है। उन्होंने जनरल जोस दे सैन मार्टिन को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्हें अर्जेंटीना का राष्ट्रीय नायक माना जाता है। पीएम मोदी ने उनके दक्षिण अमेरिका की स्वतंत्रता संग्राम में नेतृत्व की सराहना की। इस यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य सांस्कृतिक सम्मान और साझा मूल्यों को उजागर करना था।

भारत-अर्जेंटीना संबंधों को नया विस्तार

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से मुलाकात की और उच्च स्तरीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने भारत-अर्जेंटीना के 75 वर्ष के राजनयिक संबंधों का जश्न मनाया और रक्षा, ऊर्जा, कृषि, खनन और व्यापार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

  • अर्जेंटीना ने भारत को लिथियम और शेल गैस आपूर्ति करने पर सहमति दी, जो भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए अहम है।

  • पीएम मोदी ने भारतीय दवाओं के आयात में सुविधा की भी मांग की।

  • खेल और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई।

  • पीएम मोदी ने राष्ट्रपति मिलेई को भारत आने का आमंत्रण भी दिया।

प्रवासी भारतीयों से भावुक मुलाकात

ब्यूनस आयर्स में पीएम मोदी का प्रवासी भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया। लोग उनके होटल के बाहर भारतीय झंडे लहराते, गीत गाते और नृत्य करते नजर आए। पीएम मोदी ने उनसे आत्मीयता से बातचीत की और कहा,

“दूरी कभी भी सांस्कृतिक रिश्तों को तोड़ नहीं सकती।”

उन्होंने प्रवासी भारतीयों के स्नेह को सराहा और कहा कि उनकी उपस्थिति ने इस यात्रा को और भी खास बना दिया।

 

IndiGo ने अमिताभ कांत को गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया

इंडिगो एयरलाइंस ने 3 जुलाई 2025 को पूर्व नीति आयोग सीईओ अमिताभ कांत को अपने निदेशक मंडल में गैर-कार्यकारी निदेशक (Non-Executive Director) के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की। यह नियुक्ति एक अनुभवी सरकारी नेता को भारत की अग्रणी एयरलाइनों में शामिल करती है, जिससे नीतिगत अनुभव और नवाचार की समझ कंपनी को और ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी। इंडिगो की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विस्तार योजनाओं के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।

एक उल्लेखनीय नियुक्ति

इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड द्वारा संचालित इंडिगो ने 3 जुलाई को बताया कि अमिताभ कांत उनके बोर्ड में शामिल हो गए हैं। कांत भारत सरकार के एक वरिष्ठ और प्रतिष्ठित पूर्व अधिकारी हैं, जो मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, और इनक्रेडिबल इंडिया जैसे प्रमुख अभियानों के पीछे की सोच के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने भारत के G20 शेरपा के रूप में कार्य किया था और पिछले महीने इस पद से हटे।

अमिताभ कांत का मजबूत अनुभव

अमिताभ कांत ने नीति आयोग के सीईओ के रूप में छह वर्षों तक काम किया। उन्होंने केंद्रीय सचिव, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के निदेशक, और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्य जैसे प्रमुख पदों पर भी कार्य किया। उनका कार्यक्षेत्र नवाचार, विकास, और भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत करने पर केंद्रित रहा है। उन्होंने कई ऐसे कार्यक्रमों की नींव रखी जो भारत की अर्थव्यवस्था और प्रतिष्ठा को वैश्विक स्तर पर बेहतर बनाने में सहायक रहे।

इंडिगो को लेकर कांत की सोच

अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए अमिताभ कांत ने कहा,

“सिर्फ 20 वर्षों से भी कम समय में इंडिगो ने भारत में हवाई यात्रा का तरीका पूरी तरह से बदल दिया है। यह उत्कृष्ट सेवा और कार्यक्षमता का वैश्विक उदाहरण बन गया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इंडिगो भारतीय हवाई अड्डों को वैश्विक केंद्र में बदलने में मदद कर सकता है, जिससे नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, व्यापार, और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

साहिल किन्नी बने RBI इनोवेशन हब के नए सीईओ

भारतीय फिनटेक क्षेत्र के चर्चित नाम साहिल किन्नी को रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) का नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति एक व्यापक चयन प्रक्रिया के बाद हुई जिसमें 400 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। RBIH, भारतीय रिज़र्व बैंक की उस पहल का हिस्सा है जिसका उद्देश्य देश में वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) में नवाचार को बढ़ावा देना है।

