दुनिया के सबसे प्रभावशाली और प्रतिष्ठित फैशन डिज़ाइनरों में से एक जियोर्जियो अरमानी का 4 सितंबर, 2025 को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अरमानी ग्रुप ने गुरुवार को जारी एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की। विश्वभर में “रे जियोर्जियो (King Giorgio)” के नाम से प्रसिद्ध अरमानी ने फैशन की दुनिया को नई परिभाषा दी और आधुनिक शालीनता के प्रतीक बन गए।
फैशन को समर्पित जीवन
जन्म: पियाचेंज़ा, इटली
1960 के दशक में करियर की शुरुआत – पहले विंडो ड्रेसर, फिर पुरुषों के वस्त्रों के डिज़ाइनर।
1975 में अरमानी ग्रुप की स्थापना की, जो आगे चलकर बहु-अरब यूरो का साम्राज्य बना।
उनकी पहचान रही – मिनिमलिस्टिक परिष्कार, तीखे कट्स, हल्के रंग, और बिना चमक-धमक वाले डिज़ाइन। यही उन्हें “क्वाइट लक्ज़री” का पर्याय बनाता था।
उनकी विरासत की मुख्य झलकियाँ
पुरुषों के सूट में सॉफ्ट टेलरिंग से क्रांति लाई।
हॉलीवुड सितारों जैसे रिचर्ड गेरे और जूलिया रॉबर्ट्स को परिधान दिए।
दशकों तक रेड-कार्पेट लुक्स को परिभाषित किया।
€2.3 बिलियन वार्षिक कारोबार वाला फैशन साम्राज्य खड़ा किया।
ब्रांड के पीछे का इंसान
अरमानी केवल डिज़ाइनर ही नहीं, बल्कि सख्त अनुशासन वाले रचनात्मक व्यक्तित्व और कुशल कारोबारी भी थे। अपने अंतिम दिनों तक वे अपने कलेक्शनों, विज्ञापन अभियानों और मॉडल्स की स्टाइलिंग तक की निगरानी खुद करते थे। उनकी परफेक्शनिस्ट छवि फैशन जगत में किंवदंती बन गई थी।
हाल के महीनों में अस्वस्थ होने के बावजूद वे ब्रांड से जुड़े रहे। जून 2025 के मिलान में आयोजित पुरुष फैशन वीक में उनकी अनुपस्थिति (करियर में पहली बार) उनके स्वास्थ्य में गिरावट का संकेत थी।
फैशन में शाश्वत विरासत
बहुत कम डिज़ाइनरों ने फैशन उद्योग पर उतना गहरा और स्थायी प्रभाव छोड़ा है, जितना जियोर्जियो अरमानी ने। उन्होंने लक्ज़री और लाइफ़स्टाइल की सीमाओं को मिटाकर एक ऐसा ब्रांड बनाया जो आकर्षक भी था और सुलभ भी। मिलान से लेकर हॉलीवुड तक, कॉरपोरेट बोर्डरूम से लेकर रेड कार्पेट तक, उनकी शैली अंडरस्टेटेड क्लास का वैश्विक मानक बन गई।
उनका कार्य आने वाली पीढ़ियों के डिज़ाइनरों को प्रेरित करता रहेगा और अरमानी ब्रांड उनके नाम से ही परिष्कृत आधुनिकता (Refined Modernity) का प्रतीक बना रहेगा।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
जियोर्जियो अरमानी का निधन – 4 सितंबर, 2025, आयु 91 वर्ष।
1975 में अरमानी ग्रुप की स्थापना, आज €2.3 बिलियन का फैशन साम्राज्य।
“रे जियोर्जियो (King Giorgio)” उपनाम से प्रसिद्ध।
मिनिमलिस्ट लक्ज़री और नवाचारपूर्ण पुरुष टेलरिंग के लिए जाने जाते थे।
बिहार के राजगीर में 4 सितंबर, 2025 को पारंपरिक बौद्ध अनुष्ठानों के बीच रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का औपचारिक उद्घाटन किया गया। इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन का नेतृत्व भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबग्ये तथा भारत के केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने किया। इस अवसर पर दोनों देशों के अधिकारियों और धार्मिक नेताओं की उपस्थिति रही। यह मंदिर भारत और भूटान के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक है और राजगीर की पहचान को एक पवित्र बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में और अधिक सुदृढ़ करता है।
राजगीर: एक प्रतिष्ठित बौद्ध तीर्थस्थल
बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर बौद्ध धर्म में अत्यंत आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। यहीं पर भगवान बुद्ध ने कई वर्षों तक साधना की, उपदेश दिए और एक संघ की स्थापना की। राजगीर का संबंध प्रथम बौद्ध संगीति से भी जुड़ा है, जो बुद्ध के महापरिनिर्वाण के तुरंत बाद आयोजित हुई थी। ऐसे पवित्र स्थल पर रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन राजगीर की पहचान को एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में और सुदृढ़ करता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नया स्थापत्य और सांस्कृतिक आकर्षण प्रस्तुत करता है तथा भारत की पवित्र भूमि पर भूटानी आध्यात्मिक धरोहर को दर्शाता है।
