राजस्थान सरकार ने शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस योजना से शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को जीवन यापन करने में मदद मिलेगी।
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मुख्यमंत्री गहलोत ने इससे पहले इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों के परिवारों, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय और बेरोजगार परिवारों के लिए खास योजना लाई जा रही। उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा की तर्ज पर बजट ऐलान के अनुरूप शहरों में भी अब रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ये योजना लागू की जा रही है।
यह योजना क्यों शुरू की गई?
सीएम गहलोत ने योजना को लेकर कहा कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था के साथ ही आम लोगों की आजीविका पर भी संकट आ गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजी-रोटी के संकट से उबारने के लिए मनरेगा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। ऐसे में नई योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को आजीविका की दृष्टि से हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना हेतु राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है।