RBIH में नेतृत्व परिवर्तन

साहिल किन्नी ने राजेश बंसल का स्थान लिया है, जो पिछले चार वर्षों तक RBIH के संस्थापक सीईओ रहे। बंसल के कार्यकाल में Frictionless Credit प्लेटफॉर्म और महिलाओं की वित्तीय समावेशिता को बढ़ावा देने वाला Swanari कार्यक्रम जैसे अहम प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे। अब साहिल किन्नी के नेतृत्व में, हब नए विचारों को आजमाने, साझेदारियों को बढ़ाने और डिजिटल वित्तीय उपकरणों को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेगा।

साहिल किन्नी के बारे में

साहिल किन्नी आईआईटी मद्रास से स्नातक हैं और उन्होंने McKinsey, Aspada Investments और Titan जैसी प्रमुख कंपनियों में काम किया है। वर्ष 2018 में उन्होंने Setu नामक फिनटेक कंपनी की सह-स्थापना की थी, जिसे 2022 में Pine Labs ने अधिग्रहित कर लिया था। इसके अलावा, वह iSPIRIT Foundation से भी जुड़े रहे हैं, जहां उन्होंने Aadhaar, UPI और IndiaStack जैसे महत्वपूर्ण डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान दिया।

क्या है रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब?

रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) की स्थापना 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई के रूप में बेंगलुरु में की गई थी। इसका उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में नवाचार को प्रोत्साहित करना और सरकार, बैंकों, स्टार्टअप्स और तकनीकी कंपनियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। हब विशेष रूप से समावेशी ऋण, धोखाधड़ी रोकथाम, और डिजिटल वित्तीय अवसंरचना को मजबूत करने पर कार्य करता है। साहिल किन्नी से उम्मीद है कि वे इन प्रयासों को और आगे बढ़ाएंगे और नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

सुकन्या सोनोवाल बनीं कॉमनवेल्थ यूथ पीस एंबेसडर

आईआईटी गुवाहाटी की छात्रा सुकन्या सोनवाल को जुलाई 2025 की शुरुआत में कॉमनवेल्थ यूथ पीस एंबेसडर के रूप में चुना गया है। वह अब 2027 तक कॉमनवेल्थ यूथ पीस एंबेसडर्स नेटवर्क (CYPAN) में लीड – कम्युनिकेशन एंड पब्लिक रिलेशंस की भूमिका निभाएंगी। उनका कार्य 56 राष्ट्रों के युवाओं के बीच शांति और समझ को बढ़ावा देना होगा।

सुकन्या की भूमिका और CYPAN नेटवर्क

कॉमनवेल्थ यूथ पीस एंबेसडर्स नेटवर्क एक युवाओं द्वारा संचालित संगठन है, जो 56 राष्ट्रमंडल देशों में कार्य करता है। इसका उद्देश्य है हिंसा को रोकना, परस्पर सम्मान को बढ़ावा देना और शांति निर्माण करना। सुकन्या को नेटवर्क के 2025–2027 कार्यकाल के लिए कम्युनिकेशन और पब्लिक रिलेशंस की नेतृत्वकारी भूमिका दी गई है। वह वैश्विक स्तर पर युवाओं को जोड़ने, जानकारी साझा करने और जागरूकता फैलाने का काम करेंगी।

सुकन्या सोनवाल कौन हैं?

सुकन्या सोनवाल असम के लखीमपुर जिले की रहने वाली हैं और आईआईटी गुवाहाटी में बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग में बीटेक की चौथे वर्ष की छात्रा हैं। वह STEMvibe की सह-संस्थापक भी हैं, जो भारत के छात्रों में विज्ञान और तकनीक के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करता है। इस परियोजना से अब तक 3,000 से अधिक छात्र जुड़ चुके हैं।

वह The Integral Cup नामक राष्ट्रीय गणित प्रतियोगिता की संयोजक भी हैं, जिसमें पहले संस्करण में 2,500 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। उन्होंने Optiver, Qube Research & Technologies और Jane Street जैसे वैश्विक संगठनों के साथ भी कार्य किया है।

चयन प्रक्रिया और प्रतिक्रियाएं

सुकन्या का चयन तीन चरणों की चयन प्रक्रिया के बाद हुआ, जिसमें एक लिखित आवेदन और दो इंटरव्यू राउंड शामिल थे। चयनकर्ताओं ने शांति निर्माण, नेतृत्व और सामाजिक सेवा में उनके अनुभव को देखा।

आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो. देवेंद्र जलीहाल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि संस्थान को उन पर गर्व है और उन्हें विश्वास है कि सुकन्या वैश्विक स्तर पर अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बनेंगी।

सुकन्या ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा, “संचार बदलाव का एक शक्तिशाली माध्यम है और छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए।”

65 वर्षों बाद बंद होने की कगार पर माउना लोआ जलवायु स्टेशन

हवाई के माउना लोआ ज्वालामुखी की चोटी पर स्थित एक छोटा वेधशाला केंद्र पिछले 65 वर्षों से वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की मात्रा माप रहा है। इस स्टेशन ने जलवायु परिवर्तन के सबसे ठोस और दीर्घकालिक प्रमाण दिए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि मानव गतिविधियां पृथ्वी को गर्म कर रही हैं। लेकिन अब अमेरिकी सरकार इसे फंड देना बंद करने की योजना बना रही है, जिससे यह ऐतिहासिक स्टेशन बंद हो सकता है।

CO₂ क्यों है इतना अहम?

