अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के पक्ष में जोरदार उत्साह दिखाते हुए डेमोक्रेट व रिपब्लिकन दोनों के 95 सदस्यों ने वोट किया, विपक्ष में मात्र एक रिपब्लिकन सांसद ने वोट डाला। विरोध में वोट करने वाले रिपब्लिकन जोश हाउले ने तर्क दिया कि हमें यूरोप की सुरक्षा पर फोकस कम करने की जरूरत है, जबकि चीन के खतरे पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता के बारे में:
- नाटो में फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का मजबूत समर्थन प्राप्त है, जिन्होंने जुलाई में इस मुद्दे को सीनेट में विचार के लिए भेजा था।
- इससे पहले फ्रांस की नेशनल असेंबली ने भी प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। यूक्रेन पर रूस के हमले से डरे स्वीडन और फिनलैंड ने नाटो का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया है।
- इसके लिए सभी 30 नाटो सदस्य देशों के समर्थन की जरूरत है। इनमें से अब तक दो तिहाई सदस्य देश समर्थन कर चुके हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
- नाटो अध्यक्ष: जेन्स स्टोल्टेनबर्ग
- नाटो राष्ट्र: नाटो के वर्तमान सदस्य राज्य अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड हैं। उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, तुर्की।




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