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प्रोफेसर दीपक धर बोल्ट्जमान मेडल के लिए चुने गए पहले भारतीय बने

 

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भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर, दीपक धर (Deepak Dhar) बोल्ट्जमान पदक से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड फिजिक्स (International Union of Pure and Applied Physics – IUPAP) के सांख्यिकीय भौतिकी पर आयोग सांख्यिकीय भौतिकी के क्षेत्र में योगदान के लिए तीन साल में एक बार यह पदक प्रदान करता है। पदक प्रस्तुति समारोह इस साल अगस्त में टोक्यो में होने वाले स्टेटफिज 28 सम्मेलन के दौरान आयोजित किया जाएगा। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के जॉन जे होफील्ड (John J Hoefield) के साथ पदक साझा किया।

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प्रोफेसर धर वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (Indian Institute of Science Education and Research – IISER), पुणे में एमेरिटस फैकल्टी हैं।


प्रोफेसर दीपक धर के बारे में:

  • प्रोफेसर धर का जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने 1970 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की, फिर 1972 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से भौतिकी में परास्नातक किया।
  • फिर वे पीएचडी के लिए अमेरिका चले गए और पीएचडी पूरी करने के बाद 1978 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) में रिसर्च फेलो के रूप में शामिल हो गए।
  • उन्होंने वर्षों तक TIFR में पूर्णकालिक प्रोफेसर के रूप में काम किया और 2016 में सेवानिवृत्त हुए। तब से, वे एक विज़िटिंग फैकल्टी के रूप में IISER पुणे में शामिल हो गए।

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