CO₂ एक ग्रीनहाउस गैस है जो पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी को बनाए रखती है। यह प्रक्रिया ग्रीनहाउस प्रभाव कहलाती है, जो पृथ्वी को जीवन योग्य तापमान देने में मदद करती है। लेकिन CO₂ का अत्यधिक स्तर ज़रूरत से ज्यादा गर्मी रोकता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग होती है। CO₂ मुख्य रूप से कोयला, तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधनों को जलाने से आता है—जैसे कि कार, फैक्ट्रियां और बिजली संयंत्र।

माउना लोआ की ऐतिहासिक भूमिका

1950 के दशक में वैज्ञानिक चार्ल्स कीलिंग ने माउना लोआ को CO₂ मापने के लिए चुना, क्योंकि यह शहरों और प्रदूषण से दूर था और यहां की हवा बेहद साफ थी।
1958 में, इस स्टेशन ने रोज़ाना वायुमंडलीय CO₂ मापना शुरू किया। इस डेटा से बना ग्राफ अब प्रसिद्ध है – “कीलिंग कर्व” – जो साल दर साल CO₂ की बढ़ोतरी को दिखाता है।

क्या सीख मिली?

  • सर्दियों में CO₂ बढ़ता है और गर्मियों में घटता है क्योंकि पेड़-पौधे गर्मियों में CO₂ अवशोषित करते हैं।

  • लेकिन कुछ वर्षों बाद यह साफ हो गया कि:

    हर साल औसत CO₂ लगातार बढ़ रहा है, मौसम से परे।

  • इसका मतलब था कि मानव गतिविधियां, खासकर जीवाश्म ईंधनों का जलना, इसका मुख्य कारण हैं।

यह स्टेशन क्यों है इतना अहम?

  • यह दुनिया के सबसे लंबे और भरोसेमंद जलवायु रिकॉर्ड में से एक है।

  • यह दर्शाता है कि CO₂ कितनी तेजी से बढ़ रहा है।

  • इससे सरकारों और वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद मिलती है कि उनकी जलवायु नीतियां कितनी प्रभावी हैं

अगर यह बंद हो गया तो क्या होगा?

  • सटीक और लंबे समय का डेटा रुक जाएगा।

  • यह तय करना मुश्किल होगा कि ग्लोबल वार्मिंग कम हो रही है या बढ़ रही है

  • यह वैसा ही होगा जैसे बिना स्पीडोमीटर के गाड़ी चलाना।

कुछ अन्य देश, जैसे ऑस्ट्रेलिया का केप ग्रिम स्टेशन (1976 से सक्रिय), अभी भी डेटा दे रहे हैं। लेकिन माउना लोआ की कमी को पूरी तरह भर पाना कठिन होगा।

CO₂ का स्तर क्यों चिंता की बात है?

  • 1960 के दशक में CO₂ का स्तर 320 ppm (पार्ट्स पर मिलियन) था।

  • आज यह 420 ppm से ऊपर पहुंच चुका है—जो मिलियन वर्षों में सबसे अधिक है।

इस तीव्र वृद्धि से हो रही हैं:

  • अधिक गर्म हवाएं और ताप लहरें

  • शक्तिशाली तूफान

  • समुद्र स्तर में बढ़ोतरी

  • अधिक जंगलों में आग और सूखे

चेहरा स्कैन कर राशन वितरण करने वाला पहला राज्य बना Himachal Pradesh

हिमाचल प्रदेश ने जुलाई 2025 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन देने के लिए आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन (FaceAuth) की शुरुआत कर दी है। यह तकनीक पहचान सत्यापन को आसान, तेज़ और अधिक विश्वसनीय बनाती है और OTP और फिंगरप्रिंट जैसे पुराने तरीकों में आने वाली समस्याओं को दूर करती है।

राशन वितरण के लिए नई तकनीक

इस नई व्यवस्था में राशन कार्डधारकों की पहचान उनके चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से की जाती है, जो उनके आधार नंबर से जुड़ी होती है। फेस ऑथेंटिकेशन एक मोबाइल ऐप के ज़रिए होता है, जो फेयर प्राइस शॉप (FPS) डीलर के स्मार्टफोन में इंस्टॉल किया गया है। जब लाभार्थी राशन लेने आता है, तो ऐप से उसका चेहरा स्कैन किया जाता है और आधार डेटा से मिलान कर उसे राशन दिया जाता है।

बदलाव क्यों जरूरी था?

