Pradhan Mantri Awas Yojana के तहत सरकार बनाएगी 3 करोड़ नए घर

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नवगठित केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में तीन करोड़ और घरों को मंजूरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पीएम आवास योजना के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए 4.21 करोड़ मकान बनाए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना क्या है

वर्ष 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास योजना लॉन्च की थी। देश में सभी के पास आवास हो इस उद्देश्य से सरकार ने यह योजना शुरू की थी। वर्ष 2015 के अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा कि थी आने वाले 5 साल में सरकार योजना के तहत 2 करोड़ नए घर बनाएगी।

पीएम आवास योजना (PMAY) देश के कमजोर वर्गों, शहरी गरीबों और ग्रामीण गरीबों को कम कीमत पर घर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। बजट 2023 में सरकार ने पीएम आवास योजना के फंड को 66 फीसदी बढ़ा दिया।

किसे मिलता है योजना का लाभ

पीएम आवास योजना का लाभ लो इनकम ग्रुप (LIG), मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) और EWS को मिलता है। EWS में वह लाभार्थी शामिल होते हैं जिनकी सालाना आय 3 रुपये तक होती है।

वहीं, लो इनकम ग्रुप के आवेदक की एनुअल इनकम 3 से 6 लाख रुपये होनी चाहिए। मिडिल इनकम ग्रुप में जिनकी सालाना इनकम 6 से 18 लाख रुपये होती है उन्हें ही योजना का लाभ मिलता है।

 

 

विमान दुर्घटना में मलावी के उपराष्ट्रपति का निधन

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मलावी के उपराष्ट्रपति सौलोस चिलिमा और उनकी पत्नी सहित 9 अन्य लोगों की उस समय मृत्यु हो गई। जब वे जिस विमान में यात्रा कर रहे थे वह चिकनगावा पर्वत श्रृंखला में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, सरकार ने यह जानकारी दी। राष्ट्रपति लाजरस चकवेरा ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया।

मलावी के राष्ट्रपति ने कहा कि विमान दुर्घटना में देश के उपराष्ट्रपति और नौ अन्य लोगों की मौत हो गई। एक दिन से अधिक समय तक चली खोज के बाद उपराष्ट्रपति सौलोस चिलिमा को ले जा रहे सैन्य विमान का मलबा देश के उत्तर में एक पहाड़ी क्षेत्र में पाया गया। मलावी के राष्ट्रपति लाजरस चकवेरा ने राज्य टेलीविजन पर एक लाइव संबोधन में कहा कि दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा है।

सैकड़ों सैनिक, पुलिस अधिकारी और वन रेंजर उस विमान की तलाश कर रहे थे, जिसमें एक पूर्व प्रथम महिला भी सवार थी। यह विमान दक्षिणी अफ्रीकी देश की राजधानी लिलोंग्वे से उत्तर में लगभग 370 किलोमीटर (230 मील) दूर मज़ुज़ू शहर के लिए 45 मिनट की उड़ान भर रहा था।

चकवेरा ने कहा कि हवाई यातायात नियंत्रकों ने विमान को खराब मौसम और खराब दृश्यता के कारण मजुजू के हवाई अड्डे पर उतरने का प्रयास न करने के लिए कहा और इसे वापस लिलोंग्वे की ओर लौटने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि इसके बाद एयर ट्रैफिक कंट्रोल का विमान से संपर्क टूट गया और यह रडार से गायब हो गया। विमान में सात यात्री और तीन सैन्य चालक दल के सदस्य सवार थे। राष्ट्रपति ने विमान को मलावी सशस्त्र बलों द्वारा संचालित एक छोटा, प्रोपेलर चालित विमान बताया।

विमान की जानकारी ट्रैक करने वाली ch-aviation वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने जो टेल नंबर दिया है, उससे पता चलता है कि यह एक डोर्नियर 228-प्रकार का ट्विन प्रोपेलर विमान है, जिसे 1988 में मलावी सेना को दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि मजुजू के पास विफिया पर्वत में एक विशाल वन वृक्षारोपण में खोज में लगभग 600 कर्मचारी शामिल थे। चिलिमा उपराष्ट्रपति के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे थे।

