भारत ने अपने संचयी COVID19 टीकाकरण अभियान में 200 करोड़ का मील का पत्थर पार कर लिया है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि देश भर में 2,00,00,15,631 खुराकें दी गई थीं। इसे 2,63,26,111 सत्रों में पूरा किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने भारत में टीकाकरण अभियान को परिमाण और तीव्रता में अद्वितीय बताया। संघ के स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने भी केवल 18 महीनों में इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए राष्ट्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह जबरदस्त उपलब्धि इतिहास में दर्ज हो जाएगी।
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प्रमुख बिंदु :
- भारत ने भौगोलिक कवरेज का मूल्यांकन करने, टीकों के लिए एईएफआई पर नज़र रखने, समावेशिता को बढ़ावा देने और नागरिकों को उनके टीकाकरण कार्यक्रम का पालन करने के लिए एकल संदर्भ बिंदु प्रदान करने के लिए CoWIN जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना शुरू किया।
- भारत ने वैज्ञानिक प्रमाणों और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर वैक्सीन प्रशासन को भी प्राथमिकता दी। ये पहलें देश की “मेक-इन-इंडिया” और मेक-फॉर-वर्ल्ड रणनीति का हिस्सा थीं।
- इस राष्ट्रव्यापी गतिविधि को करने के लिए क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए, कई व्यवस्थित हस्तक्षेप भी किए गए थे।
- COVID19 वैक्सीन भंडारण और वितरण के लिए पहले से मौजूद आपूर्ति श्रृंखला का उपयोग और मजबूत करना, टीकों और सीरिंज का कुशल उपयोग और वैक्सीन वितरण की प्रभावी निगरानी सभी हासिल की गई।
- हर घर दस्तक, कार्यस्थल सीवीसी, स्कूल आधारित टीकाकरण, पहचान दस्तावेजों के बिना लोगों का टीकाकरण, घर के पास सीवीसी, और मोबाइल टीकाकरण टीमों जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से, भारत का स्वतंत्र और स्वैच्छिक राष्ट्रव्यापी COVID19 टीकाकरण अभ्यास भी एक नागरिक – अनुकूल तरीके में किया जा रहा है।
- भारत में राष्ट्रीय COVID19 टीकाकरण कार्यक्रम ने भी भौगोलिक और लैंगिक समानता हासिल की, जिसमें 71 प्रतिशत सीवीसी ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं और 51 प्रतिशत से अधिक टीके महिलाओं को दिए गए हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे :
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री: डॉ भारती प्रवीण पवार
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री: डॉ मनसुख मंडाविया