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नोटबंदी के दौरान 7% रही जीडीपी की वृद्धि दर

नोटबंदी के दौरान 7% रही जीडीपी की वृद्धि दर |_2.1
केंद्रीय सांख्यिकी विभाग द्वारा 28 फरवरी 2017 को जारी जीडीपी के ताजे आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान देश की जीडीपी वृद्धि दर 7% रही, इसी अवधि में ही सरकार ने देश में नोटबंदी लागू की थी.

वहीं अगले वित्त वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 7.3 रह सकता है और 2019 के दौरान यह आंकड़ा 7.7 फीसदी रह सकता है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, “लोगों ने नोटबंदी के नकारात्मक प्रभाव की आशंका जताई थी जो गलत साबित हुई.”

सीएसओ के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी का 7.1 फीसदी का आंकलन किया गया था. जिसके बाद वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) तक 7.2 फीसदी जीडीपी ग्रोथ दर्ज की गई थी. वहीं दूसरी तिमाही (जुलाई-सिंतबर) के दौरान विकास दर 7.4 फीसदी रही.
इससे पहले केन्द्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे का आंकड़ा जारी किया. मौजूदा वित्त विर्ष की अप्रैल से जनवरी तक की तीन तिमाही के दौरान यह घाटा 5.64 लाख करोड़ रहा जो वित्त वर्ष 2017 के टार्गेट का लगभग 105.7 फीसदी अधिक था. वहीं सरकार को अप्रैल से जनवरी तक कुल रेवेन्यू 10.09 लाख करोड रुपये रहा. यह वित्त वर्ष 2017 के टार्गेट का 73.3 फीसदी अधिक है.
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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