भारत और लाइबेरिया ने औषध गुणवत्ता मानकों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए फार्माकोपिया (Pharmacopoeia) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता साझा दवा गुणवत्ता मानकों के विकास, नियामक तालमेल को बढ़ाने और सुरक्षित, प्रभावी व सस्ती दवाओं की उपलब्धता को विस्तारित करने पर केंद्रित है।
यह MoU मोनरोविया में भारत के राजदूत मनोज बिहारी वर्मा और लाइबेरिया की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. लुईस एम. क्पोटो द्वारा हस्ताक्षरित किया गया, जो भारत–लाइबेरिया स्वास्थ्य संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
MoU का उद्देश्य: दवा गुणवत्ता मानकों को सुदृढ़ करना
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह MoU निम्नलिखित उद्देश्यों को बढ़ावा देगा—
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साझा फार्माकोपियल मानकों को प्रोत्साहित करना
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भारत और लाइबेरिया के बीच नियामक सहयोग को मजबूत करना
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सुरक्षित और किफायती दवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करना
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वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग को बढ़ावा देना
यह पहल विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए मजबूत और विश्वसनीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियाँ विकसित करने में भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
लाइबेरिया अब भारतीय फार्माकोपिया का उपयोग करेगा
मोनरोविया स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि इस समझौते के तहत लाइबेरिया अब दवा गुणवत्ता के संदर्भ मानक के रूप में Indian Pharmacopoeia अपनाएगा। इससे लाइबेरिया को लाभ मिलेगा—
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नियामक ढाँचे को मजबूत करने में
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दवा गुणवत्ता आकलन को बेहतर बनाने में
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सुरक्षित और प्रभावी दवाओं तक बेहतर पहुँच में
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दवा आयात और घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं में विश्वास बढ़ाने में
भारतीय फार्माकोपिया अपनी वैज्ञानिक कठोरता और व्यापक गुणवत्ता मानकों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित है।
फार्माकोपिया क्यों महत्वपूर्ण है?
फार्माकोपिया वह आधिकारिक दस्तावेज होता है जो दवाओं की:
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पहचान
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शुद्धता
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शक्ति (Potency)
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परीक्षण मानदंड
को मानकीकृत करता है।
Indian Pharmacopoeia आधुनिक विश्लेषण तकनीकों पर आधारित विस्तृत मोनोग्राफ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं—
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HPTLC
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HPLC
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Gas Chromatography
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UV-Visible Spectrophotometry
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AAS
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ICP-AES / ICP-MS आदि
यह भारी धातुओं, कीटनाशक अवशेषों, अफ्लाटॉक्सिन और सूक्ष्मजीव संदूषण की सीमाएँ भी निर्धारित करता है।
ये मानक दवाओं की सुरक्षा, विश्वसनीयता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करते हैं।
भारत–लाइबेरिया स्वास्थ्य साझेदारी का महत्व
लाइबेरिया के लिए लाभ
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मजबूत दवा नियामक देखरेख
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गुणवत्ता-सुनिश्चित दवाओं तक बेहतर पहुँच
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सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार
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फार्मास्युटिकल परीक्षण क्षमता में वृद्धि
भारत के लिए लाभ
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वैश्विक फार्मा क्षेत्र में प्रभाव बढ़ना
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अफ्रीका में स्वास्थ्य सहयोग को प्रोत्साहन
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भारतीय फार्माकोपिया को वैश्विक मानक के रूप में बढ़ावा
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वैश्विक स्वास्थ्य समानता में योगदान
यह सहयोग दवा गुणवत्ता आश्वासन में क्षमता निर्माण के भारत के व्यापक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है, जिसकी अफ्रीका में बढ़ती आवश्यकता है।


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