वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में भारत में FDI 15% बढ़ा

नए सुधारों से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बड़ा लाभ मिला है। छोटे पेट्रोल और डीज़ल कारें, हाइब्रिड वाहन, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें, तिपहिया वाहन तथा ट्रक और एम्बुलेंस जैसे वाणिज्यिक वाहन, जिन पर पहले 28% कर लगता था, अब केवल 18% जीएसटी के दायरे में आएंगे। इससे वाहनों की कीमतें घटने और ऑटो सेक्टर में माँग बढ़ने की उम्मीद है। इसी तरह, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे एयर कंडीशनर, सभी आकार के टेलीविज़न, डिशवॉशिंग मशीन, मॉनिटर और प्रोजेक्टर को भी 28% से घटाकर 18% स्लैब में लाया गया है। यह निर्णय घरेलू माँग को बढ़ावा देने और विनिर्माण उद्योग को समर्थन देने के उद्देश्य से लिया गया है।

40% ‘पाप और विलासिता वस्तुओं’ का स्लैब

आवश्यक वस्तुओं पर दरों में कटौती से होने वाले राजस्व घाटे को संतुलित करने के लिए जीएसटी परिषद ने पाप और विलासिता वस्तुओं पर 40% का नया स्लैब बनाया। इस श्रेणी में पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, शीतल पेय, कैफीन युक्त ड्रिंक्स, कार्बोनेटेड फ्रूट जूस, छोटे वाहनों की सीमा से ऊपर की लग्ज़री कारें, 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें, नौकाएँ, निजी उपयोग के लिए विमान और रिवॉल्वर-पिस्तौल जैसे हथियार शामिल हैं। इसके अलावा कैसीनो, सट्टेबाज़ी, जुआ, रेस क्लब, ऑनलाइन गेमिंग और बुकमेकर के लाइसेंस पर भी 40% जीएसटी लगेगा। यह उच्च दर सुनिश्चित करती है कि विलासिता और हानिकारक वस्तुएँ राजस्व का प्रमुख स्रोत बनी रहें, जबकि आम परिवार प्रभावित न हों।

खनन, कागज़ और वस्त्र क्षेत्र में दर वृद्धि

कुछ क्षेत्रों में जीएसटी दरें बढ़ाई गईं। उदाहरण के लिए, कोयला, लिग्नाइट और पीट, जिन पर पहले 5% कर लगता था, अब 18% के स्लैब में लाए गए हैं, जिससे कोयले पर आधारित उद्योगों की लागत बढ़ सकती है। कागज़ क्षेत्र में केमिकल वुड पल्प और विभिन्न पेपरबोर्ड को 12% से बढ़ाकर 18% कर दायरे में लाया गया। इसी तरह वस्त्र क्षेत्र में ₹2,500 से अधिक कीमत वाले परिधानों और रजाइयों को 12% से बढ़ाकर 18% किया गया। ये बदलाव उद्योग-विशिष्ट लागत तो बढ़ा सकते हैं, लेकिन विसंगतियाँ दूर करने और सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए आवश्यक माने गए हैं।

अनुपालन और रिफंड में सरलीकरण

दर संशोधनों से आगे बढ़ते हुए, परिषद ने कई अनुपालन सुधारों की घोषणा की। अब कम जोखिम वाले आवेदकों को मात्र तीन दिनों में स्वचालित जीएसटी पंजीकरण मिलेगा, जिससे लगभग 96% नए व्यवसायों को लाभ होगा। रिफंड प्रक्रिया भी सरल की गई है, जिसके तहत नवंबर 2025 से स्वचालित डेटा विश्लेषण के आधार पर 90% प्रावधिक रिफंड दिए जाएंगे। निर्यातकों को भी कर वापसी के लिए सीमा समाप्त कर दी गई है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए अनुपालन आसान होगा।

न्यायाधिकरण और कानूनी सुधार

परिषद ने पुष्टि की कि वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) वर्ष 2025 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा। जीएसटीएटी की प्रधान पीठ राष्ट्रीय अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण के रूप में भी कार्य करेगी। अपीलें 30 सितंबर 2025 तक दाखिल करनी होंगी, सुनवाई 31 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और लंबित अपीलें 30 जून 2026 तक दाखिल करनी होंगी। परिषद ने सीजीएसटी की धारा 15 और 34 में छूट और क्रेडिट नोट से संबंधित संशोधन भी किए, ताकि अधिक स्पष्टता लाई जा सके और विवाद कम हों।

56वीं जीएसटी परिषद बैठक: मुख्य बातें और सुधार

56वीं जीएसटी परिषद बैठक, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में की, को 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सबसे बड़े सुधारों में से एक माना जा रहा है। यह बैठक, जो 4 सितंबर तक जारी रहेगी, अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर केंद्रित है। इसमें मध्यम वर्ग पर बोझ घटाने, व्यवसायों के लिए अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने और राजस्व संग्रह को बेहतर करने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक की प्रमुख घोषणा चार कर स्लैब को घटाकर दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—में समाहित करना रही, साथ ही विलासिता और पाप वस्तुओं के लिए विशेष 40% का नया स्लैब लागू किया गया। इन सुधारों से आम उपभोग की वस्तुएँ सस्ती होंगी, उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा और जीएसटी संरचना अधिक सरल और पारदर्शी बनेगी।

दो-स्तरीय जीएसटी संरचना की शुरुआत

परिषद ने लंबे समय से लंबित सुधार को मंजूरी देते हुए 12% और 28% कर स्लैब को समाप्त कर दिया। इसके स्थान पर अब एक सरल संरचना लागू होगी, जिसमें केवल 5% और 18% की दरें होंगी और यह अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं को कवर करेगी। इस बदलाव को पारदर्शिता और व्यवसाय करने में सुगमता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया। साथ ही परिषद ने पाप और विलासिता की वस्तुओं के लिए 40% का विशेष स्लैब भी लागू किया, ताकि जहाँ आवश्यक वस्तुएँ सस्ती होंगी वहीं तंबाकू, पान मसाला, उच्च श्रेणी की गाड़ियाँ, नौकाएँ और शीतल पेय जैसी वस्तुओं से अधिक राजस्व प्राप्त हो। वित्त मंत्री के अनुसार, इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य आम परिवारों का बोझ घटाना और स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि जैसे क्षेत्रों को सशक्त बनाना है।