भारत–भूटान मित्रता का प्रतीक
उद्घाटन समारोह में भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबग्ये ने मंदिर की भूमिका को भारत और भूटान के संबंधों को और सुदृढ़ करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर दोनों देशों के साझा बौद्ध मूल्यों और आपसी सम्मान का प्रमाण है।
समारोह की प्रमुख बातें:
उद्घाटन भूटानी परंपराओं और अनुष्ठानों के अनुसार सम्पन्न हुआ।
दोनों देशों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
धार्मिक कूटनीति और सांस्कृतिक एकीकरण पर बल दिया गया।
बौद्ध पर्यटन और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम।
भारत के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी भारत–भूटान की अटूट मित्रता की सराहना की और विशेष रूप से बौद्ध धरोहर को संरक्षित करने तथा शांति और सद्भाव को प्रोत्साहित करने में दोनों देशों के प्रयासों को रेखांकित किया।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
रॉयल भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन – 4 सितंबर, 2025, राजगीर (बिहार) में।
उद्घाटन – भूटान पीएम त्शेरिंग तोबग्ये और भारत के मंत्री किरण रिजिजू ने किया।
राजगीर – भगवान बुद्ध के जीवन, उपदेशों और प्रथम बौद्ध संगीति से जुड़ा प्रमुख स्थल।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त 2025 में 221 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेन-देन दर्ज किए। यह उपलब्धि भारत में डिजिटल गवर्नेंस और सुरक्षित पहचान सत्यापन की दिशा में तेजी से हो रहे बदलाव को दर्शाती है। यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि आधार अब भी कल्याणकारी योजनाओं, ई-गवर्नेंस और सार्वजनिक व निजी सेवाओं की आसान पहुँच में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
आधार: भारत की डिजिटल पहचान व्यवस्था की रीढ़
आधार एक बायोमेट्रिक सत्यापित विशिष्ट पहचान संख्या है, जो एक अरब से अधिक नागरिकों को प्रदान की गई है। आधार प्रमाणीकरण लेन-देन का महत्व मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में है:
सब्सिडी वितरण – जैसे एलपीजी (PAHAL), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), और मनरेगा (MNREGA)
बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुँच
मोबाइल सिम जारी करना, पासपोर्ट आवेदन और पेंशन सत्यापन
निजी सेवाओं के लिए स्वैच्छिक पहचान सत्यापन
अगस्त 2025 के 221 करोड़ प्रमाणीकरण लेन-देन जनता के भरोसे और आधार की व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाते हैं।
एआई आधारित फेस ऑथेंटिकेशन में रिकॉर्ड वृद्धि
विभिन्न प्रमाणीकरण तरीकों में, फेस ऑथेंटिकेशन में अगस्त 2025 में सबसे अधिक उछाल देखा गया, जहाँ 18.6 करोड़ लेन-देन पूरे किए गए। यह एआई-संचालित तकनीक उपयोगकर्ताओं को चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से पहचान सत्यापित करने की सुविधा देती है। इसके लाभ हैं:
बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए आसान उपयोग
टच-फ्री सत्यापन, जो स्वास्थ्य-सचेत सेवाओं के अनुरूप है
उन्नत फेस रिकग्निशन एल्गोरिद्म से बेहतर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम
यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारत अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण 2.0 की ओर बढ़ रहा है, जहाँ एआई और ऑटोमेशन अहम भूमिका निभा रहे हैं।
डिजिटल अर्थव्यवस्था और भविष्य की दिशा
आधार का बढ़ता उपयोग भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को मजबूत करता है। भविष्य में UIDAI की आधार-आधारित व्यवस्था:
फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक प्लेटफ़ॉर्म से गहराई से एकीकृत होगी
एआई आधारित दस्तावेज़ सत्यापन को बढ़ावा देगी
अंतरराष्ट्रीय डिजिटल पहचान मानकों और क्रॉस-बॉर्डर डिजिटल पहलों में योगदान देगी
इस प्रकार, आधार भारत में सुरक्षित और समावेशी डिजिटल परिवर्तन का आधार स्तंभ बना रहेगा।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
संस्था: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)
प्रकार: वैधानिक प्राधिकरण
स्थापना: आधार अधिनियम, 2016
नियामक मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
दृष्टि: हर निवासी को विशिष्ट पहचान प्रदान करना और कभी भी, कहीं भी उपलब्ध डिजिटल प्रमाणीकरण प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना
नेपाल सरकार ने एक ऐतिहासिक डिजिटल नीति निर्णय के तहत 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) शामिल हैं। यह निर्णय 4 सितंबर 2025 को नेपाल के सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ ने घोषित किया। इसका उद्देश्य डिजिटल जवाबदेही लागू करना और “सोशल मीडिया उपयोग विनियमन निर्देश, 2080” के तहत नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करना है।
प्रतिबंध: एक नियामकीय प्रवर्तन कदम
यह निर्णय उच्च-स्तरीय बैठक के बाद लिया गया जिसमें शामिल थे:
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MoCIT) के अधिकारी
नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (NTA)
दूरसंचार ऑपरेटर और इंटरनेट सेवा प्रदाता प्रतिनिधि
28 अगस्त 2025 को जारी 7 दिन की अल्टीमेटम अवधि समाप्त होने के बाद सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को निर्देश दिया गया कि वे:
मंत्रालय में पंजीकरण कराएँ
नेपाल में स्थानीय कार्यालय स्थापित करें
एक आधिकारिक संपर्क अधिकारी नियुक्त करें
कई प्लेटफ़ॉर्म्स द्वारा अनुपालन न करने पर सरकार ने NTA को आदेश दिया कि वह इन साइट्स की पहुँच बंद करे। प्रतिबंधित प्लेटफ़ॉर्म्स में शामिल हैं:
Facebook
WhatsApp
Instagram
YouTube
X (Twitter)
Viber
Botim
TikTok और Telegram: छूट और प्रतिबंध
TikTok: जिसे अगस्त 2024 में प्रतिबंधित किया गया था, लेकिन नवंबर 2024 में नेपाल में पंजीकरण कराने के बाद इसे फिर से संचालन की अनुमति मिल गई।
Telegram: जुलाई 2025 से प्रतिबंधित है क्योंकि इसका उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में होने का आरोप है।
कानूनी आधार: सर्वोच्च न्यायालय का आदेश
यह कार्रवाई नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद हुई जिसमें अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि कोई भी अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म देश में संचालित न हो। इसके बाद 25 अगस्त 2025 को मंत्रिमंडल ने औपचारिक मंज़ूरी दी और अब यह प्रवर्तन लागू किया गया है।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
नेपाल ने 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर 4 सितंबर 2025 को प्रतिबंध लगाया।
यह कदम सोशल मीडिया उपयोग विनियमन निर्देश, 2080 के तहत उठाया गया।
प्लेटफ़ॉर्म्स को पंजीकरण, स्थानीय कार्यालय और अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना अनिवार्य।
TikTok को नवंबर 2024 से पंजीकरण के बाद अनुमति मिली।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतर्गत यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) के नियमों को औपचारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है। यह सार्वजनिक क्षेत्र की पेंशन सुधार प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। केंद्रीय सिविल सेवा (एनपीएस के अंतर्गत UPS के कार्यान्वयन) नियम, 2025 को 4 सितंबर 2025 को अधिसूचित किया गया। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों के लिए सेवा-संबंधी पेंशन मामलों को विनियमित करना है जिन्होंने UPS को अपनाने का विकल्प चुना है।