वे पूर्व राष्ट्रपति पीटर मुथारिका के अधीन 2014-2019 तक भी इस पद पर थे। वे 2019 के मलावी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार थे और मौजूदा राष्ट्रपति, मुथारिका और चकवेरा के बाद तीसरे स्थान पर रहे। बाद में अनियमितताओं के कारण मलावी के संवैधानिक न्यायालय ने वोट रद्द कर दिया था। इसके बाद चिलिमा 2020 में ऐतिहासिक चुनाव में चकवेरा के साथी के रूप में उनके अभियान में शामिल हो गए, जब चकवेरा राष्ट्रपति चुने गए।

भारत ने मिस्र, ईरान, यूएई, सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने का स्वागत किया

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भारत ने मिस्र, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और इथियोपिया के ब्रिक्स समूह में शामिल होने का स्वागत किया है। इन देशों के प्रतिनिधियों ने रूस की ओर से आयोजित ब्रिक्स की एक महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार हिस्सा लिया।

भारत के वरिष्ठ राजनयिक दम्मू रवि ने पश्चिमी रूस के निजनी नोवगोरोद में आयोजित ब्रिक्स समूह के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ब्रिक्स समूह के पूर्ण सदस्य बन गए हैं। ब्रिक्स में इससे पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पहले से इसके सदस्य हैं।

आमतौर पर विदेश मंत्री ऐसी बैठकों में भाग लेते हैं। रूस ने एक जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की एक वर्ष की अध्यक्षता का कार्यभार संभा था। ब्रिक्स दुनिया की पांच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है।

क्या है ब्रिक्स

रूस ने एक जनवरी, 2024 को ब्रिक्स की एक वर्ष की अध्यक्षता का कार्यभार संभाला था। ब्रिक्स दुनिया की पांच अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है।

 

 

चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी घोषित किया

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से एक दिन पहले तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को घोषणा की कि अमरावती राज्य की एकमात्र राजधानी होगी। नायडू तेदेपा, भाजपा और जनसेना के विधायकों की एक संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा में एनडीए नेता के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में तीन राजधानियों की आड़ में कोई खेल नहीं होगा। हमारी राजधानी अमरावती है। अमरावती राजधानी है।राज्य के बंटवारे के बाद चंद्रबाबू नायडू पहले मुख्यमंत्री बने। वह 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे। नायडू ने अमरावती को राजधानी बनाने का विचार रखा था।

हालांकि, नायडू के इस विचार को उस समय झटका लगा जब 2019 में उन्होंने सत्ता खो दी और वाई एस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने शानदार जीत हासिल की। फिर रेड्डी ने अमरावती शहर की योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया और तीन राजधानियों का एक नया विचार सामने रखा, जिसे नायडू ने अब एकमात्र राजधानी रखने के फैसले के साथ बदल दिया है।

विधानसभा चुनाव

आंध्र प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव में तेदेपा, भाजपा और जनसेना के गठबंधन ने एकतरफा जीत हासिल की। एनडीए गठबंधन ने विधासभा चुनाव 164 सीट पर जीत दर्ज की। जबकि लोकसभा चुनाव में 21 सीट पर भारी बहुमत के साथ शानदार जीत हासिल की। इस जनादेश ने अमरावती को राजधानी बनाने की योजना में नई जान फूंक दी है।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी नए सेना प्रमुख नियुक्त

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लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी अगले थलसेना प्रमुख होंगे। वह जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे। जनरल पांडे 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वर्तमान में थलसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को सरकार ने अगला थलसेना प्रमुख नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति 30 जून की दोपहर से प्रभावी होगी।

जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल

गौरतलब है कि पिछले महीने सरकार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सेवानिवृत्ति से पहले जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया था। जनरल पांडे को 31 मई को सेवानिवृत्त होना था। सरकार के इस कदम से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि थलसेना प्रमुख पद के लिए संभवत: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की अनदेखी की जा सकती है।

