चाइल्ड राईट एंड यू(CRY) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 5 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के 8 लाख से अधिक बच्चे बाल मजदूरी से जुड़े हैं. इनका एक बड़ा प्रतिशत, करीब 5 लाख बच्चे स्कूल में नहीं जाते है. इनमें से अधिकांश बच्चे परिवार आधारित रोजगार में हैं.
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 2,50,672 बाल मजदुर है, इसके पीछे बिहार 1,28,087 बच्चो के साथ और फिर
महाराष्ट्र, जहाँ 82,847 बल मजदुर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इन बच्चों को मजबूत आधार प्रदान करने के इरादे से निर्धारित एकीकृत बाल विकास सेवाओं(ICDS) की पहुंच, काफी सीमित है क्योंकि यह इस आबादी के केवल 50% प्रतिशत तक जुडी है.
महाराष्ट्र, जहाँ 82,847 बल मजदुर है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इन बच्चों को मजबूत आधार प्रदान करने के इरादे से निर्धारित एकीकृत बाल विकास सेवाओं(ICDS) की पहुंच, काफी सीमित है क्योंकि यह इस आबादी के केवल 50% प्रतिशत तक जुडी है.
उपरोक्त समाचारों से उपयोगी तथ्य-
- एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर, 1 9 75 को किया गयाथा.
- इसका उद्देश्य 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों और उनकी मां को भोजन, संगठन के पूर्वस्कूली शिक्षा, और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है.
- CRY भारत में बाल अधिकारों की बेहतरी के लिए एक संगठन है.
- यह 1979 में रिपन कपूर द्वारा स्थापित किया गया था.
स्रोत- हिंदुस्तान टाइम्स