यूनिफ़ाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
UPS, NPS के ढाँचे के भीतर एक संरचित और वैकल्पिक पेंशन व्यवस्था है।
इसे पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त 2024 को मंज़ूरी दी थी।
वित्तीय सेवाएँ विभाग ने इसे 24 जनवरी 2025 को अधिसूचित किया।
1 अप्रैल 2025 से UPS परिचालन में आया।
PFRDA ने इसके संचालन संबंधी दिशा-निर्देश 19 मार्च 2025 को जारी किए।
इसका उद्देश्य उन कर्मचारियों को अधिक स्पष्टता और लचीलापन देना है जो पुराने पेंशन सिस्टम से या NPS के तहत परिभाषित अंशदान योजना से स्थानांतरण चाहते हैं।
UPS नियमों की मुख्य विशेषताएँ
UPS में नामांकन और पात्र NPS कर्मचारियों के लिए एक बार स्विच करने का विकल्प।
कर्मचारी UPS से NPS में भी स्विच कर सकते हैं:
सेवानिवृत्ति से 1 वर्ष पहले, या
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) से 3 महीने पहले।
कर्मचारी और सरकार दोनों का अंशदान संरचना।
पंजीकरण या अंशदान जमा करने में विलंब होने पर क्षतिपूर्ति प्रावधान।
सेवा के दौरान मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में CCS पेंशन नियम या UPS के तहत लाभ विकल्प।
विभिन्न सेवानिवृत्ति स्थितियों के लिए प्रावधान:
सुपरऐनुएशन, समयपूर्व सेवानिवृत्ति, VRS, PSU में समायोजन, अक्षमता, इस्तीफ़ा।
अनिवार्य सेवानिवृत्ति, बर्खास्तगी या सेवा से हटाने के मामलों में भी स्पष्ट नियम।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
UPS नियम अधिसूचित: 4 सितंबर 2025।
लागू: उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर जो NPS के अंतर्गत UPS चुनते हैं।
परिचालन: 1 अप्रैल 2025 से।
PFRDA दिशा-निर्देश: 19 मार्च 2025।
अब कर्मचारी 20 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो सकते हैं (पहले 25 वर्ष थे)।
राष्ट्रीय भुगतान निगम भारत (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से यूपीआई लेन-देन की नई सीमाएँ लागू करने की घोषणा की है। इन संशोधित नियमों के तहत प्रति लेन-देन की सीमा ₹5 लाख और 24 घंटे की कुल सीमा ₹10 लाख कर दी गई है। यह बदलाव बीमा, पूँजी बाजार, सरकारी कर भुगतान और क्रेडिट कार्ड भुगतान जैसी उच्च-मूल्य वाली सेवाओं पर लागू होगा। एनपीसीआई का यह कदम भारत के डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक मजबूत और व्यापक बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।
नई यूपीआई लेन-देन सीमाओं की मुख्य विशेषताएँ
एनपीसीआई (NPCI) के नए निर्देश के अनुसार, प्रमाणित व्यापारियों (Verified Merchants) को किए जाने वाले पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेन-देन के लिए यूपीआई की सीमा बढ़ा दी गई है। ये नई सीमाएँ 15 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी और इनका उद्देश्य उच्च-मूल्य वाले डिजिटल लेन-देन को सरल, सुरक्षित और निर्बाध बनाना है।
संशोधित यूपीआई सीमाएँ (15 सितंबर 2025 से प्रभावी)
श्रेणी (Category)
पुरानी प्रति-लेनदेन सीमा
नई प्रति-लेनदेन सीमा
24 घंटे की अधिकतम सीमा
पूंजी बाजार (निवेश)
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
बीमा भुगतान
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (ईएमडी/कर)
₹1 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
क्रेडिट कार्ड भुगतान
₹2 लाख
₹5 लाख
₹6 लाख
ऋण/ईएमआई संग्रह
₹2 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
यात्रा बुकिंग
₹1 लाख
₹5 लाख
₹10 लाख
आभूषण खरीद
₹1 लाख
₹2 लाख
₹6 लाख
एफएक्स रिटेल (बीबीपीएस के माध्यम से)
₹2 लाख
₹5 लाख
₹5 लाख
डिजिटल खातों के माध्यम से सावधि जमा
₹2 लाख
₹5 लाख
₹5 लाख
डिजिटल खाता खोलना (फंडिंग)
₹1 लाख
₹2 लाख
₹2 लाख
किसे लाभ होगा?