परिवारों और दैनिक आवश्यकताओं के लिए राहत

इन सुधारों का एक बड़ा हिस्सा रोज़मर्रा की उपभोक्ता वस्तुओं पर केंद्रित रहा। हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथब्रश, शेविंग क्रीम और बर्तनों पर कर की दरें 18% से घटाकर 5% कर दी गईं। इसी तरह, मक्खन, घी, पनीर और डेयरी स्प्रेड को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया। परिषद ने पैक्ड स्नैक्स जैसे नमकीन, भुजिया और मिक्सचर, साथ ही बर्तनों, बच्चों की फीडिंग बोतल, क्लिनिकल डायपर और सिलाई मशीनों को भी 5% स्लैब में शामिल किया। ये फैसले मध्यम वर्गीय परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करेंगे और उनकी मासिक आवश्यक खर्चों को कम करेंगे।

किसानों और कृषि के लिए सहयोग

संशोधित कर संरचना से किसानों को भी उल्लेखनीय लाभ मिला है। ट्रैक्टर, ट्रैक्टर के टायर, कीटनाशक, जैव-पोषक तत्व, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और स्प्रिंकलर को ऊँचे कर स्लैब से घटाकर मात्र 5% श्रेणी में ला दिया गया है। मिट्टी की तैयारी और खेती में प्रयुक्त कृषि मशीनरी को भी निचले स्लैब में शामिल किया गया है। इन बदलावों का उद्देश्य किसानों पर लागत का बोझ कम करना, कृषि उपकरणों और इनपुट्स को अधिक किफायती बनाना और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा देना है।

स्वास्थ्य सेवा और दवाओं पर ध्यान

स्वास्थ्य क्षेत्र को सबसे महत्वपूर्ण कर छूटों में से कुछ प्रदान की गई हैं। जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम, जिस पर पहले 18% जीएसटी लगता था, अब पूरी तरह जीएसटी-मुक्त कर दिया गया है। थर्मामीटर, ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट, मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन और दृष्टि सुधारक चश्मों जैसी आवश्यक स्वास्थ्य उत्पादों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। विशेष रूप से, 33 जीवनरक्षक दवाओं को पूरी तरह जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा, एगाल्सिडेज बीटा, इमिग्लुसेरेज और एप्टाकॉग अल्फा जैसी अत्यधिक विशिष्ट दवाओं को भी 5% से घटाकर शून्य कर (Nil Tax) श्रेणी में शामिल किया गया है। इन सुधारों से स्वास्थ्य लागत कम होगी और गंभीर व दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।

ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में बदलाव

नए सुधारों से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बड़ा लाभ मिला है। छोटे पेट्रोल और डीज़ल कारें, हाइब्रिड वाहन, 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें, तिपहिया वाहन तथा ट्रक और एम्बुलेंस जैसे वाणिज्यिक वाहन, जिन पर पहले 28% कर लगता था, अब केवल 18% जीएसटी के दायरे में आएंगे। इससे वाहनों की कीमतें घटने और ऑटो सेक्टर में माँग बढ़ने की उम्मीद है। इसी तरह, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे एयर कंडीशनर, सभी आकार के टेलीविज़न, डिशवॉशिंग मशीन, मॉनिटर और प्रोजेक्टर को भी 28% से घटाकर 18% स्लैब में लाया गया है। यह निर्णय घरेलू माँग को बढ़ावा देने और विनिर्माण उद्योग को समर्थन देने के उद्देश्य से लिया गया है।

40% ‘पाप और विलासिता वस्तुओं’ का स्लैब

आवश्यक वस्तुओं पर दरों में कटौती से होने वाले राजस्व घाटे को संतुलित करने के लिए जीएसटी परिषद ने पाप और विलासिता वस्तुओं पर 40% का नया स्लैब बनाया। इस श्रेणी में पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, शीतल पेय, कैफीन युक्त ड्रिंक्स, कार्बोनेटेड फ्रूट जूस, छोटे वाहनों की सीमा से ऊपर की लग्ज़री कारें, 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें, नौकाएँ, निजी उपयोग के लिए विमान और रिवॉल्वर-पिस्तौल जैसे हथियार शामिल हैं। इसके अलावा कैसीनो, सट्टेबाज़ी, जुआ, रेस क्लब, ऑनलाइन गेमिंग और बुकमेकर के लाइसेंस पर भी 40% जीएसटी लगेगा। यह उच्च दर सुनिश्चित करती है कि विलासिता और हानिकारक वस्तुएँ राजस्व का प्रमुख स्रोत बनी रहें, जबकि आम परिवार प्रभावित न हों।

खनन, कागज़ और वस्त्र क्षेत्र में दर वृद्धि

कुछ क्षेत्रों में जीएसटी दरें बढ़ाई गईं। उदाहरण के लिए, कोयला, लिग्नाइट और पीट, जिन पर पहले 5% कर लगता था, अब 18% के स्लैब में लाए गए हैं, जिससे कोयले पर आधारित उद्योगों की लागत बढ़ सकती है। कागज़ क्षेत्र में केमिकल वुड पल्प और विभिन्न पेपरबोर्ड को 12% से बढ़ाकर 18% कर दायरे में लाया गया। इसी तरह वस्त्र क्षेत्र में ₹2,500 से अधिक कीमत वाले परिधानों और रजाइयों को 12% से बढ़ाकर 18% किया गया। ये बदलाव उद्योग-विशिष्ट लागत तो बढ़ा सकते हैं, लेकिन विसंगतियाँ दूर करने और सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए आवश्यक माने गए हैं।

