टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में स्थित खुरजा सुपर थर्मल पावर प्लांट (STPP) की 660 मेगावाट क्षमता वाली इकाई का वाणिज्यिक संचालन शुरू कर दिया है। यह उपलब्धि टीएचडीसीआईएल के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कंपनी की घरेलू थर्मल ऊर्जा क्षेत्र में पहली परियोजना है। इस परियोजना की कुल क्षमता 1,320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) है, जिसमें दूसरी इकाई भी जल्द ही चालू होने की उम्मीद है।
परियोजना का अवलोकन
- टीएचडीसीआईएल ने उत्तर प्रदेश के खुरजा सुपर थर्मल पावर प्लांट में 660 मेगावाट की पहली इकाई का संचालन शुरू किया।
- यह टीएचडीसीआईएल की पहली थर्मल ऊर्जा परियोजना है, जो अब तक जलविद्युत, पवन और सौर ऊर्जा क्षेत्रों में कार्यरत थी।
- परियोजना की कुल क्षमता 1,320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) है, और दूसरी इकाई जल्द शुरू होने वाली है।
निवेश और स्थान
- यह परियोजना ₹13,000 करोड़ के निवेश से विकसित की जा रही है।
- यह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 1,200.843 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है।
- परियोजना के लिए सिंगरौली (मध्य प्रदेश) स्थित अमेलिया कोयला खदान से कोयला आपूर्ति की जाएगी।
ऊर्जा उत्पादन और वितरण
- इस परियोजना से वार्षिक 9,264 मिलियन यूनिट (MU) बिजली उत्पादन की उम्मीद है, जिसमें 85% प्लांट लोड फैक्टर (PLF) रहेगा।
- बिजली आवंटन इस प्रकार रहेगा:
- 64.7% (854 मेगावाट) उत्तर प्रदेश को
- 21.3% राजस्थान को
- 3.9% उत्तराखंड को
- 10.1% अन्य क्षेत्रों को
- यह संयंत्र राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ा हुआ है, जिससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
पर्यावरण और तकनीकी विशेषताएँ
- संयंत्र में फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) प्रणाली लगाई गई है, जिससे गंधक उत्सर्जन (Sulphur Emissions) कम होकर वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
- इस संयंत्र में आधुनिक कोयला-आधारित तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे उच्च दक्षता और पर्यावरणीय प्रभावों में कमी सुनिश्चित की जा सकेगी।
टीएचडीसीआईएल की ऊर्जा उत्पादन क्षमता
इस थर्मल परियोजना से पहले टीएचडीसीआईएल निम्नलिखित स्रोतों से बिजली उत्पादन कर रही थी:
- जलविद्युत: 1,424 मेगावाट
- पवन ऊर्जा: 113 मेगावाट
- सौर ऊर्जा: 50 मेगावाट
- अब थर्मल ऊर्जा जोड़ने से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (THDCIL) का स्वामित्व और मुख्यालय
- टीएचडीसीआईएल एक संयुक्त उपक्रम (JV) है, जिसमें एनटीपीसी लिमिटेड (भारत सरकार) की 75% और उत्तर प्रदेश सरकार की 25% हिस्सेदारी है।
- कंपनी का मुख्यालय ऋषिकेश, उत्तराखंड में स्थित है।
निष्कर्ष
टीएचडीसीआईएल द्वारा खुरजा सुपर थर्मल पावर प्लांट की पहली इकाई का वाणिज्यिक संचालन भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है। जल्द ही दूसरी इकाई के शुरू होने से भारत के पावर ग्रिड को और मजबूती मिलेगी।
| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | टीएचडीसी ने 660 मेगावाट यूपी प्लांट के साथ थर्मल ऊर्जा में विस्तार किया |
| परियोजना का नाम | खुरजा सुपर थर्मल पावर प्लांट (STPP) |
| स्थान | बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश |
| क्षमता | 1,320 मेगावाट (2×660 मेगावाट) |
| संचालन स्थिति | इकाई 1 (660 मेगावाट) 25 जनवरी 2025 से चालू; इकाई 2 जल्द शुरू होगी |
| निवेश | ₹13,000 करोड़ |
| कोयला स्रोत | अमेलिया कोयला खदान, सिंगरौली, मध्य प्रदेश |
| वार्षिक विद्युत उत्पादन | 9,264 मिलियन यूनिट (85% पीएलएफ) |
| बिजली आवंटन | यूपी: 64.7%, राजस्थान: 21.3%, उत्तराखंड: 3.9%, अन्य: 10.1% |
| प्रयुक्त तकनीक | फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (FGD) उत्सर्जन नियंत्रण के लिए |
| टीएचडीसीआईएल की मौजूदा क्षमता | जलविद्युत: 1,424 मेगावाट, पवन ऊर्जा: 113 मेगावाट, सौर ऊर्जा: 50 मेगावाट |
| स्वामित्व | 75% एनटीपीसी (भारत सरकार), 25% उत्तर प्रदेश सरकार |
| मुख्यालय | ऋषिकेश, उत्तराखंड |


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