
विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। उन्होंने एक वर्ष में अपने देश में 111 अरब डॉलर भेजे हैं। यह आंकड़ा वर्ष 2022 कहा है। संयुक्त राष्ट्र इमिग्रेशन एजेंसी ने कहा कि यह 100 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचने और इसे पार करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने जारी रिपोर्ट में कहा है कि 2022 में भारत, मैक्सिको, चीन, फिलीपींस और फ्रांस शीर्ष पांच रिमिटेंस (प्रवासियों की ओर घर भेजे गए धन) प्राप्तकर्ता देश थे। पाकिस्तान और बांग्लादेश 2022 में छठे और आठवें सबसे बड़े प्राप्तकर्ता थे, जिन्होंने क्रमश: 30 अरब डालर और 21.5 अरब डालर प्राप्त किए।
शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में शामिल
दक्षिण एशिया के तीन देश भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश दुनिया में अंतरराष्ट्रीय प्रेषण के शीर्ष दस प्राप्तकर्ताओं में शामिल हैं। यह इस क्षेत्र से श्रम प्रवास को रेखांकित करता है।
लगातार वृद्धि: $53.48 बिलियन से $111.22 बिलियन तक
संयुक्त राष्ट्र की विश्व प्रवासन रिपोर्ट 2024 ने प्रेषण में भारत की लगातार वृद्धि को रेखांकित किया, जिसमें 2010 में $53.48 बिलियन से बढ़कर 2022 में $111.22 बिलियन हो गया। यह महत्वपूर्ण वृद्धि वैश्विक प्रेषण परिदृश्य में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।


मेटा इंडिया ने अमन जैन को सार्वजनिक नीति...
Year Ender 2025: भारत में प्रमुख संवैधान...
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परमाणु ऊर्जा क्षे...