अनुपालन और रिफंड में सरलीकरण

दर संशोधनों से आगे बढ़ते हुए, परिषद ने कई अनुपालन सुधारों की घोषणा की। अब कम जोखिम वाले आवेदकों को मात्र तीन दिनों में स्वचालित जीएसटी पंजीकरण मिलेगा, जिससे लगभग 96% नए व्यवसायों को लाभ होगा। रिफंड प्रक्रिया भी सरल की गई है, जिसके तहत नवंबर 2025 से स्वचालित डेटा विश्लेषण के आधार पर 90% प्रावधिक रिफंड दिए जाएंगे। निर्यातकों को भी कर वापसी के लिए सीमा समाप्त कर दी गई है, जिससे छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए अनुपालन आसान होगा।

न्यायाधिकरण और कानूनी सुधार

परिषद ने पुष्टि की कि वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) वर्ष 2025 के अंत तक काम करना शुरू कर देगा। जीएसटीएटी की प्रधान पीठ राष्ट्रीय अग्रिम निर्णय अपीलीय प्राधिकरण के रूप में भी कार्य करेगी। अपीलें 30 सितंबर 2025 तक दाखिल करनी होंगी, सुनवाई 31 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और लंबित अपीलें 30 जून 2026 तक दाखिल करनी होंगी। परिषद ने सीजीएसटी की धारा 15 और 34 में छूट और क्रेडिट नोट से संबंधित संशोधन भी किए, ताकि अधिक स्पष्टता लाई जा सके और विवाद कम हों।

सरकार ने खनिज पुनर्चक्रण के लिए ₹1,500 करोड़ की योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत की महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) रीसाइक्लिंग क्षमता विकसित करने के लिए ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। यह पहल राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के अंतर्गत आती है और आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) की मजबूती, आयात निर्भरता में कमी तथा ई-कचरे और बैटरी स्क्रैप जैसे द्वितीयक स्रोतों से घरेलू उत्पादन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

योजना के बारे में

उद्देश्य और दायरा

यह योजना रीसाइक्लिंग योग्य स्रोतों से लिथियम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ तत्वों जैसे महत्वपूर्ण खनिज निकालने को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इसका मकसद खनन व अन्वेषण परियोजनाओं के पूरा होने से पहले आपूर्ति अंतर (supply gap) को कम करना है।

विशेष रूप से लक्षित क्षेत्र:

  • ई-कचरा

  • लिथियम-आयन बैटरी (LIB) स्क्रैप

  • अन्य स्क्रैप (जैसे पुराने वाहनों के catalytic converters)

योजना की अवधि

  • कुल अवधि: 6 वर्ष

  • संचालन काल: वित्त वर्ष 2025–26 से 2030–31 तक

किसे लाभ मिलेगा?

  • बड़े, स्थापित रीसाइक्लिंग उद्योग

  • छोटे, नए उद्यम एवं स्टार्ट-अप (₹1,500 करोड़ में से एक-तिहाई राशि इन्हीं के लिए आरक्षित)

योजना के अंतर्गत सहायता:

  • नई इकाइयाँ स्थापित करना

  • क्षमता विस्तार

  • मौजूदा रीसाइक्लिंग सुविधाओं का आधुनिकीकरण व विविधीकरण

केवल वे इकाइयाँ पात्र होंगी, जो वास्तव में अपशिष्ट से खनिज निकालेंगी (सिर्फ black mass उत्पादन करने वाली इकाइयाँ पात्र नहीं होंगी)।

सब्सिडी संरचना

1. कैपेक्स सब्सिडी (Capex Subsidy)

  • पात्र रीसाइक्लिंग इकाइयों की स्थापना हेतु पूंजीगत व्यय पर 20% सब्सिडी

  • इसमें मशीनरी, संयंत्र और संबंधित यूटिलिटीज़ शामिल।

  • निर्धारित समय सीमा के बाद उत्पादन शुरू होने पर सब्सिडी दर घट जाएगी।

2. ओपेक्स सब्सिडी (Opex Subsidy)

  • आधार वर्ष (FY 2025–26) से अधिक बिक्री पर आधारित।

  • वर्ष 2: पात्र परिचालन व्यय पर 40% सब्सिडी।

  • वर्ष 5: निर्धारित बिक्री लक्ष्य प्राप्त होने पर शेष 60% सब्सिडी।

  • ओपेक्स प्रोत्साहन अवधि: FY 2026–27 से FY 2030–31 तक।

प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा

  • बड़ी इकाइयाँ: अधिकतम ₹50 करोड़ (जिसमें ₹10 करोड़ ओपेक्स कैप शामिल)।

  • छोटी इकाइयाँ: अधिकतम ₹25 करोड़ (जिसमें ₹5 करोड़ ओपेक्स कैप शामिल)।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु

महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals) क्या हैं?

  • ये आधुनिक तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य खनिज हैं।

  • इनकी उपलब्धता सीमित है तथा कुछ क्षेत्रों में ही इनका भंडार केंद्रित है।

  • समय-समय पर तकनीकी प्रवृत्तियों और माँग-आपूर्ति संतुलन के आधार पर इनकी “महत्वपूर्णता” बदलती रहती है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025: भारत भर से 45 शिक्षकों का चयन

शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के विजेताओं की घोषणा की है। देशभर से कुल 45 शिक्षकों को स्कूल शिक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार 5 सितंबर 2025 को प्रदान किए जाएंगे, जिसे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पुरस्कार समारोह 2025

पुरस्कार वितरण समारोह 5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाएगा। हर वर्ष शिक्षा मंत्रालय यह आयोजन देश के श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए करता है।

शिक्षक कैसे चुने गए?