जनरल द्विवेदी के बारे में

लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद थलसेना में वरिष्ठतम अधिकारी दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने रीवा स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2024: 12 जून

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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर वर्ष 12 जून को मनाया जाता है. इसका लक्ष्य बाल श्रम के विरुद्ध बढ़ते वैश्विक आंदोलन को गति प्रदान करना है। संयुक्त राष्ट्र का मानना ​​है कि यदि लोग और सरकारें मूल कारण पर ध्यान केन्द्रित करें तथा सामाजिक न्याय और बाल श्रम के बीच अंतर्संबंध को पहचानें, तो बाल श्रम को समाप्त किया जा सकता है।

बाल श्रम एक गंभीर मुद्दा है। बचपन खेलने और सीखने का समय होता है, ना कि खतरनाक परिस्थितियों में काम करने का। बाल श्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को रोकता है और उन्हें शिक्षा के अवसर से भी वंचित रखता है।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2024: थीम

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के लिए एक थीम चुनता है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2024 की थीम है – “Let’s Act on Our Commitments: End Child Labour! (आइए अपनी प्रतिबद्धताओं पर काम करें: बाल श्रम को समाप्त करें!)।” इस वर्ष का विश्व दिवस बाल श्रम के सबसे बुरे रूपों पर कन्वेंशन को अपनाने की 25वीं वर्षगांठ को चिह्नित करेगा।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (ILO) ने पहली बार बाल श्रम रोकने का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद साल 2002 में सर्वसम्मति से एक ऐसा कानून पारित हुआ जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से मजदूरी करवाना अपराध माना गया। अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (ILO) के 187 सदस्य देश हैं। ILO ने विश्व में श्रम की स्थितियों में सुधार के लिए कई सम्मेलनों को पारित किया है। और तो और यह मजदूरी, काम के घंटे, अनुकूल वातावरण इत्यादि मामलों पर भी जरूरी गाइडलाइंस देता रहता है। 1973 में, ILO सम्मेलन संख्या 138 को अपनाकर रोजगार के लिए न्यूनतम आयु पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया गया। जिसका मकसद सदस्य राज्यों को रोजगार की न्यूनतम आयु बढ़ाने और बाल मजदूरी को समाप्त करना था।

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का महत्व

गरीबी सबसे बड़ी है बाल श्रम की, जिसकी वजह से बच्चे शिक्षा का ऑप्शन छोड़कर मजबूरी वश मजदूरी करना चुनते हैं।इसके अलावा, कई सारे बच्चों को संगठित अपराध रैकेट द्वारा भी बाल श्रम के लिए मजबूर किया जाता है। तो इस दिन को विश्व स्तर पर मनाए जाने का उद्देश्य इन्हीं चीज़ों के ऊपर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है, जिससे बच्चों को बाल श्रम से रोका जा सके।

भारत ने विदेशी बंदरगाह परिचालन का विस्तार किया

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क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में, भारत ने बांग्लादेश में मोंगला बंदरगाह के प्रबंधन पर अपनी नज़रें गड़ा दी हैं। ईरान में चाबहार और म्यांमार में सित्तवे की सफलताओं के बाद, भारत अपने विदेशी बंदरगाह परिचालन का विस्तार करके अपने वाणिज्यिक और सुरक्षा हितों को और मज़बूत करना चाहता है।

चीन की रणनीतिक उपस्थिति का मुकाबला

चाबहार और सित्तवे में अपने प्रयासों के साथ-साथ मोंगला बंदरगाह को संचालित करने में भारत की रुचि, क्षेत्र में चीन की रणनीतिक उपस्थिति को संतुलित करने के लिए एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। चीन भी बंदरगाह के संचालन पर नज़र रख रहा है, इसलिए भारत का यह कदम महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को सुरक्षित करने में उसके सक्रिय रुख को दर्शाता है।

