नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में यूपीआई प्लेटफॉर्म पर भारत का कैशलेस रिटेल ट्रांजैक्शन 8.27 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले महीने के टोटल (एनपीसीआई) से थोड़ा कम है। फरवरी 2022 में लेनदेन में 452 करोड़ (4.52 अरब) थे ।
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प्रमुख बिंदु:
- भीम यूपीआई नेटवर्क पर कैशलेस खुदरा लेनदेन का कुल मूल्य जनवरी में 8.32 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें 461 करोड़ लेनदेन (4.61 अरब) थे।
- एनपीसीआई के अनुसार, NETC FASTag तकनीक का उपयोग करने वाले टोल प्लाजा पर स्वचालित संग्रह का मूल्य फरवरी में थोड़ा बढ़ गया, जिसमें 24.36 करोड़ से अधिक लेनदेन (243.64 मिलियन) के 3,631.22 करोड़ रुपये थे।
- पिछले महीने 23.10 करोड़ (231.01 मिलियन) लेनदेन के माध्यम से NETC FASTag टोल संग्रह का मूल्य 3,603.71 करोड़ रुपये था।
- तत्काल धन 24x7 IMPS के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है, यानी तत्काल भुगतान सेवा जनवरी में 3.87 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले फरवरी में घटकर 3.84 लाख करोड़ रुपये रह गई। इसी अवधि के दौरान, आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के लेनदेन की संख्या 44 करोड़ (440.17 मिलियन) की तुलना में 42 करोड़ (420.93 मिलियन) है।
यूपीआई क्या है?
UPI या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) एक व्यवस्थित तंत्र है जो कई बैंकिंग सेवाओं, सुचारू फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) में मिला देता है। यह "पीयर टू पीयर (Peer to Peer)" संग्रह अनुरोधों का भी प्रबंधन करता है, जिसे शेड्यूल किया जा सकता है और आवश्यकता के अनुसार भुगतान किया जा सकता है।

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