मंत्रालय ने बताया कि शिक्षकों का चयन एक पारदर्शी तीन-स्तरीय ऑनलाइन प्रक्रिया (ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर) के माध्यम से किया गया। चयन का आधार था:

  • नवीन शिक्षण पद्धतियाँ

  • शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में योगदान

  • समर्पण और नवाचार

पुरस्कार प्राप्त शिक्षक

  • कुल शिक्षक: 45

  • पुरुष शिक्षक: 24

  • महिला शिक्षक: 21

  • प्रतिनिधित्व: 27 राज्य, 7 केंद्र शासित प्रदेश और 6 राष्ट्रीय स्तर की संस्थाएँ

सर्वाधिक प्रतिनिधित्व वाले राज्य

कुछ राज्यों से सबसे अधिक शिक्षक चुने गए:

  • उत्तर प्रदेश: 2 शिक्षक

  • महाराष्ट्र: 2 शिक्षक

  • मध्य प्रदेश: 2 शिक्षक

  • बिहार: 2 शिक्षक

  • गुजरात: 2 शिक्षक

यह दर्शाता है कि देश के विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय संगठनों से शिक्षकों के प्रयासों को मान्यता दी गई है।

45 चयनित शिक्षकों की सूची

शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के अंतर्गत चुने गए 45 उत्कृष्ट शिक्षकों के नाम घोषित किए हैं। ये शिक्षक निष्पक्ष तीन-स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए और देशभर के राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों तथा राष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 — चयनित शिक्षकों की सूची

क्र.सं. नाम राज्य / केंद्र शासित प्रदेश / संगठन विद्यालय का नाम
1 मदाबथुला तिरुमला श्रीदेवी आंध्र प्रदेश पंडित नेहरू एमपीएल एचएस 17 वार्ड
2 कंधन कुमारेसन अंडमान एवं निकोबार सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल एबरडीन
3 नांग एक्थानी मौंगलांग अरुणाचल प्रदेश सरकारी सेक. स्कूल पाचिन
4 देबजीत घोष असम नामसांग टीई मॉडल स्कूल
5 सोनिया विकास कपूर एटॉमिक एनर्जी एजुकेशन सोसाइटी एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल नं. 2
6 कुमारी निधि बिहार प्राइमरी स्कूल सुहागी
7 दिलीप कुमार बिहार ललित नारायण लक्ष्मी नारायण प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल
8 रेवती परमेश्वरन सीबीएसई पी.एस. सीनियर सेकेंडरी स्कूल
9 पर्वीन कुमारी चंडीगढ़ गवर्नमेंट गर्ल्स मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल
10 डॉ. प्रज्ञा सिंह छत्तीसगढ़ सरकारी मिडिल स्कूल हनोदा दुर्ग
11 मधुरिमा आचार्य सीआईएससीई दिल्ली पब्लिक स्कूल न्यूटाउन
12 भाविनीबेन दिनेशभाई देसाई दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव जीयूपीएस भेंसरोड
13 अवधेश कुमार झा दिल्ली सर्वोदय को-एड विद्यालय सेक्टर-8 रोहिणी
14 विलास रामनाथ सतर्कर गोवा डॉ. के.बी. हेडगेवार हाई स्कूल, कुजीरा बम्बोलिम
15 हिरेनकुमार हसमुखभाई शर्मा गुजरात प्राइमरी स्कूल वावड़ी
16 हितेश कुमार प्रविणचंद्र भुंडिया गुजरात श्री स्वामीनारायण गुरुकुल विद्यालय
17 सुनीता हरियाणा पीएम श्री जीजीएसएसएस सोनीपत मुरथल अड्डा (3490)
18 शशि पॉल हिमाचल प्रदेश सरकारी मॉडल केंद्र प्राइमरी स्कूल शामरोर
19 कुलदीप गुप्ता जम्मू एवं कश्मीर सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय जिन्द्रह
20 श्वेता शर्मा झारखंड सरकारी एम.एस. विवेकानंद
21 मधुसूदन के. एस. कर्नाटक सरकारी उच्चतर प्राइमरी स्कूल हिनाकल
22 तरुण कुमार दास केन्द्रीय विद्यालय संगठन पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय कोरापुट
23 किशोरकुमार एम. एस. केरल गवर्नमेंट वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल
24 इब्राहीम एस. लक्षद्वीप सरकारी जूनियर बेसिक स्कूल मूला अंद्रोत
25 भेरूलाल ओसरा मध्य प्रदेश सरकारी ईपीईएस एम.एस. खेड़िया सुसनेर
26 शीला पटेल मध्य प्रदेश पीएस देवरन तपरिया पथरिया दमोह
27 डॉ. शेख मोहम्मद वकिउद्दीन शेख हमीदुद्दीन महाराष्ट्र जिला परिषद हाई स्कूल अर्धापुर
28 डॉ. संदीपन गुरुनाथ जगदाले महाराष्ट्र दयानंद कॉलेज ऑफ आर्ट्स, लातूर
29 कोईजम मचसना मणिपुर घारी अपर प्राइमरी स्कूल
30 डॉ. हेइपोर उनी बंग मेघालय के.बी. मेमोरियल सेकेंडरी स्कूल, वपुंग
31 पेलिनो पेटेनिल्हू नागालैंड जॉन सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय, विसवेमा
32 संतोष कुमार चौरसिया नवोदय विद्यालय समिति पीएम श्री विद्यालय जवाहर नवोदय विद्यालय सालोरा, जिला कोरबा
33 बसंता कुमार राणा ओडिशा सरकारी एनयूपीएस कोंडेल
34 वी. रेक्स उर्फ राधाकृष्णन पुडुचेरी तिल्लैयाडी वल्लियम्मई गवर्नमेंट हाई स्कूल
35 नरेंद्र सिंह पंजाब सरकारी प्राइमरी स्कूल जंडियाली
36 नीलम यादव राजस्थान जीजीएसएसएस टपूकड़ा
37 डॉ. प्रमोद कुमार सैनिक स्कूल सैनिक स्कूल नालंदा
38 कर्मा टेम्पो एथेनपा सिक्किम पीएम श्री मंगन एसएसएस
39 विजयलक्ष्मी वी. तमिलनाडु भारथियार शताब्दी गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल
40 मरम पवित्रा तेलंगाना जेडपीएचएस पेनपाहड़
41 बिदिशा मजूमदार त्रिपुरा हरियानंदा इंग्लिश मीडियम एच.एस. स्कूल
42 मधुरिमा तिवारी उत्तर प्रदेश पीएम श्री कॉम्पोजिट विद्यालय रानी कर्णावती
43 रामलाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश यू.पी.एस. बडवापुर
44 मंजुबाला उत्तराखंड जीपीएस च्यूरानी
45 तनुश्री दास पश्चिम बंगाल कुचलाचती प्राइमरी स्कूल

