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भारत में बौद्धिक संपदा (आईपी) फाइलिंग में पांच वर्षों में 44% की बढोतरी

पिछले पाँच वर्षों में भारत में बौद्धिक संपदा (IP) पंजीकरण में 44% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसका श्रेय सरकार की नीतिगत सुधारों, शुल्क में रियायतों और IP सेवाओं के डिजिटलीकरण को जाता है। यह वृद्धि देश में बढ़ती जागरूकता, जीवंत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और भौगोलिक संकेतक (GI), पेटेंट तथा ट्रेडमार्क के माध्यम से स्वदेशी उत्पादों की रक्षा के प्रयासों को दर्शाती है।

पृष्ठभूमि:

वर्ष 2020–21 से 2024–25 के बीच कुल IP फाइलिंग 4.77 लाख से बढ़कर 6.89 लाख हो गई। इस दौरान सर्वाधिक वृद्धि भौगोलिक संकेतकों (380%) में देखी गई, इसके बाद डिज़ाइन (266%), पेटेंट (180%) और कॉपीराइट (83%) में वृद्धि दर्ज की गई। यह सरकार द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा के लिए किए जा रहे सक्रिय प्रयासों को उजागर करता है।

प्रमुख सुधार और विशेषताएं

  • पेटेंट: केवल ऑनलाइन फाइलिंग, सरलीकृत फॉर्म 27, परीक्षण हेतु अनुरोध (Request for Examination) की समयसीमा 31 महीनों तक घटाई गई, और ई-नवीकरण पर 10% शुल्क में छूट।
  • ट्रेडमार्क: 74 फॉर्म को घटाकर 8 किया गया, साउंड मार्क्स के लिए एक्सप्रेस फाइलिंग की सुविधा, और Registered Users के लिए प्रक्रिया को सरल बनाया गया।
  • डिज़ाइन्स: लोकार्नो वर्गीकरण (Locarno Classification) को अपनाया गया और पूरी प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया गया।
  • कॉपीराइट: सॉफ्टवेयर से संबंधित नियमों को सरल किया गया और सोसाइटियों की पारदर्शिता को बढ़ाया गया।
  • भौगोलिक संकेतक (GI): प्राधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाया गया।

स्टार्टअप्स और MSMEs को समर्थन

शुल्क में कटौती:

  • पेटेंट में 80%

  • डिज़ाइन्स में 75%

  • ट्रेडमार्क में 50%
    संशोधित नियमों के तहत स्टार्टअप्स, MSMEs, महिला आवेदकों और सरकारी संस्थानों के लिए त्वरित परीक्षण (Expedited Examination) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

डिजिटल परिवर्तन और नवाचार

अब 95% से अधिक IP फाइलिंग ऑनलाइन हो रही है।

AI आधारित ट्रेडमार्क सर्च, IP डैशबोर्ड, और ‘IP सारथी’ चैटबॉट की शुरुआत की गई है।

24×7 ई-फाइलिंग प्रणाली में रीयल-टाइम ट्रैकिंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-प्रमाणपत्र, और SMS अलर्ट जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

बौद्धिक संपदा जागरूकता और आउटरीच

  • राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (NIPAM): देश के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 9500 कार्यक्रमों के माध्यम से 25 लाख से अधिक छात्रों तक पहुंच।
  • WIPO IP डायग्नॉस्टिक टूल: 5 भाषाओं में स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए उपलब्ध।
  • SIPP योजना: स्टार्टअप्स को निशुल्क IP सहायता प्रदान करती है; अब इसे शैक्षणिक संस्थानों तक भी विस्तारित किया गया है।

मानव संसाधन और शिकायत निवारण

पेटेंट कार्यालय की क्षमता में 233% की वृद्धि हुई है — 2014 में 431 कार्मिकों से बढ़कर 2024 में 1433 हो गई।
शिकायत निवारण के लिए डेली ओपन हाउस कॉन्फ्रेंस और ओपन हाउस IT हेल्पडेस्क शुरू किए गए हैं।

भौगोलिक संकेतक (GI): तेज़ वृद्धि

कोविड के बाद GI पंजीकरण में तीव्र वृद्धि देखी गई, जो 2023–24 में 160 तक पहुंच गई। अब तक भारत में कुल 697 GI पंजीकृत किए जा चुके हैं, जो पारंपरिक और क्षेत्रीय उत्पादों की सुरक्षा के लिए एक मजबूत पहल को दर्शाता है।

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