मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित

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प्रख्यात अंग्रेजी लेखक रस्किन बॉन्ड को उनके मसूरी स्थित घर पर प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी फेलोशिप से सम्मानित किया गया। बॉन्ड को सितंबर 2021 में अकादमी के सर्वोच्च सम्मान के लिए नामित किया गया था। हालांकि खराब स्वास्थ्य के चलते उन्हें व्यक्तिगत रूप से सम्मान नहीं दिया जा सका था।

अकादमी ने एक बयान में कहा कि साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक और सचिव के श्रीनिवासराव ने बॉन्ड को उनके घर पर पट्टिका सौंपी। बॉन्ड का जन्म 19 मई 1934 को हिमाचल प्रदेश के कसौली में हुआ था। बॉन्ड पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्होंने लघु कथाएं, बच्चों की किताबें, उपन्यास, आत्मकथात्मक रचनाएं और गैर-काल्पनिक साहित्य सहित साहित्य की विभिन्न शैलियों में लिखा है।

पद्मविभूषण से अलंकृत

बांड को वर्ष 1993 में भारतीय साहित्य अकादमी से पुरस्कार दिया गया। वर्ष 1999 में पद्मश्री और 2014 में पद्मविभूषण से अलंकृत किया गया था। दिल्ली सरकार द्वारा 2012 में लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड, गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की मानद उपाधि से विभूषित किया गया। वर्ष 1956 में इंग्लैंड में उनकी पहली पुस्तक द रूम ऑन द रूफ के लिए 1957 में जॉन लियानरायम मेमोरियल पुरस्कार से नवाजा गया। बांड के उपन्यास पर श्याम बेनेगल ने ‘एक था रस्टी’ सीरियल बनाया। फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने ‘सात खून माफ’ फिल्म बनाई।

IndiaSkills 2024: भारत की प्रमुख कौशल प्रतियोगिता का अनावरण

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इंडियास्किल्स 2024 की भव्य शुरुआत 15 मई 2024 को यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में हुई। चार दिनों की अवधि में, यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता 61 विविध श्रेणियों में छात्रों की दक्षता का आकलन करेगी, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।

एनएसडीसी द्वारा आयोजित

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी), इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन करता है। राज्य सरकारों, उद्योग हितधारकों, सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) और कॉर्पोरेट्स सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा समर्थित, इंडिया स्किल्स कॉम्पिटिशन का उद्देश्य भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है।

छात्र चयन प्रक्रिया (Student Selection Process)

30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिभागियों को आकर्षित करते हुए, प्रतियोगिता में 400 उद्योग विशेषज्ञों के साथ लगभग 900 छात्र शामिल हैं। स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) पोर्टल के माध्यम से प्रारंभिक स्क्रीनिंग के परिणामस्वरूप 26,000 उम्मीदवारों के प्रारंभिक पूल में से 900 उम्मीदवारों का चयन किया गया, जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करेंगे, जबकि अन्य जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं को आगे बढ़ाएंगे।

विविध कौशल मूल्यांकन

इंडियास्किल्स 2024 में पारंपरिक शिल्प जैसे आभूषण बनाने से लेकर समकालीन तकनीकों जैसे ड्रोन फिल्म निर्माण और संवर्धित वास्तविकता/आभासी वास्तविकता तक दक्षताओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। नई दिल्ली में आयोजित 47 प्रतियोगिताओं और कर्नाटक, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में 14 प्रतियोगिताओं के साथ, यह आयोजन देश की समृद्ध कौशल विविधता को रेखांकित करता है।

महत्व और भविष्य की संभावनाएं

कौशल विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में, इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता प्रतिभा को पोषित करने और वैश्विक मानक स्थापित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उद्योग के विशेषज्ञों से उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए खड़े हैं, जो सितंबर 2024 के लिए निर्धारित फ्रांस के ल्योन में प्रतिष्ठित वर्ल्डस्किल्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

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माइक्रोसॉफ्ट का एआई और क्लाउड बूस्ट: फ्रांस में €4 बिलियन का निवेश

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्लाउड कंप्यूटिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करने वाले एक कदम में, टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प ने फ्रांस में क्लाउड और एआई बुनियादी ढांचे के निर्माण में € 4 बिलियन (लगभग $ 4.3 बिलियन) का निवेश करने की योजना की घोषणा की है। यह नवीनतम निवेश अपनी एआई क्षमताओं को आगे बढ़ाने और विश्व स्तर पर अपनी क्लाउड सेवाओं का विस्तार करने पर कंपनी के निरंतर ध्यान पर प्रकाश डालता है।