जीएसटी परिषद 22 सितंबर से दो स्तरीय व्यवस्था लागू करेगी

जीएसटी परिषद ने भारत की मौजूदा चार कर दरों को घटाकर सिर्फ दो — 5% और 18% कर दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मध्य वर्ग के लिए दिवाली गिफ्ट” के वादे को पूरा करता है और इसका उद्देश्य घरेलू बजट को हल्का करना, खपत को बढ़ावा देना और आर्थिक गति को तेज करना है। यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होगा और आवश्यक वस्तुओं व उपभोक्ता सामानों की एक बड़ी रेंज सस्ती हो जाएगी।

सरल जीएसटी ढांचा

  • परिषद ने 12% और 28% की कर दरों को समाप्त कर दिया है।

  • अब अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर सिर्फ 5% और 18% जीएसटी लगेगा।

  • इसके अलावा, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं (जैसे तंबाकू उत्पाद और शर्करायुक्त पेय) तथा अति-लक्ज़री वस्तुओं (जैसे यॉट और हाई-एंड मोटरसाइकिल) पर 40% का नया कर स्लैब लगाया गया है।

  • यह सुधार 2017 में जीएसटी लॉन्च होने के बाद से सबसे बड़े बदलावों में से एक माना जा रहा है।

आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह सुधार आम आदमी की रोज़मर्रा की ज़रूरतों पर केंद्रित है।

  • आवश्यक और श्रम-प्रधान वस्तुओं पर कम दरें घरेलू खर्च घटाएँगी, उपभोग बढ़ाएँगी और छोटे उद्योगों को सहारा देंगी।

  • वहीं, पाप-सामान (Sin Goods) और लक्ज़री वस्तुओं पर ऊँची दरें राजस्व संतुलन बनाए रखेंगी और अनावश्यक उपभोग को रोकेंगी।

क्या हुआ सस्ता

5% स्लैब में आने वाली वस्तुएँ व सेवाएँ

  • खाद्य व दैनिक उपयोग की वस्तुएँ: यूएचटी दूध (मुक्त), मक्खन, घी, पनीर, चीज़, पास्ता, बिस्किट, चॉकलेट, मेवे, चीनी, शरबत, नमकीन, खाद्य तेल।

  • स्वास्थ्य: जीवनरक्षक दवाइयाँ, मेडिकल उपकरण, स्वास्थ्य उत्पाद।

  • शिक्षा: किताबें, स्टेशनरी, पेंसिल, साइकिल, शिक्षण सामग्री।

  • दैनिक उपयोग के सामान: जूते-चप्पल, वस्त्र, छाते, हेयरपिन, साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट।

  • उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ: एसी, रेफ्रिजरेटर, टीवी और वॉशिंग मशीन पर दरें 28% से घटाकर 18%

  • अन्य क्षेत्र: नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण, उर्वरक, निर्माण सामग्री, खिलौने, हस्तशिल्प — अब 5%।

क्या रहेगा महंगा

कुछ वस्तुएँ अभी भी ऊँची दरों पर रहेंगी:

  • पाप-सामान: पान मसाला, गुटखा, तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी — वर्तमान ऊँचे जीएसटी व सेस के साथ जारी।

  • मीठे/फ्लेवर्ड पेय: जीएसटी 28% से बढ़ाकर 40%

  • लक्ज़री एवं प्रीमियम वस्तुएँ: प्रीमियम शराब, हाई-एंड कारें, आयातित बुलेटप्रूफ गाड़ियाँ (सरकारी उपयोग को छोड़कर)।

  • कोयला: कर 5% से बढ़ाकर 18%, जिससे औद्योगिक लागत बढ़ेगी।

  • रेस्टोरेंट व सेवाएँ: कुछ रेस्टोरेंट व मध्यवर्ती सेवाएँ नई दरों व नियमों के अनुसार रहेंगी।

मध्यम वर्ग और अर्थव्यवस्था पर असर

  • सस्ती आवश्यक वस्तुएँ घरेलू खर्च घटाएँगी।

  • टिकाऊ सामान और उपकरणों पर कम जीएसटी से खुदरा व विनिर्माण में माँग बढ़ेगी।

  • उर्वरक, वस्त्र और निर्माण सामग्री पर दरों में कटौती छोटे व्यवसायों और किसानों को मदद करेगी।

  • नीतिनिर्माताओं का अनुमान है कि बढ़ता उपभोग अर्थव्यवस्था को ज़रूरी गति देगा।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु

  • जीएसटी स्लैब चार से घटकर दो हुए: केवल 5% और 18%

  • 12% और 28% स्लैब समाप्त।

  • लागू तिथि: 22 सितंबर 2025।

  • अपवाद: पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, ज़र्दा, बीड़ी और अन्य तंबाकू उत्पाद मौजूदा ऊँची दरों और सेस पर रहेंगे।

