हुरुन रिच लिस्ट 2025 ने एक बार फिर भारत के तेज़ी से बदलते स्टार्टअप और कारोबारी इकोसिस्टम को उजागर किया है। इस वर्ष ईटरनल (पूर्व में ज़ोमैटो) के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल भारत के शीर्ष स्वनिर्मित उद्यमी बनकर उभरे हैं, उन्होंने डी-मार्ट के दिग्गज कारोबारी राधाकिशन दमानी को पीछे छोड़ दिया। यह सूची भारत की अर्थव्यवस्था में नई-पीढ़ी की टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप-नेतृत्व वाली कंपनियों के बढ़ते वर्चस्व को दर्शाती है।
शीर्ष पर दीपिंदर गोयल
- 2025 संस्करण में दीपिंदर गोयल पहले स्थान पर रहे।
- ईटरनल का मूल्यांकन पिछले वर्ष की तुलना में 27% बढ़कर ₹3.2 लाख करोड़ पहुंचा।
- इसके चलते उन्होंने राधाकिशन दमानी को पीछे छोड़ा, जिनकी कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स (डी-मार्ट) का मूल्यांकन 13% घटकर लगभग ₹3 लाख करोड़ रह गया और वे दूसरे स्थान पर रहे।
- गोयल की बढ़त डिजिटल प्लेटफॉर्म, फूड डिलीवरी और कंज़्यूमर इंटरनेट व्यवसायों के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करती है।
अन्य शीर्ष उद्यमी
- इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) के संस्थापक राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने टॉप-3 में मज़बूत एंट्री की।
- उनकी कंपनी का मूल्यांकन ₹2.2 लाख करोड़ रहा।
- यह उपलब्धि एविएशन सेक्टर की वापसी और लो-कॉस्ट कैरियर्स की भूमिका को दर्शाती है।
- वहीं रेज़रपे, ज़ेरोधा और ड्रीम11 जैसे कुछ चर्चित स्टार्टअप संस्थापक इस वर्ष टॉप-10 से बाहर हो गए, जो कड़ी प्रतिस्पर्धा और मूल्यांकन में उतार-चढ़ाव को दिखाता है।
नए प्रवेश और उल्लेखनीय नाम
- 10वें स्थान पर लेंसकार्ट के संस्थापक पियूष बंसल की उल्लेखनीय एंट्री हुई।
- 2008 में स्थापित लेंसकार्ट 2025 में पब्लिक मार्केट में उतरी, जहां इसका मूल्यांकन ₹70,236 करोड़ रहा—60% सालाना वृद्धि के साथ।
- यह कंज़्यूमर टेक्नोलॉजी और आईवियर सेगमेंट में निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है।
सूची से उभरते प्रमुख रुझान
- टॉप-200 में प्रवेश अब पहले से कहीं अधिक कठिन हो गया है।
- न्यूनतम सीमा ₹3,000 करोड़ से बढ़कर लगभग ₹4,500 करोड़ (1.5 गुना) हो गई है।
- सूची की 200 कंपनियों का संयुक्त मूल्यांकन 15% बढ़कर ₹42 लाख करोड़ (USD 469 बिलियन) पहुंच गया।
- ये कंपनियां मिलकर लगभग 8 लाख लोगों को रोज़गार देती हैं, जो स्टार्टअप्स की रोजगार-सृजन क्षमता को रेखांकित करता है।
हुरुन रिच लिस्ट के बारे में
- हुरुन इंडिया टॉप-200 स्वनिर्मित उद्यमी (मिलेनिया) उन कंपनियों के संस्थापकों पर केंद्रित है जिनकी स्थापना 2000 के बाद हुई।
- IDFC First Bank द्वारा प्रस्तुत यह सूची विरासत में मिली संपत्ति के बजाय नए और तेज़ी से बढ़ते उद्यमों द्वारा सृजित मूल्य को दर्शाती है।
- वर्षों से यह सूची भारत की उद्यमशील सफलता, सेक्टर-शिफ्ट्स और वैल्यूएशन ट्रेंड्स का अहम संकेतक बन चुकी है।


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