नासा के टिफिन बॉक्स के आकार वाला छोटा-सा उपकरण मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन बनाने में कामयाब हो गया है। बता दें ‘मॉक्सी’ नाम का उपकरण कार्बन डाइऑक्साइड (co2) से ऑक्सीजन बना रहा है। यह एक घंटे में इतनी ऑक्सीन बना सकता है, जितनी एक छोटा पेड़ बनाता है। हर परीक्षण में इसने प्रति घंटा छह ग्राम ऑक्सीजन बनाया।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
शोधकर्ताओं ने कहा कि मंगल पर मनुष्यों से पहले मॉक्सी के बड़े संस्करण को भेजना होगा, जो सैकड़ों पेड़ों की क्षमता के बराबर ऑक्सीजन बना सके। मॉक्सी नासा के पर्सीवरेंस रोवर मिशन के अंतर्गत मंगल पर भेजा गया था। साल 2021 के अंत तक मॉक्सी दिन-रात में विभिन्न तरह की सात परिस्थितियों में ऑक्सीजन उत्पादन में सक्षम था।
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि पूरी क्षमता के साथ यह सिस्टम मनुष्यों के मंगल पर पहुंचने के बाद उन्हें जीवित रखने के लिए जरूरी ऑक्सीजन बना सकता है। इसके अतिरिक्त बची हुई ऑक्सीजन मनुष्यों को पृथ्वी पर वापस लाने वाले रॉकेट के ईंधन में इस्तेमाल की जा सकती है। मंगल पर मौजूद इस उपकरण का वर्जन इसलिए छोटा रखा गया, ताकि यह पर्सीवरेंस रोवर में फिट हो सके।