जीएसटी दर में कटौती 2025: उपभोक्ताओं के लिए क्या सस्ता, क्या महंगा

सरकार ने 2025 में जीएसटी दरों में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और यहां तक कि ऑटोमोबाइल भी अधिक किफ़ायती हो गए हैं। अब उपभोक्ताओं को दैनिक उपयोग के सामान, कृषि उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स पर कम दाम का लाभ मिलेगा। इन कटौतियों से आम जनता की जेब पर बोझ हल्का होगा और बाज़ार में खपत को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में इज़ाफ़ा भी किया गया है, जिससे वे पहले से महंगे हो जाएंगे।

दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर बड़ी बचत करें

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
बालों का तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप बार, टूथब्रश, शेविंग क्रीम 18% 5%
मक्खन, घी, पनीर एवं डेयरी स्प्रेड्स 12% 5%
पैक किए गए नमकीन, भुजिया और मिक्सचर 12% 5%
बर्तन 12% 5%
बच्चों की फीडिंग बोतलें, नैपकिन व क्लीनिकल डायपर्स 12% 5%
सिलाई मशीनें एवं उनके पुर्जे 12% 5%

किसानों और कृषि का उत्थान

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
ट्रैक्टर टायर एवं पुर्ज़े 18% 5%
ट्रैक्टर 12% 5%
निर्दिष्ट बायो-पेस्टीसाइड्स, सूक्ष्म पोषक तत्व 12% 5%
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एवं स्प्रिंकलर्स 12% 5%
कृषि, बागवानी या वानिकी की मिट्टी की तैयारी, खेती, कटाई एवं मड़ाई की मशीनें 12% 5%

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में राहत

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
ट्रैक्टर के टायर एवं पुर्ज़े 18% 5%
ट्रैक्टर 12% 5%
निर्दिष्ट जैव-कीटनाशक एवं सूक्ष्म पोषक तत्व 12% 5%
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एवं स्प्रिंकलर 12% 5%
कृषि, बागवानी या वानिकी हेतु मिट्टी की तैयारी, खेती, कटाई एवं मड़ाई की मशीनें 12% 5%

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में राहत

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा 18% शून्य
थर्मामीटर 18% 5%
चिकित्सीय ग्रेड ऑक्सीजन 12% 5%
सभी डायग्नोस्टिक किट एवं अभिकर्मक 12% 5%
ग्लूकोमीटर एवं टेस्ट स्ट्रिप्स 12% 5%
दृष्टि सुधारक चश्मे 12% 5%

ऑटोमोबाइल को किफायती बनाया गया

वाहनों की श्रेणी पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
पेट्रोल एवं पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी, सीएनजी कारें (1200 सीसी एवं 4000 मिमी तक) 28% 18%
डीज़ल एवं डीज़ल हाइब्रिड कारें (1500 सीसी एवं 4000 मिमी तक) 28% 18%
तिपहिया वाहन 28% 18%
मोटरसाइकिलें (350 सीसी एवं उससे कम) 28% 18%
माल परिवहन हेतु मोटर वाहन 28% 18%

सस्ती शिक्षा

शैक्षणिक वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
मानचित्र, चार्ट एवं ग्लोब 12% शून्य
पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन एवं पेस्टल 12% शून्य
अभ्यास पुस्तिकाएँ एवं नोटबुक 12% शून्य
रबर (इरेज़र) 12% शून्य

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर बचत करें

इलेक्ट्रॉनिक/घरेलू उपकरण पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
एयर कंडीशनर 28% 18%
टेलीविज़न (32 इंच से ऊपर) (एलईडी एवं एलसीडी टीवी सहित) 28% 18%
मॉनिटर एवं प्रोजेक्टर 28% 18%
बर्तन धोने की मशीनें 28% 18%

प्रक्रिया सुधार

पंजीकरण (Registration)

  • आवेदकों को स्वचालित पंजीकरण 3 कार्य दिवसों के भीतर मिलेगा, जिन्हें सिस्टम द्वारा डाटा विश्लेषण के आधार पर चुना जाएगा।

  • यह तब लागू होगा जब आवेदक यह निर्धारित करे कि उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ₹2.5 लाख प्रति माह से अधिक नहीं होगा और वह इस योजना का विकल्प चुनता है।

रिफंड (Refund)

  • उचित अधिकारी द्वारा सिस्टम-आधारित जोखिम मूल्यांकन के माध्यम से प्रावधिक रिफंड (Provisional Refund) की स्वीकृति दी जाएगी, निम्नलिखित मामलों में:

    • शून्य-कर (Zero Rated) आपूर्ति

    • उल्टे शुल्क संरचना (Inverted Duty Structure) के अंतर्गत आपूर्ति

गगनचुंबी इमारत दिवस 2025: शहरी चमत्कारों का उत्सव

हर वर्ष 3 सितंबर को दुनिया भर के इंजीनियर, वास्तुकार और शहरी प्रेमी गगनचुंबी इमारत दिवस (Skyscraper Day) मनाते हैं। यह दिवस आधुनिक इंजीनियरिंग और वास्तुकला की ऊँचाइयों का जश्न है, जिसमें उन प्रतिष्ठित इमारतों की सराहना की जाती है जो आसमान को छूती हैं और प्रगति, रचनात्मकता तथा मानव महत्वाकांक्षा का प्रतीक हैं।

उत्पत्ति : लुईस एच. सुलिवन की स्मृति में

3 सितंबर का महत्व अमेरिकी वास्तुकार लुईस एच. सुलिवन के जन्मदिन से जुड़ा है, जिन्हें “गगनचुंबी इमारतों के जनक” कहा जाता है। उन्होंने “आकार कार्य का अनुसरण करता है” (Form follows function) का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 19वीं शताब्दी के अंत तथा 20वीं शताब्दी की शुरुआत में आधुनिक गगनचुंबी इमारतों की नींव रखी। उनका योगदान आज भी वास्तुकला को दिशा देता है।