रणनीतिक चर्चाएँ आगे: मोदी-हसीना की बैठक और संभावित वार्ताएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आगामी बैठकों के दौरान बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मोंगला बंदरगाह के प्रबंधन में भारत की रुचि पर चर्चा करेंगे। यह चर्चा द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय भू-राजनीति में बंदरगाह के प्रबंधन के महत्व को रेखांकित करती है।

परिचालन विस्तार

इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) भारत के अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह संचालन के लिए पसंदीदा इकाई के रूप में उभरी है, जिसकी मोंगला पोर्ट को प्रबंधित करने की योजना है। बातचीत चल रही है, और आईपीजीएल ने पहले ही बंदरगाह पर मूल्यांकन कर लिया है। मोंगला पोर्ट अथॉरिटी इस प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी, जिसमें इसकी लाभप्रदता और दोनों देशों के लिए संभावित लाभों पर विचार किया जाएगा।

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प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

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प्रेम सिंह तमांग गोले ने सिक्किम के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में 10 जून को शपथ ली। विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की ऐतिहासिक विजय हासिल के बाद वह लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं।

राजधानी गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने उन्हें शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री तामांग ने नेपाली भाषा में शपथ पाठ किया। उनके साथ 11 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।

तमांग के मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे

तमांग के मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे हैं। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री तमांग ने कहा कि नई सरकार बिजली, पानी और सड़क को लेकर विशेष रूप से काम करेगी। पिछले कार्यकाल के अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा। राज्य सरकार केंद्र में एनडीए को समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 के बाद पूर्वोत्तर के विकास को नई दिशा दी है।

एसकेएम ने 32 में से 31 सीटों पर दर्ज की थी जीत

इस वर्ष अप्रैल के महीने में सिक्किम में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए और 2 जून को नतीजे आए। एसकेएम ने प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में राज्य में 32 में से 31 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है। इस बार विधानसभा चुनाव में तमांग ने जिन दो सीटों से उन्होंने चुनाव लड़ा, वहां उन्हें जीत हासिल हुई।

प्रेम सिंह तमांग के बारे में

प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को पश्चिम सिक्किम के सिंग्लिंग बस्टी में हुआ था। उनके पिता का नाम कालू सिंह तमांग और मां का नाम धन माया तमांग है। शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद तमांग ने 1988 में दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज से कला में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। राजनीति में आने से पहले तमांग सरकारी शिक्षक थे। हालांकि, शिक्षक की नौकरी के बदले उनकी सामाजिक कार्यो में अधिक रूचि रही। इसी वजह से वे बाद में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) की राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने शुरू कर दिया और पार्टी के सदस्य बन गए। इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एसडीएफ के स्थाई सदस्य बन गए। चामलिंग, एसडीएफ के संस्थापक रहे पूर्व सीएम पवन कुमार चामलिंग को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।

SBI ने सह-उधार प्रयास में ₹2,030 करोड़ के साथ उधारकर्ताओं को सशक्त बनाया

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अपने ऋण देने के दायरे को व्यापक बनाने के लिए एक रणनीतिक कदम उठाते हुए, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 23 गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी)/आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) के साथ गठजोड़ किया है। इस सहयोग के माध्यम से, एसबीआई ने 2.79 लाख से अधिक उधारकर्ताओं को कुल 2,030 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, जैसा कि बैंक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है।

डिजिटल परिवर्तन: निर्बाध ऋण परिचालन को सुगम बनाना

एसबीआई ने ऋण परिचालन के लिए एक संपूर्ण डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया है, जिसमें एनबीएफसी सह-उधार के लिए अंडरराइटिंग, मंजूरी, संवितरण और संग्रह शामिल हैं। 3 लाख रुपये तक के ऋण के लिए पूरी तरह से डिजिटल मोड में 2.70 लाख से अधिक खाते स्वीकृत किए गए हैं, जो ऋण प्रक्रियाओं में डिजिटल नवाचार के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

