भारतीय रिज़र्व बैंक ने 03 फरवरी, 2022 से इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Ltd), नासिक, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई द्वारा लाइसेंस रद्द करने का प्रमुख कारण यह है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं। इसका मतलब है कि यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है।
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अब जमाकर्ताओं के पैसे का क्या होगा?
- बैंक के जमाकर्ताओं को परेशानी में डालते हुए बैंक ने 3 फरवरी को कारोबार बंद होने से परिचालन बंद कर दिया है। हालांकि, बैंक के परिसमापन के बाद उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation – DICGC) से पांच लाख रुपये तक प्राप्त होंगे।
- आरबीआई ने महाराष्ट्र में सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने को कहा है। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- डीआईसीजीसी अध्यक्ष: माइकल पात्रा;
- डीआईसीजीसी की स्थापना: 15 जुलाई 1978;
- डीआईसीजीसी मुख्यालय: मुंबई।