2017-18 के बजट में नकद भुगतान के लिए प्रस्तावित 3 लाख की सीमा को वित्त बिल में अभूतपूर्व 40 संशोधनों के भाग के रूप में 2 लाख रुपए तक घटा दिया जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद के निचले सदन लोकसभा में इन संशोधनों की घोषणा की. इसका उद्देश्य नकदी में कार्य-व्यापार करने वाले लोगों पर फंदा और मजबूत करना है.
अन्य संशोधनों में, कर रिटर्न दाखिल करने और स्थायी खाता संख्या (पैन) के लिए आवेदन के लिए आधार संख्या अनिवार्य करना है, और चुनाव ट्रस्टों को नकद की बजाय केवल चेक, बैंक ड्राफ्ट या इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर द्वारा ही भुगतान करने की अनुमति देना शामिल है जिससे काले धन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
स्रोत – बिज़नेस स्टैण्डर्ड