OTP आधारित प्रणाली दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के कारण असफल हो जाती थी। फिंगरप्रिंट स्कैन भी कई बार UIDAI सर्वर की त्रुटियों या अंगुलियों के घिस जाने के कारण विफल हो जाता था। इन समस्याओं को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के डिजिटल तकनीक और शासन विभाग (DDTG) ने FaceAuth प्रणाली विकसित की और लागू की।

आधिकारिक बयान और आगे की योजना

मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार गोपाल बुटेल ने इस पहल को डिजिटल प्रशासन में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि फेस ऑथेंटिकेशन से पहचान की सफलता दर बढ़ेगी और राशन मिलने में लगने वाला समय घटेगा

राज्य सरकार का मानना है कि यह नई व्यवस्था लाभार्थियों को बिना देरी और दिक्कत के राशन तक पहुंच सुनिश्चित करेगी और समावेशी वितरण प्रणाली को बढ़ावा देगी।

आने वाले महीनों में यह तकनीक राज्य की सभी उचित मूल्य दुकानों (FPS) पर लागू की जाएगी। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन और लाभार्थी-केंद्रित शासन की दिशा में हिमाचल प्रदेश का एक प्रशंसनीय और अग्रणी कदम माना जा रहा है।

जेनिफर गेरलिंग्स-साइमन्स बनीं सुरिनाम की पहली महिला राष्ट्रपति

सुरिनाम की संसद ने 6 जुलाई 2025 को जेनिफर गेरलिंग्स-साइमन्स को देश की पहली महिला राष्ट्रपति के रूप में चुना। यह ऐतिहासिक निर्णय ऐसे समय पर आया है जब दक्षिण अमेरिकी देश सुरिनाम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उनकी नियुक्ति को सुरिनाम के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है और लोगों को उम्मीद है कि वे देश की वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद करेंगी।

महिला नेतृत्व की ऐतिहासिक जीत

71 वर्षीय डॉक्टर और सांसद जेनिफर गेरलिंग्स-साइमन्स को सुरिनाम की नेशनल असेंबली ने राष्ट्रपति चुना। यह असेंबली दो-तिहाई बहुमत से राष्ट्रपति का चुनाव करती है। वे बिना विरोध के चुनी गईं, क्योंकि मई 2025 के आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत न मिलने के बाद उनकी पार्टी ने सफलतापूर्वक गठबंधन बनाकर सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त किया था। वे 16 जुलाई 2025 को आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण करेंगी।
अपनी जीत के बाद उन्होंने कहा: “मैं जानती हूं कि यह जिम्मेदारी बहुत भारी है, और यह बोझ इसलिए भी बड़ा है क्योंकि मैं इस पद पर सेवा देने वाली पहली महिला हूं।”

आर्थिक संकट से जूझता देश

सुरिनाम की अर्थव्यवस्था फिलहाल गंभीर चुनौतियों से जूझ रही है। पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिकापरसाद सन्तोखी को देश की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की सहायता लेनी पड़ी थी।

हालांकि, सब्सिडी में कटौती और कर्ज पुनर्गठन जैसे कठोर कदमों से कुछ आर्थिक सुधार हुआ, लेकिन इससे जनता को भारी कष्ट हुआ और विरोध प्रदर्शन भी हुए।

अब नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति ग्रेगरी रूसलैंड के साथ मिलकर जेनिफर ने आर्थिक स्थिरता लाने का वादा किया है।
उनकी योजना में स्वर्ण खनन क्षेत्र में बेहतर कर वसूली के जरिए सरकारी आय बढ़ाना शामिल है।

तेल खोज से जुड़ी उम्मीदें

सुरिनाम को हाल ही में समुद्र के नीचे तेल के बड़े भंडार मिलने की वजह से भविष्य में आर्थिक सुधार की उम्मीद है।
पहला तेल उत्पादन 2028 में शुरू होने की संभावना है, जिससे देश को भारी राजस्व मिल सकता है।

लेकिन अर्थशास्त्री विंस्टन रामौतर्सिंह ने चेतावनी दी है कि तब तक देश को हर साल लगभग $400 मिलियन डॉलर कर्ज और ब्याज के रूप में चुकाने होंगे, जो फिलहाल देश के पास नहीं है।
पिछली सरकार द्वारा कर्ज अदायगी में ली गई मोहलत केवल अस्थायी थी।

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