विश्व के विभिन्न देशों समेत भारत में भी मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार अलर्ट है। केंद्र ने वायरस के संदिग्ध मामलों को देखते हुए टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल,स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण समेत दूसरे सीनियर अधिकारी शामिल हैं। टास्क फोर्स मंकीपॉक्स के इलाज की निगरानी करेगी और ये भी देखेगी कि इसकी वैक्सीन की क्या संभावना है। इस टीम का काम निगरानी से लेकर सरकार को समय-समय पर गाइड करने का होगा।
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प्रमुख बिंदु:
- भारत में मंकीपॉक्स से पहली मौत की सूचना मिलने के बाद, यह कदम उठाया गया था। हाल में संयुक्त अरब अमीरात से केरल लौटे 22 वर्षीय पुरुष की मंकीपॉक्स के कारण मौत हो गई।
- मंकीपॉक्स से होने वाली मौत अफ्रीका के बाहर चौथी और भारत में होने वाली पहली मौत होगी। सूत्रों के मुताबिक युवक 22 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात से केरल पहुंचा था।
- पुन्नयूर में एक युवक की मंकी पॉक्स से कथित तौर पर मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कांफ्रेंस बुलाई.
- इस बीच मृतक युवक की संपर्क सूची व रूट प्लान तैयार कर लिया गया है। यह सलाह दी जाती है कि संपर्क करने वाले लोग अपने आप को दुसरे व्यक्ति से अलग कर लें।
- विशेष रूप से, भारत ने अब तक मंकीपॉक्स के पांच मामलों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें तीन मामले केरल में, एक दिल्ली में और एक गुंटूर, आंध्र प्रदेश में है।
दुनिया भर में स्थिति:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल में मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। वैश्विक स्तर पर, 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले पाए गए हैं। अफ्रीका में, मुख्य रूप से नाइजीरिया और कांगो में, जहां मंकीपॉक्स का एक अधिक घातक रूप पश्चिम की तुलना में फैल रहा है, वहां 75 संदिग्ध मौतें हुई हैं। इसके अलावा, ब्राजील और स्पेन में मंकीपॉक्स से होने वाली मौतों की सूचना मिली है।
WHO के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस क्या है?
मंकीपॉक्स वायरस, जो चेचक वायरस के समान वायरस परिवार का सदस्य है, वह जूनोटिक स्थिति का कारण बनता है जिसे मंकीपॉक्स कहा जाता है। मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरस यानि जानवरों से इंसानों में फैलने वाला संक्रमण है। मंकीपॉक्स वायरस, स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। आपको बता दें कि मंकीपॉक्स 1958 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है, जिसका संक्रमण कुछ मामलों में गंभीर हो सकता है। इस वायरस के दो स्ट्रेन्स हैं- पहला कांगो स्ट्रेन और दूसरा पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन।
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