एआई प्रतिभा का पोषण और स्टार्टअप का समर्थन करना

माइक्रोसॉफ्ट के निवेश का उद्देश्य फ्रांस में एक जीवंत एआई पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। कंपनी का लक्ष्य 2027 तक दस लाख लोगों को प्रशिक्षित करना और 2,500 स्टार्टअप को सहायता प्रदान करना है। यह पहल एआई को विकास और नवाचार के प्रमुख क्षेत्र के रूप में विकसित करने पर फ्रांस के रणनीतिक फोकस के साथ संरेखित है।

फ्रेंच एआई स्टार्टअप मिस्ट्रल एआई के साथ सहयोग

इस साल की शुरुआत में, Microsoft ने AI क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करने वाले पेरिस के स्टार्टअप मिस्ट्रल AI के साथ साझेदारी का अनावरण किया। सहयोग में माइक्रोसॉफ्ट से € 15 मिलियन का निवेश शामिल था, जो फ्रांस में एआई नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

फ्रांस की एआई और तकनीकी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करना

माइक्रोसॉफ्ट की घोषणा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के “फ्रांस चुनें” शिखर सम्मेलन के साथ मेल खाती है, जिसका उद्देश्य विदेशी कंपनियों को आकर्षित करना और फ्रांस को यूरोपीय संघ के लिए वित्तीय केंद्र के रूप में स्थान देना है। निवेश फ्रांस की एआई और प्रौद्योगिकी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक प्रयास का हिस्सा है, Amazon.com इंक जैसे अन्य तकनीकी दिग्गज भी बुनियादी ढांचे और कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं।

वैश्विक एआई और क्लाउड निवेश

फ्रांस में Microsoft का निवेश अपने Azure क्लाउड और संबंधित AI टूल पर खर्च में तेजी लाने के लिए कंपनी की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने जर्मनी में इसी तरह के € 3.2 बिलियन निवेश की घोषणा की, और अप्रैल में, उसने अबू धाबी एआई फर्म G42 में $ 1.5 बिलियन का निवेश किया।

नियामक जांच और अविश्वास चिंताएं

जबकि Microsoft AI और क्लाउड कंप्यूटिंग में महत्वपूर्ण निवेश करना जारी रखता है, कंपनी अपने क्लाउड व्यवसाय और AI निवेशों पर बढ़ती अविश्वास जांच का सामना कर रही है, जिसमें OpenAI में निवेश किए गए $10 बिलियन से अधिक शामिल हैं।

जैसे-जैसे एआई वर्चस्व की दौड़ तेज होती जा रही है, फ्रांस में माइक्रोसॉफ्ट का निवेश स्थानीय भागीदारों के साथ नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देते हुए इस तेजी से विकसित प्रौद्योगिकी परिदृश्य में सबसे आगे रहने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

  • माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के संस्थापक: बिल गेट्स, पॉल एलन;
  • माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प मुख्यालय: रेडमंड, वाशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका;
  • माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प की स्थापना: 4 अप्रैल 1975, अल्बुकर्क, न्यू मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका;
  • माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प चेयरपर्सन: सत्य नडेला (अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी)।

भारतीय वायु सेना ने पोर्टेबल हॉस्पिटल का किया सफल परीक्षण

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वायु सेना ने भीष्म पोर्टेबल क्यूबस का परीक्षण किया। ये पोर्टेबल क्यूबस एक प्रकार के पोर्टेबल अस्पताल हैं। जिनकी मदद से आपातकालीन स्थिति में जरूरतमंदों की मदद के लिए जरूरी इलाज की सामग्री पहुंचाई जाएगी। वायु सेना नी आगरा में इन पोर्टेबल क्यूबस का सफल परीक्षण किया।

लगभग 1500 फीट की ऊंचाई से इस पोर्टेबल अस्पताल को जमीन पर लैंड कराया गया है। भीष्म प्रोजेक्ट को स्वास्थ्य, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की टीम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।

एक साथ 200 लोगों का इलाज

विमान से 1500 फीट से अधिक की दूरी से पोर्टेबल अस्पताल को दो पैराशूट के समूह से जमीन पर उतारा गया। क्यूबनुमा अस्पताल महज 12 मिनट में बनकर तैयार हो गया। यह वाटरप्रूफ और बेहद हल्का है। इसमें एक साथ 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। यह पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल है। इसे ड्रोन की मदद से कहीं ले भी जा सकते हैं।

