भारतीय नौसेना ने मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में स्वदेश निर्मित स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी वेला (Vela) को कमीशन किया है। कलवरी, खंडेरी और करंज के बाद आईएनएस वेला प्रोजेक्ट 75 श्रृंखला में चौथा है। इससे अपने सामरिक समुद्री मार्गों की रक्षा और सुरक्षित करने के लिए भारतीय क्षमता को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसे फ्रांस के मेसर्स नेवल ग्रुप (M/s Naval Group of France) के सहयोग से मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (Mazagon Dock Shipbuilders Ltd) द्वारा बनाया गया था।
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पनडुब्बी के बारे में:
- पनडुब्बी में उन्नत स्टील्थ और लड़ाकू क्षमताएं हैं। वेला द्वारा हमलों को एक ही समय में टॉरपीडो और ट्यूब-लॉन्च एंटी-शिप मिसाइलों का उपयोग करके किया जा सकता है, चाहे वह सतह पर हो या पानी के नीचे।
- वेला का पिछला संस्करण 1973 में चालू किया गया था और यह 37 वर्षों से सेवा में था। इसे 2010 में बंद कर दिया गया था। आईएनएस वेला के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन अनीश मैथ्यू (Anish Mathew) ने बुधवार को समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पनडुब्बी में बैटरी का एक स्वदेशी सेट और स्वदेशी मेक का एक उन्नत संचार सूट है।