गगनचुंबी इमारतों का महत्व

ये इमारतें केवल कंक्रीट और काँच की ऊँची संरचनाएँ नहीं हैं, बल्कि मानव क्षमता और शहरी नवाचार का प्रतीक हैं।

  • नवाचार (Innovation): नवीनतम सामग्री और डिज़ाइन सिद्धांतों का उपयोग

  • कुशलता (Efficiency): सीमित शहरी भूमि का सर्वोत्तम उपयोग

  • सौंदर्य (Aesthetic): कार्य और कला का अद्भुत संगम

ये इमारतें न केवल स्काईलाइन को परिभाषित करती हैं, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देती हैं, राष्ट्रीय गर्व का स्रोत बनती हैं और आर्थिक-सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करती हैं।
प्रमुख उदाहरण : कुआलालंपुर की पेट्रोनास टावर्स, लंदन का द शार्ड, और पेरिस का आइफ़िल टॉवर (यद्यपि तकनीकी रूप से गगनचुंबी इमारत नहीं, परंतु समान इंजीनियरिंग प्रतिभा का प्रतीक)।

2025 में महत्व

इस वर्ष गगनचुंबी इमारत दिवस हमें उन दूरदर्शी लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने असंभव को संभव किया। दुबई, शंघाई, न्यूयॉर्क और मुंबई जैसे शहर यह दिखा रहे हैं कि तकनीक और रचनात्मकता के मेल से भविष्य कैसा हो सकता है। अब लक्ष्य केवल ऊँचाई नहीं, बल्कि सतत, भूकंप-रोधी और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन हैं।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • मनाया जाता है: 3 सितंबर को प्रतिवर्ष

  • समर्पित है: लुईस एच. सुलिवन के जन्मदिवस पर

  • सिद्धांत: “आकार कार्य का अनुसरण करता है”

  • प्रतीकात्मक महत्व: प्रगति, नवाचार और राष्ट्रीय पहचान

ISRO-SCL ने बनाया भारत का पहला 32-बिट Vikram 3201 प्रोसेसर

भारत ने अपने सेमीकंडक्टर सफर में बड़ी छलांग लगाते हुए विक्रम-3201, देश का पहला “मेड-इन-भारत” 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर लॉन्च किया है। इसे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 सितंबर 2025 को सेमिकॉन इंडिया 2025 (नई दिल्ली) में प्रस्तुत किया। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और चिप निर्माण में वैश्विक केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा को रेखांकित करती है।

1. पृष्ठभूमि और महत्व

सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की ओर कदम
भारत ने 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया था ताकि विदेशी माइक्रोप्रोसेसरों पर निर्भरता कम की जा सके। सिर्फ साढ़े तीन वर्षों में भारत उपभोक्ता से उत्पादक बना। विक्रम-3201 का अनावरण इस यात्रा का ऐतिहासिक क्षण है।

रणनीतिक और प्रतीकात्मक प्रभाव
पीएम मोदी ने चिप्स को “डिजिटल डायमंड्स” बताया और कहा कि यह भारत की उभरती सेमीकंडक्टर शक्ति का प्रतीक है।

2. विक्रम-3201 क्या है?

  • संयुक्त विकास: इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) और सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (SCL), मोहाली द्वारा विकसित।

  • प्रोसेस तकनीक: 180 nm CMOS फैब्रिकेशन।

  • अपग्रेड: यह विक्रम-1601 (16-बिट प्रोसेसर, 2009 से उपयोग) का उत्तराधिकारी है।

3. तकनीकी विशेषताएँ

  • 32-बिट आर्किटेक्चर – बेहतर डाटा प्रोसेसिंग क्षमता।

  • फ्लोटिंग-पॉइंट गणना – सटीक नेविगेशन और गाइडेंस के लिए।

  • कस्टम ISA – अंतरिक्ष अनुप्रयोगों हेतु अनुकूलित।

  • एडा प्रोग्रामिंग भाषा का समर्थन।

  • इसरो द्वारा विकसित टूलचेन – कम्पाइलर, असेंबलर, लिंकर और सिम्युलेटर।

  • मजबूती – –55°C से +125°C तक कार्यशील; कंपन और विकिरण प्रतिरोधी।

  • सफल परीक्षण – PSLV-C60 मिशन में अंतरिक्ष में परीक्षण।

4. उपयोग और व्यापक प्रभाव

  • अंतरिक्ष मिशन – रॉकेट और उपग्रहों में नेविगेशन, गाइडेंस और मिशन प्रबंधन।

  • रणनीतिक क्षेत्र – रक्षा, एयरोस्पेस, उच्च-प्रदर्शन ऑटोमोबाइल और ऊर्जा क्षेत्र।

  • चिप इकोसिस्टम को बढ़ावा – यह कदम भारत की डिज़ाइन-लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना से जुड़ा है। अब तक ₹1.60 लाख करोड़ से अधिक निवेश सेमीकंडक्टर क्षेत्र में घोषित हो चुका है।

5. चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

  • भारत को अब उन्नत फैब्रिकेशन (sub-65nm नोड्स) की ओर बढ़ना होगा।

  • अधिक फैब यूनिट्स, डिज़ाइन क्षमताएँ और कुशल प्रतिभा निर्माण आवश्यक।

नीतिगत सुझाव:

  • उद्योग साझेदारी से फैब निर्माण में तेजी।

  • अकादमिक–औद्योगिक अनुसंधान सहयोग।

  • सेमीकंडक्टर डीप-टेक स्टार्टअप्स में निवेश।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • विक्रम-3201 – भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट प्रोसेसर।

  • विकासकर्ता – इसरो (VSSC) और SCL, मोहाली।

  • उत्तराधिकारी – विक्रम-1601 (16-बिट, 2009 से उपयोग)।

  • अनावरण – 2 सितंबर 2025, सेमिकॉन इंडिया 2025, नई दिल्ली।

  • उपयोग – अंतरिक्ष, रक्षा, एयरोस्पेस, ऊर्जा।

  • प्रोग्रामिंग भाषा – एडा (इसरो टूलचेन सहित)।

  • महत्व – भारत की आत्मनिर्भरता और सेमीकंडक्टर मिशन को गति।

नारियल विकास बोर्ड ने नारियल किसानों के लिए सहायता बढ़ाने की घोषणा की

विश्व नारियल दिवस 2 सितंबर 2025 के उपलक्ष्य में केरल स्थित नारियल विकास बोर्ड (CDB) ने किसानों के लिए वित्तीय सहायता में बड़ी वृद्धि की घोषणा की। पौधरोपण, पुनरोपण और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर सब्सिडी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर इस पहल का उद्देश्य टिकाऊ नारियल खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

विश्व नारियल दिवस क्या है?