प्रोजेक्ट का उद्देश्य

पीएम मोदी के नेतृत्व में भीष्म प्रोजेक्ट शुरू किया था। प्रोजेक्ट का उद्देश्य आपदाग्रस्त अथवा युद्धग्रस्त क्षेत्र में गंभीर लोगों को जल्द इलाज उपलब्ध कराना है। मंगलवार को पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को पैक किया गया। एक सिरे में पैराशूट का समूह बांधा गया और दूसरे सिरे में लोहे के प्लेटफॉर्म से पोर्टेबल अस्पताल को बांध दिया। मलपुरा ड्रॉपिंग जोन के आसमान से वायु सेना के विमान ने इसे नीचे फेंका। नीचे गिरने के बाद यह चेक किया जाना था कि अस्पताल कितनी देर में तैयार हो जाता है।

क्यूब महज 12 मिनट में तैयार

इस अस्पताल को वायु, भूमि या फिर समुद्र में तैयार किया जा सकता है। जमीन पर गिरते ही क्यूब महज 12 मिनट में तैयार हो गया। हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एडीआरडीई) की टीम ने पैराशूट विकसित किए हैं। इसको कहीं पर भी उतारने में दो पैराशूट का प्रयोग किया जाता है।

क्यूब केज के दो सेट

भीष्म में मास्टर क्यूब केज के दो सेट होते हैं। प्रत्येक केज में 36 मिनी क्यूब होते हैं। यह क्यूब बहुत मजबूत होने के साथ हल्के भी होते हैं। इस अस्पताल को कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है। इसकी पैकिंग ऐसी की जाती है कि भूमि पर गिरने के बाद खुलने में कोई दिक्कत न आए।

नासा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए नए प्रमुख की नियुक्ति की

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को उसका पहला चीफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी अधिकारी मिल गया है। नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने 12 मई को डेविड साल्वाग्निनी को एजेंसी का नया मुख्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अधिकारी नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति तत्काल रूप से प्रभावी हो गई है। नासा के मुताबिक, यह भूमिका मुख्य डेटा अधिकारी के रूप में साल्वाग्निनी की वर्तमान भूमिका का विस्तार है।

माना जा रहा है कि नासा के लिए डेविड साल्वाग्निनी नियुक्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे एजेंसी की खोज बढ़ावा मिलेगा और उसकी दक्षता बढ़ेगी। इसे विभिन्न मिशनों और संचालनों में एआई तकनीकी को एकीकृत करने की नासा की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण कदम बाताया जा रहा है।

कौन हैं डेविड साल्वाग्निनी?

डेविड साल्वाग्निनी इंटेलीजेंस कम्युनिटी में तकनीकी नेतृत्व में 20 से ज्यादा वर्षों तक काम करने के बाद जून 2023 में नासा में शामिल हुए थे। नासा में अपनी भूमिका से पहले, उन्होंने आर्किटेक्चर और इंटीग्रेशन ग्रुप के निदेशक और मुख्य आर्किटेक्ट के रूप में राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय में कार्य किया। साल्वाग्निनी ने उद्यम स्तर के आईटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इंजीनियरिंग और संचालन को आगे बढ़ाने वाले डेटा, आईटी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्यक्रमों में अग्रणी विभिन्न भूमिकाओं में भी काम किया। डेविड साल्वाग्निनी ने 21 वर्षों तक वायु सेना में सेवा दी और मई 2005 में संचार और कंप्यूटर सिस्टम अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

साल्वाग्निनी की जिम्मेदारियों में

साल्वाग्निनी की जिम्मेदारियों में अन्य सरकारी एजेंसियों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग भागीदारों और विशेषज्ञों के साथ नासा के सहयोग को जारी रखना भी शामिल होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एजेंसी एआई तकनीक में अग्रणी बनी रहे। नासा कई एप्लीकेशंस में एआई का लाभ उठाता है, जिसमें पृथ्वी विज्ञान इमेजरी का विश्लेषण करने से लेकर दृढ़ मंगल रोवर जैसे अंतरिक्ष यान के साथ संचार का प्रबंधन करना शामिल है। साल्वाग्निनी की नियुक्ति से पहले, नासा के मुख्य वैज्ञानिक केट केल्विन ने अस्थायी रूप से कार्यवाहक जिम्मेदार एआई अधिकारी का पद संभाला था।