यूपीआई सीमा में यह विस्तार मुख्य रूप से निम्न को लाभ पहुँचाएगा –
म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स और एएमसी में लेनदेन करने वाले निवेशक
उच्च-मूल्य बीमा प्रीमियम भुगतान करने वाले पॉलिसीधारक
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (MCC 9311) पर ईएमडी या जीएसटी भुगतान करने वाले करदाता
बड़े क्रेडिट कार्ड बिल चुकाने वाले कार्डधारक
ऋण लेने वाले उधारकर्ता और थोक ईएमआई/कलेक्शन भुगतान करने वाले व्यवसाय
उच्च मूल्य की यात्राएँ बुक करने वाले यात्री
कैशलेस लेनदेन चाहने वाले आभूषण खरीदार
सुगम ऑनबोर्डिंग और फंडिंग चाहने वाले फॉरेक्स उपयोगकर्ता और डिजिटल खाता खोलने वाले ग्राहक
दायरा और सीमाएँ
यह बदलाव केवल P2M (Person to Merchant) लेनदेन पर लागू होगा (सत्यापित व्यापारियों के लिए)।
P2P (Person to Person) यूपीआई सीमा पूर्ववत् ₹1 लाख/दिन ही रहेगी।
बैंकों और पीएसपी को नई सीमाएँ 15 सितंबर 2025 तक लागू करनी होंगी।
सदस्य बैंक अपने जोखिम नीतियों के अनुसार NPCI की अधिकतम सीमा से कम आंतरिक सीमा तय कर सकते हैं।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI)
विकसित किया गया: नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा
लॉन्च वर्ष: 2016
उद्देश्य: मोबाइल के माध्यम से दो बैंक खातों के बीच तत्काल धन हस्तांतरण
मुख्य विशेषता: वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का उपयोग, जिससे संवेदनशील बैंक विवरण साझा करने की आवश्यकता नहीं होती
शिक्षा मंत्रालय द्वारा 4 सितंबर को जारी राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2025 में एक बार फिर आईआईटी-मद्रास को भारत का अग्रणी शैक्षणिक संस्थान घोषित किया गया है। लगातार सातवें वर्ष आईआईटी-मद्रास ने समग्र श्रेणी (Overall Category) में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद क्रमशः भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु और आईआईटी-बॉम्बे रहे।
इस बार यह रैंकिंग 10वें संस्करण के रूप में आई है, जिसमें इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विधि, चिकित्सा, कृषि, शोध और सतत विकास सहित 17 श्रेणियों में उत्कृष्टता को मान्यता दी गई है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने आधिकारिक रूप से महिला वनडे विश्व कप 2025 का कार्यक्रम घोषित कर दिया है, जो 30 सितंबर से 2 नवंबर 2025 तक आयोजित होगा। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भारत और श्रीलंका के पाँच स्थानों पर खेला जाएगा, जिसमें आठ टीमें 28 लीग मैचों और नॉकआउट चरण में भिड़ेंगी। भाग लेने वाली टीमें हैं – भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान। टूर्नामेंट राउंड-रॉबिन प्रारूप में होगा, जहाँ प्रत्येक टीम बाकी सभी टीमों से एक-एक बार खेलेगी। इसके बाद शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश करेंगी। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया अब तक महिला वनडे विश्व कप का रिकॉर्ड 7 बार खिताब जीत चुकी है और इस बार भी खिताब बचाने के इरादे से मैदान में उतरेगी।
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 के आयोजन स्थल
भारत: गुवाहाटी, इंदौर, विशाखापत्तनम, नवी मुंबई
श्रीलंका: कोलंबो (आर. प्रेमदासा स्टेडियम) – पाकिस्तान के सभी मैच यहीं आयोजित किए जाएँगे।
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025-पूरा कार्यक्रम (IST)
30 सितंबर, 2025 – भारत बनाम श्रीलंका – बरसापारा स्टेडियम, गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
1 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूज़ीलैंड – होल्कर स्टेडियम, इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
2 अक्टूबर, 2025 – बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान – आर. प्रेमदासा स्टेडियम, कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
3 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका – बरसापारा स्टेडियम, गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