वैश्विक जागरूकता और उद्योग संवर्धन
विश्व नारियल दिवस हर साल 2 सितंबर को मनाया जाता है ताकि नारियल के पोषण, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसकी शुरुआत 2009 में अंतरराष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC) ने संगठन की स्थापना (1969, UN ESCAP के अंतर्गत) की वर्षगांठ के रूप में की थी।

भारत की भूमिका

भारत ICC का संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ दुनिया के सबसे बड़े नारियल उत्पादकों में से एक है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य इसमें अग्रणी हैं। खासकर केरल में यह दिन सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।

वित्तीय सहायता की घोषणाएँ

  • 2.5 लाख उच्च गुणवत्ता वाले नारियल पौधे इस वर्ष तैयार किए जाएंगे। प्रति पौधा सहायता राशि ₹4 से बढ़ाकर ₹45 कर दी गई है।

  • बूढ़े या अनुपयोगी नारियल वृक्षों को बदलने के लिए पुनरोपण करने वाले किसानों को अब प्रति पौधा ₹350 की सहायता मिलेगी (पहले केवल ₹40 थी)।

  • नारियल प्रौद्योगिकी मिशन (Coconut Technology Mission) के अंतर्गत सहायता राशि को छह गुना बढ़ा दिया गया है, जिससे किसानों को लाभ होगा—

    • कटाई-पश्चात प्रसंस्करण इकाइयाँ

    • मूल्य संवर्धन हेतु ढाँचा

    • उत्पादकता सुधार के लिए तकनीकी नवाचार

यह सहायता नारियल आधारित उत्पादों (जैसे—जूट, नारियल तेल, वर्जिन नारियल तेल, नारियल चीनी, शैल उत्पाद आदि) की बाजार क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी।

मुख्य तथ्य

  • पर्व तिथि: 2 सितंबर (प्रति वर्ष)

  • आयोजक: अंतरराष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC), 1969 में UNESCAP के तहत स्थापित

  • पौध सहायता: ₹4 → ₹45 प्रति पौधा

  • पुनरोपण सहायता: ₹40 → ₹350 प्रति वृक्ष

  • प्रौद्योगिकी मिशन सहायता: छह गुना वृद्धि

  • लक्ष्य: 2025 में 2.5 लाख पौधों का वितरण

दीपक मित्तल यूएई में भारत के अगले राजदूत नियुक्त

भारत ने वरिष्ठ राजनयिक डॉ. दीपक मित्तल को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अपना अगला राजदूत नियुक्त किया है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक और जनकेंद्रित संबंध और मजबूत होंगे। 1998 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी डॉ. मित्तल व्यापक कूटनीतिक अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण लेकर आ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और विदेशों में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जहाँ उनकी भूमिका भारत के वैश्विक हितों की रक्षा और साझेदारियों के विस्तार में अहम रही है।

प्रमुख अनुभव

  • दो बार प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में कार्य कर चुके हैं – भारत की शीर्ष रणनीतिक और कूटनीतिक सर्किल में विश्वसनीय चेहरा।

  • 2021 में तालिबान से भारत का पहला आधिकारिक राजनयिक संपर्क स्थापित कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका।

  • 2020–22: भारत के कतर में राजदूत – कोविड-19 महामारी और खाड़ी क्षेत्र की कूटनीतिक जटिलताओं के दौरान भारत के हितों का संरक्षण।

किसका स्थान लेंगे?

  • डॉ. मित्तल, सुनजय सुधीर का स्थान लेंगे, जो सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

  • सुधीर के कार्यकाल में भारत–UAE संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई, और मित्तल की नियुक्ति से इन संबंधों को और रणनीतिक गहराई मिलेगी।

भारत के लिए UAE का महत्व

  • ऊर्जा सुरक्षा – तेल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत।

  • व्यापार और निवेश साझेदारी – CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) के अंतर्गत।

  • रणनीतिक सहयोग – समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-निरोधक सहयोग।

  • भारतीय प्रवासी – 35 लाख से अधिक भारतीय, जो सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक हैं।

संस्थागत संबंध (1972 से)

  • भारत और UAE के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए।

  • संबंधों में तीव्रता विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी की 2015 की यात्रा के बाद आई, जो 30 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा थी।

डॉ. मित्तल के कार्यकाल से अपेक्षाएँ

  1. ऊर्जा व व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करना (CEPA के अंतर्गत)।

  2. रक्षा एवं प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना।

  3. जन-से-जन और सांस्कृतिक संबंधों को गहराना।

  4. भारतीय प्रवासी समुदाय के कल्याण और सहभागिता को सुनिश्चित करना।

  5. समुद्री सुरक्षा, उग्रवाद और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर समन्वय।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • नए राजदूत (UAE) – डॉ. दीपक मित्तल

  • IFS बैच – 1998

  • पूर्व भूमिका – भारत के कतर में राजदूत (2020–22), प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्य

  • किसका स्थान लेंगे – सुनजय सुधीर (सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त)

  • UAE का महत्व – ऊर्जा, व्यापार, प्रवासी भारतीय, रणनीतिक साझेदारी

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