सीडब्ल्यूआर रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं: भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों का प्रदर्शन विश्लेषण

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सेंटर फॉर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग (सीडब्ल्यूयूआर) ने अपनी 2024 रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए मिश्रित स्थिति का खुलासा किया गया है। जबकि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद ने अपनी रैंक में सुधार किया, प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान सहित कई अन्य ने गिरावट का अनुभव किया। रिपोर्ट बताती है कि अनुसंधान उत्पादन में प्रगति के बावजूद, यह सफलता उच्च शिक्षा उत्कृष्टता के बराबर नहीं है। इसके अलावा, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने विभिन्न प्रदर्शन देखे, आईआईटी बॉम्बे रैंकिंग में उल्लेखनीय रूप से ऊपर चढ़ा।

मुख्य निष्कर्ष

भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन

  • आईआईएम अहमदाबाद अग्रणी: वैश्विक स्तर पर 410वां स्थान हासिल करते हुए, आईआईएम अहमदाबाद भारत के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले संस्थान के रूप में उभरा है।
  • भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) की गिरावट: अपनी ऐतिहासिक प्रमुखता के बावजूद, आईआईएससी सात पायदान नीचे गिरकर अब 501वें स्थान पर है।
  • फोकस में आईआईटी: आईआईटी बॉम्बे 14 पायदान चढ़कर 568वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि आईआईटी दिल्ली और आईआईटी खड़गपुर शीर्ष 10 प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे।

शीर्ष 10 भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान

  • भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (410)
  • भारतीय विज्ञान संस्थान (501)
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (568)
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (582)
  • टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (606)
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (616)
  • दिल्ली विश्वविद्यालय (622)
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर (704)
  • वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी अनुसंधान अकादमी (798)
  • पंजाब विश्वविद्यालय (823)

वैश्विक परिदृश्य

हार्वर्ड का दबदबा: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने लगातार 13वें साल वैश्विक रैंकिंग में अपना दबदबा कायम रखा है।
चीनी प्रगति: चीनी संस्थानों ने महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई है, 95% सूची में आगे बढ़े हैं, जिसका श्रेय अनुसंधान और विकास में मजबूत निवेश को जाता है।

क्रियाविधि

सीडब्ल्यूयूआर रिपोर्ट 62 मिलियन परिणाम-आधारित डेटा बिंदुओं का विश्लेषण करती है, जो चार मापदंडों के आधार पर दुनिया भर के विश्वविद्यालयों का आकलन करती है: शिक्षा की गुणवत्ता, रोजगार क्षमता, संकाय गुणवत्ता और अनुसंधान। सूची में 94 देशों के 20,966 विश्वविद्यालय शामिल हैं, जो वैश्विक उच्च शिक्षा प्रदर्शन का व्यापक अवलोकन प्रदान करते हैं।

सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से लिया संन्यास

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भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने बताया कि वह अपना आखिरी मुकाबला छह जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे। छेत्री ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी कर दी।

कुवैत के खिलाफ अंतिम मैच खेलेंगे छेत्री

39 वर्षीय छेत्री ने संन्यास लेने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि, ‘पिछले 19 वर्षों में मुझे जो एहसास याद है, वह कर्तव्य, दबाव और अपार खुशी का एक बहुत अच्छा संयोजन है।’ भारतीय फुटबॉल दिग्गज ने कहा कि कुवैत के खिलाफ मैच राष्ट्रीय स्तर पर उनका आखिरी गेम होगा।

सुनील छेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह घोषणा की। कुवैत के खिलाफ मैच – जो फीफा विश्व कप क्वालीफायर के दूसरे दौर का हिस्सा है- उनका आखिरी गेम होगा। यह मैच 6 जून को साल्ट लेक स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत फिलहाल ग्रुप ए में कतर के बाद चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है।

अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत

सुनील छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वह सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल (94) करने वाले चौथे खिलाड़ी है। वहीं, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेस्सी के बाद सक्रिय खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें साल 2011 में अर्जुन पुरुस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल का निधन

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कांग्रेस की दिग्गज नेता और गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल का निधन हो गया। उनकी उम्र 97 साल थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कमला बेनीवाल के निधन पर दुख प्रकट किया।