4 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
5 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
6 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम दक्षिण अफ्रीका – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
7 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम बांग्लादेश – गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
अक्टूबर 8, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
9 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
10 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम बांग्लादेश – गुवाहाटी – दोपहर 3:00 बजे
11 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
12 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
13 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम बांग्लादेश – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
14 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
15 अक्टूबर, 2025 – इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
16 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम बांग्लादेश – विशाखापत्तनम – दोपहर 3:00 बजे
17 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
18 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
19 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम इंग्लैंड – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
20 अक्टूबर, 2025 – श्रीलंका बनाम बांग्लादेश – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
21 अक्टूबर, 2025 – दक्षिण अफ्रीका बनाम पाकिस्तान – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
22 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
23 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम न्यूज़ीलैंड – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
24 अक्टूबर, 2025 – पाकिस्तान बनाम श्रीलंका – कोलंबो – दोपहर 3:00 बजे
25 अक्टूबर, 2025 – ऑस्ट्रेलिया बनाम दक्षिण अफ्रीका – इंदौर – दोपहर 3:00 बजे
26 अक्टूबर, 2025 – न्यूज़ीलैंड बनाम इंग्लैंड – विशाखापत्तनम – सुबह 11:00 बजे
26 अक्टूबर, 2025 – भारत बनाम बांग्लादेश – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
29 अक्टूबर, 2025 – पहला सेमीफाइनल – तय नहीं – स्थान तय नहीं – दोपहर 3:00 बजे
30 अक्टूबर, 2025 – दूसरा सेमीफाइनल – नवी मुंबई – दोपहर 3:00 बजे
2 नवंबर, 2025 – फाइनल – तय नहीं – दोपहर 3:00 बजे
आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 – टीमें और स्क्वॉड्स
भारत ने खेलों में डोपिंग परीक्षण प्रणाली को मज़बूत करने के लिए एक दुर्लभ और अत्यंत महत्वपूर्ण एंटी-डोपिंग रेफरेंस मैटेरियल विकसित किया है — मेथांडीनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM)। यह उपलब्धि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) गुवाहाटी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) नई दिल्ली के संयुक्त सहयोग से संभव हुई है। यह पहल भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करती है जो इतने उन्नत रेफरेंस मैटेरियल तैयार करने की क्षमता रखते हैं।
रेफरेंस मैटेरियल (RM) क्या होते हैं और क्यों ज़रूरी हैं?
ये शुद्ध रासायनिक पदार्थ या उनके मेटाबोलाइट्स होते हैं, जिनका उपयोग सटीक परीक्षण (analytical testing) के लिए किया जाता है।
एंटी-डोपिंग संदर्भ में, इनका प्रयोग होता है:
प्रतिबंधित पदार्थों की पहचान (WADA सूचीबद्ध)
उच्च सटीकता से एथलीट ड्रग टेस्ट करने में
पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखने में
दुनिया में केवल 4–5 संस्थान ही ऐसे दुर्लभ RMs बनाते हैं, इसलिए ये बहुत महंगे और कठिनाई से उपलब्ध होते हैं।
मेथांडीनोन LTM का शुभारंभ
4 सितंबर 2025 को डॉ. मनसुख मांडविया (केंद्रीय युवा कार्य व खेल मंत्री) ने नई दिल्ली में NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी बैठक के दौरान इस मेटाबोलाइट का शुभारंभ किया।
