महाराष्ट्र के जेल विभाग द्वारा महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे कैदियों के लिए ‘जिवला (Jivhala)’ नाम की एक ऋण योजना शुरू की गई है। कारागार विभाग और महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक द्वारा लागू की गई इस योजना को पुणे के यरवदा सेंट्रल जेल में शुरू किया गया है। बैंक और जेल अधिकारियों का मानना है कि भारत में अभी भी सजा काट रहे कैदियों के लिए क्रेडिट/ऋण योजना अपनी तरह की पहली हो सकती है। जिवला का मराठी में अर्थ स्नेह/प्रेम (Affection) होता है।
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जिवला (Jivhala) नाम की क्रेडिट/ऋण योजना मुख्य रूप से उन कैदियों के लिए है जो तीन साल से अधिक की जेल की सजा काट रहे हैं। इस योजना के शुरुआती चरण में 50,000 रुपये का ऋण दिया जाएगा। इस पर लागू होने वाली ब्याज दर 7% है। बैंक द्वारा अर्जित किए जाने वाले ब्याज में से 1 प्रतिशत का योगदान बैंक द्वारा कैदी कल्याण कोष में किया जाएगा। इस ऋण को ज़ारी करने के लिए किसी गारंटर या गिरवी /रहन (mortgage) की आवश्यकता नहीं है।