विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (World Anti-Doping Agency – WADA) ने अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रयोगशालाओं (International Standard for Laboratories – ISL) के अनुसार राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (National Dope Testing Laboratory – NDTL) की मान्यता बहाल कर दी है, जिसे अगस्त 2019 से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही एनडीटीएल का डोपिंग रोधी परीक्षण और गतिविधियां तत्काल प्रभाव से फिर से शुरू हो जाएंगी। एनडीटीएल अपनी अनुसंधान गतिविधियों और डोपिंग रोधी प्रयासों को मजबूत करने के लिए वाडा से मान्यता प्राप्त अन्य प्रयोगशालाओं के साथ भी सहयोग कर रहा है।
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भारत वर्तमान में रूस के नेतृत्व में वाडा की डोप उल्लंघनकर्ताओं की वैश्विक सूची में तीसरे स्थान पर है। NDTL के निलंबन ने इसे किसी भी डोपिंग रोधी गतिविधियों को करने से रोक दिया था, जिसमें मूत्र और रक्त के नमूनों के सभी विश्लेषण शामिल थे। इस प्रक्रिया ने देश के लिए डोपिंग रोधी कार्यक्रम को बहुत महंगा बना दिया था क्योंकि विदेशों में नमूने भेजने में महत्वपूर्ण लागत शामिल थी।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी के संस्थापक: डिक पाउंड;
- विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की स्थापना: 10 नवंबर 1999;
- विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी का मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा;
- विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी के अध्यक्ष: क्रेग रीडी।




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