मेथांडीनोन एक एनाबॉलिक स्टेरॉयड है, जिसे खिलाड़ी ताकत और मांसपेशियाँ बढ़ाने के लिए गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं।
LTM की खासियत यह है कि यह लंबे समय तक शरीर में मौजूद रहता है, जिससे सेवन के महीनों या वर्षों बाद भी इसका पता लगाया जा सकता है।
मुख्य विशेषताएँ:
वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं
मूत्र परीक्षण के जरिए लंबी अवधि तक ट्रैकिंग
डोपिंग करने वालों पर निवारक (deterrence) प्रभाव
वैज्ञानिक सटीकता से एंटी-डोपिंग प्रवर्तन को मज़बूत करना
NIPER–NDTL सहयोग: डोपिंग परीक्षण में भारत की क्षमता
2020 से दोनों संस्थान मिलकर 22 गैर-व्यावसायिक RMs विकसित कर रहे हैं।
अब तक 12 RMs तैयार किए जा चुके हैं, जिनमें मेथांडीनोन LTM नवीनतम है।
उद्देश्य:
खेलों में पारदर्शिता और ईमानदारी
WADA की 30 मान्यता प्राप्त लैब्स को सहयोग
पश्चिमी देशों से होने वाले महंगे आयात पर निर्भरता घटाना
वैश्विक महत्व और भविष्य की दिशा
साफ-सुथरे खिलाड़ियों को सशक्त बनाना
डोपिंग करने वालों के लिए कड़ा संदेश
भारत को वैज्ञानिक योगदानकर्ता और वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना
खेल विज्ञान और अनुसंधान में नए अवसर खोलना
“फिट इंडिया” और खेलों में नैतिकता व जवाबदेही को प्रोत्साहित करना
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
भारत ने सितंबर 2025 में मेथांडीनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) विकसित किया।
NIPER गुवाहाटी और NDTL नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से विकसित किया।
यह रेफरेंस मैटेरियल, सेवन के महीनों बाद भी एनाबॉलिक स्टेरॉयड मेथांडीनोन का पता लगाने में सक्षम है।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने ICICI बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत भर में DPIIT मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को लक्षित सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह साझेदारी 4 सितंबर 2025 को औपचारिक रूप से हुई और इसे स्टार्टअप इंडिया पहल के अंतर्गत लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्टार्टअप्स को एक्सेलेरेटर एक्सेस, मेंटरशिप, पायलट अवसर और इकोसिस्टम इंटीग्रेशन जैसे संरचित सहयोग उपलब्ध कराना है।
रणनीतिक सहयोग से स्टार्टअप्स को सशक्त करना
इस MoU के अंतर्गत, ICICI बैंक एक स्टार्टअप एंगेजमेंट प्रोग्राम शुरू करेगा, जो स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर उपलब्ध होगा। यह कार्यक्रम स्टार्टअप इंडिया के संचार और जागरूकता अभियानों के साथ जुड़ा होगा ताकि अधिकतम स्टार्टअप्स तक पहुँचा जा सके।
मुख्य घटक:
मुंबई स्थित ICICI बैंक एक्सेलेरेटर में वर्कस्पेस एक्सेस
प्रोडक्ट-आधारित स्टार्टअप्स के लिए विशेष पाठ्यक्रम
उद्योग विशेषज्ञों से मेंटरशिप
ICICI बैंक की विभिन्न इकाइयों के साथ पायलट प्रोजेक्ट्स का अवसर
वेंचर कैपिटलिस्ट्स, निवेशकों और कॉर्पोरेट क्लाइंट्स से नेटवर्किंग
उद्योग कार्यशालाओं और इनोवेशन शोकेस में आमंत्रण
यह कार्यक्रम विशेष रूप से आरंभिक और विकास चरण के स्टार्टअप्स के लिए तैयार किया गया है।
नवाचार को गति देने के लिए वास्तविक अवसर
इस पहल के तहत स्टार्टअप्स को केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि वास्तविक अनुभव भी मिलेगा।
रीयल-टाइम फीडबैक से उत्पाद में सुधार
मार्केट फिट की शुरुआती मान्यता
ग्राहक अधिग्रहण और निवेशकों के विश्वास की बेहतर संभावना
ICICI बैंक की प्रतिबद्धता
30 जून 2025 तक ₹21.23 लाख करोड़ से अधिक परिसंपत्तियों के साथ, ICICI बैंक देश के अग्रणी निजी बैंकों में से एक है। इस MoU के माध्यम से बैंक ने भारत की नवाचार-चालित वृद्धि में अपनी सक्रिय भागीदारी को और मजबूत किया है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
DPIIT और ICICI बैंक ने 4 सितंबर 2025 को MoU पर हस्ताक्षर किए।
यह पहल स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत है।
ICICI बैंक स्टार्टअप्स को एक्सेलेरेटर, मेंटरशिप और पायलट अवसर उपलब्ध कराएगा।
यह कार्यक्रम स्टार्टअप इंडिया पोर्टल पर उपलब्ध होगा।