पीएम ने लिखा कि डॉ. कमला बेनीवाल जी के निधन से दुःख हुआ। राजस्थान में उनका लंबा राजनीतिक करियर रहा, जहां उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की। जब वह गुजरात की राज्यपाल थीं और मैं मुख्यमंत्री था, तब मेरी उनके साथ कई बार बातचीत हुई। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं।’

 

कौन थीं कमला बेनीवाल

उनका जन्म 12 जनवरी 1927 राजस्थान के झुंझुनू जिले के गोरिर गांव के जाट परिवार में हुआ था। वह कांग्रेस की वरिष्ठ राजनेता थीं। कमला बेनीवाल की शिक्षा झुंझनूं में ही हुई थी। उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। कमला बेनीवाल साल 1954 में 27 वर्ष की उम्र में विधानसभा चुनाव जीतकर राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। कमला बेनीवाल 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्यपाल नियुक्त हुईं थीं और इससे पहले त्रिपुरा का राज्यपाल भी रही थीं। 15 साल की उम्र में बेनीवाल ने ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में हिस्सा लिया था। सात बार विधायक रह चुकीं बेनीवाल राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी में कई पदों पर रहने के अलावा राजस्थान की उप मुख्यमंत्री भी रह चुकी थीं।

 

 

भारत की शहरी बेरोजगारी दर मार्च तिमाही में घटकर 6.7% रह गई

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देश में शहरी बेरोजगारी दर मार्च तिमाही में मामूली घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई है। एक साल पहले समान अवधि में यह 6.8 फीसदी थी। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए शहरी बेरोजगारी पिछले साल अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर में 6.6 फीसदी थी। अक्तूबर-दिसंबर में यह 6.5 फीसदी थी।

एनएसओ की ओर से जारी 22वें पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक, शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च में घटकर 8.5 प्रतिशत हो गई। एक साल पहले इसी तिमाही में यह दर 9.2 प्रतिशत थी। अप्रैल-जून 2023 में यह 9.1 फीसदी, जुलाई-सितंबर 2023 में 8.6 फीसदी और अक्तूबर-दिसंबर 2023 में 8.6 फीसदी थी।

 

पुरुषों में बढ़कर 6.1 फीसदी

शहरी पुरुषों में बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च में बढ़कर 6.1 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। एक साल पहले की अवधि में 6 प्रतिशत थी। अप्रैल-जून 2023 में यह 5.9 फीसदी, जुलाई-सितंबर 2023 में 6 फीसदी और अक्तूबर-दिसंबर 2023 में 5.8 फीसदी थी। शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) में श्रम बल भागीदारी दर 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही में बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई। एक साल पहले इसी अवधि में 48.5 प्रतिशत थी।

श्रीलंका में भी UPI से कर सकेंगे पेमेंट, PhonePe-लंकापे ने की साझेदारी

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श्रीलंका जाने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए एक राहत भरी खबर है। अब श्रीलंका में पेमेंट करने के लिए किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि श्रीलंका में अब फोनपे यूपीआई लॉन्च किया गया जिससे भारतीय सैलानी आसानी से पेमेंट कर पाएंगे।

 

फोनपे ने लंकापे के साथ साझेदारी की

फोनपे ने लंकापे के साथ साझेदारी की घोषणा की। इससे कंपनी के उपयोगकर्ताओं को श्रीलंका में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का उपयोग करके भुगतान करने की सुविधा होगी। यहां आयोजित एक कार्यक्रम में फोनपे ने कहा कि श्रीलंका की यात्रा करने वाले सैलानी उसके ऐप के जरिये लंकापे क्यूआर का उपयोग करने वाले यहां के कारोबारियों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं।

लेनदेन को यूपीआई और लंकापे नेशनल पेमेंट नेटवर्क सुलभ बनाएगा। इससे उपयोगकर्ता लंका क्यूआर कोड को स्कैन कर सुरक्षित और त्वरित भुगतान कर सकते हैं। राशि विनिमय दर के आधार पर भारतीय रुपये में कटेगी।

 

भारतीय पर्यटकों को काफी सुविधा

फोनपे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (अंतरराष्ट्रीय भुगतान) रितेश पई ने कहा कि लंकापे के साथ सहयोग से भारतीय पर्यटकों को काफी सुविधा मिलेगी। वे अब यात्रा करते समय और लंका क्यूआर का उपयोग करने वाले कारोबारियों को भुगतान करते समय आसान और सुरक्षित भुगतान व्यवस्था का उपयोग कर सकते हैं।

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