अनिवासी भारतीय दिवस (Non-Resident Indian Day) या प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bhartiya Divas) के रूप में भी जाना जाता है जो हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य भारत सरकार के साथ प्रवासी भारतीय समुदाय के जुड़ाव को मजबूत करना और उन्हें अपनी जड़ों से फिर से जोड़ना है। 2022 प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के अवसर पर, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (V. Muraleedharan) नवाचार और नई तकनीक में “भारतीय प्रवासी की भूमिका” पर एक आभासी युवा पीबीडी सम्मेलन में बोलेंगे।
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इतिहास और महत्व:
9 जनवरी 1915 को, महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत आए और सबसे महान प्रवासी बन गए जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया और भारत को ब्रिटिश या औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराया। एक अनिवासी भारतीय या प्रवासी के रूप में, उन्हें एक बदलाव और विकास के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है जो भारत में ला सकता है।
भारत सरकार के अनुसार, दुनिया भर में व्यापार और विकास रणनीतियों के मामले में एनआरआई का वैश्विक इक्स्पोश़र है। यदि उन्हें कुछ अवसर प्रदान किया जाता है, तो वे अपनी मातृभूमि यानि भारत पर अपने विचारों और अनुभवों का संचार करके विकास प्रक्रिया में योगदान देंगे।
प्रवासी भारतीय दिवस के कुछ प्रमुख तथ्य:
- इसका उद्देश्य अनिवासी भारतीयों को भारत के बारे में अपनी भावनाओं, दृष्टिकोण और धारणाओं को व्यक्त करने के लिए एक खुला मंच प्रदान करना है।
- दुनिया के सभी देशों में एनआरआई का नेटवर्क बनाना और युवा पीढ़ी को अप्रवासियों से जोड़ना।
- इस दिन, सरकार प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से फिर से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करती है ताकि वे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
- प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया।
- क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस भारत के बाहर आयोजित किया जाता है।
- 2015 महात्मा गांधी की वापसी के 100 साल पूरे हुए।
- पीबीडी के सम्मेलन में योग्य लोगों को पुरस्कार दिए जाते हैं।
- PBD का मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रवासी को जोड़ना है।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- केंद्रीय विदेश मंत्री: सुब्रह्मण्यम जयशंकर।