सह-उधार पहल के माध्यम से एमएसएमई खंड को बढ़ावा देना

नौ एनबीएफसी के साथ मिलकर एसबीआई ने ₹469 करोड़ की राशि के 1,042 एमएसएमई खातों को मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बहुत जरूरी वित्तीय सहायता प्रदान करना है, जिससे इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में विकास और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिले।

वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए

एनबीएफसी के साथ साझेदारी से एसबीआई को उनकी स्थानीय उपस्थिति का लाभ उठाने में मदद मिलेगी, जिससे वंचित और कम सेवा वाले क्षेत्रों में वित्तीय जरूरतों का बेहतर आकलन करने में मदद मिलेगी। यह सहयोग न केवल बैंक के ऋण पोर्टफोलियो का विस्तार करता है, बल्कि कृषि, एसएमई और आवास जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति को भी मजबूत करता है।

अभिनव सह-उधार मंच

एसबीआई का डिजिटल सह-उधार मंच, क्लाउड प्रौद्योगिकी (अमेज़ॅन वेब सर्विसेज) और मजबूत एपीआई का लाभ उठाते हुए, ऋण परिदृश्य में एक आदर्श बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। यूबीआई के साथ सहयोग बैंक की बेहतर दक्षता और ग्राहक अनुभव के लिए फिनटेक समाधानों को अपनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

एसबीओएसएस सहायक कंपनी के माध्यम से ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में परिचालन को स्थिर करना

एसबीआई की आउटसोर्सिंग सेवा सहायक कंपनी, स्टेट बैंक ऑपरेशन सपोर्ट सर्विसेज (एसबीओएसएस) ने ग्रामीण/अर्ध-शहरी (आरयूएसयू) क्षेत्रों में परिचालन को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने “उच्च तकनीक, उच्च स्पर्श और कम लागत” दृष्टिकोण के माध्यम से, एसबीओएसएस ने ₹13,500 करोड़ से अधिक राशि के 6.70 लाख से अधिक नए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋणों की सोर्सिंग की सुविधा प्रदान की है, जिससे ग्रामीण भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है।

बैंक ऑफ इंडिया ने सीसीआईएल आईएफएससी में 6.1% हिस्सेदारी हासिल की

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बैंक ऑफ इंडिया ने ₹6.125 करोड़ में क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (IFSC) में 6.125% हिस्सेदारी हासिल की है, जिसका उद्देश्य GIFT सिटी IFSC में अपनी रणनीतिक उपस्थिति को बढ़ाना है। यह अधिग्रहण GIFT सिटी को वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

रणनीतिक अधिग्रहण

बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) सुब्रत कुमार द्वारा गिफ्ट सिटी में बैंक की आईएफएससी बैंकिंग इकाई के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान घोषित यह कदम गिफ्ट सिटी में वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करने के बैंक के इरादे को रेखांकित करता है। क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल) द्वारा प्रवर्तित सीसीआईएल आईएफएससी, एक वास्तविक समय विदेशी मुद्रा निपटान प्रणाली संचालित करने और गिफ्ट सिटी में क्लियरिंग हाउस के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है।

वित्तीय लक्ष्य और वृद्धि

पिछले साल आईएफएससी बैंकिंग इकाई के उद्घाटन के बाद से, बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पहले वर्ष के भीतर कारोबार को 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया, जिसे मार्च 2024 तक हासिल किया जा सका। चालू वित्त वर्ष के लिए बैंक ने पिछले वर्ष की तुलना में कारोबार में 50% वृद्धि का लक्ष्य रखा है, जो इसकी आक्रामक विकास रणनीति को दर्शाता है।

डिजिटल बैंकिंग पहल

आईएफएससीए दिशानिर्देशों के अनुरूप, बैंक ऑफ इंडिया विभिन्न ग्राहकों को लेनदेन-आधारित इंटरनेट बैंकिंग सुविधाओं के माध्यम से व्यापक डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहा है। इस पहल का उद्देश्य ग्राहक सुविधा को बढ़ाना और GIFT सिटी के भीतर बैंकिंग सेवाओं के डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करना है।

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