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भारत की पहली ज़ीरो-एमिशन इलेक्ट्रिक टग प्रोजेक्ट का उद्घाटन

भारत ने स्वच्छ और आधुनिक पोर्ट संचालन की ओर एक अहम कदम बढ़ाया है। केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने वर्चुअली देश के पहले पूरी तरह इलेक्ट्रिक ग्रीन टग के स्टील-कटिंग समारोह की शुरुआत की। यह परियोजना भारत के बंदरगाहों को अधिक स्वच्छ, हरित और भविष्य-उन्मुख बनाने के राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा है।

ग्रीन समुद्री विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

यह नया इलेक्ट्रिक टग कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट प्राधिकरण (DPA) के लिए ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) के तहत बनाया जा रहा है। सोनोवाल ने बताया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल समुद्री क्षेत्र के विज़न को मजबूत करती है। यह मेक इन इंडिया, ग्रीन ग्रोथ और ग्रीन शिपिंग टेक्नोलॉजी में भारत की नेतृत्व क्षमता को भी प्रदर्शित करती है।

पूरी तरह इलेक्ट्रिक टग की मुख्य विशेषताएँ

इस इलेक्ट्रिक टग में आधुनिक तकनीक शामिल होगी, जिसका उद्देश्य उत्सर्जन को कम करना और प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।

मुख्य फीचर्स:

  • 60 टन बोलार्ड पुल क्षमता

  • शून्य कार्बन उत्सर्जन

  • शांत और स्मूथ ऑपरेशन

  • उन्नत नेविगेशन सिस्टम

  • उच्च ऊर्जा दक्षता

विशेषज्ञों का मानना है कि यह टग संचालन लागत को कम करेगा और भारत के अन्य बंदरगाहों को भी स्वच्छ तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।

ग्रीन टग ट्रांजिशन प्रोग्राम (GTTP) के तहत प्रगति

सरकार का लक्ष्य 2030 तक 50 ग्रीन टग को शामिल करना है।

  • पहले चरण (2024–2027) में 16 ग्रीन टग शामिल किए जाएंगे।

  • दीनदयाल पोर्ट (DPA), कांडला सबसे पहला पोर्ट है जहाँ निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

  • परादीप, जेएनपीए, और वीओसी पोर्ट भी कार्य आदेश जारी कर चुके हैं।

टग कहाँ और कैसे बनाया जा रहा है?

यह टग अत्रेय शिपयार्ड में भारतीय और वैश्विक तकनीकी साझेदारों के सहयोग से निर्मित किया जा रहा है।
पूरा होने के बाद इसका उपयोग इन कार्यों के लिए किया जाएगा:

  • हार्बर ऑपरेशन

  • एस्कॉर्ट ड्यूटी

  • आपातकालीन प्रतिक्रिया

इससे पोर्ट की सुरक्षा और संचालन क्षमता में सुधार होगा।

भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं के अनुरूप

यह परियोजना भारत के जलवायु लक्ष्यों और अंतरराष्ट्रीय डिकार्बोनाइज़ेशन वादों के अनुरूप है। यह Maritime India Vision 2030 और अमृत काल के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों को भी समर्थन देती है।

भारतीय बंदरगाहों के लिए स्थायी भविष्य की शुरुआत

सोनोवाल ने कहा कि इलेक्ट्रिक टग की शुरुआत भारत के लिए एक नई दिशा का संकेत है। यह दर्शाता है कि भारत एक स्थायी, प्रतिस्पर्धी और विश्वस्तरीय समुद्री इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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