भारतीय वायु सेना (Indian Air Force – IAF) ने औपचारिक रूप से पूर्वी वायु कमान (Eastern Air Command – EAC) में पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हासीमारा (Hasimara) एयरबेस में राफेल जेट (Rafale jets) के दूसरे स्क्वाड्रन (squadron) को शामिल किया है। इस कार्यक्रम में राफेल (Rafale) के हासीमारा (Hasimara) में आगमन की शुरुआत के लिए एक फ्लाई-पास्ट शामिल था, इसके बाद पारंपरिक जल तोप की सलामी (traditional water cannon salute) दी गई। 101 स्क्वाड्रन के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए, जिसने उन्हें ‘फाल्कन ऑफ छंब एंड अखनूर (Falcons of Chamb and Akhnoor)’ की उपाधि दी, भदौरिया (Bhadauria) ने कर्मियों से अपने उत्साह (zeal) और प्रतिबद्धता (commitment) को नए शामिल किए गए प्लेटफॉर्म की बेजोड़ क्षमता के साथ जोड़ने का आग्रह किया।
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हासीमारा (Hasimara) राफेल विमान (Rafale aircraft) से लैस होने वाला दूसरा IAF बेस है। राफेल जेट का पहला स्क्वाड्रन अंबाला वायु सेना स्टेशन (Ambala Air Force station) पर तैनात है। भारत को अब तक 36 में से 26 राफेल विमान मिले हैं, जो उसने दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) से मंगवाए हैं। पांच राफेल जेट (Rafale jets) विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत (India) आया, लगभग चार साल बाद भारत (India) ने फ्रांस (France) के साथ 59, 000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमान खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते (inter-governmental agreement) पर हस्ताक्षर किए। रूस (Russia) से सुखोई जेट (Sukhoi jets) आयात किए जाने के बाद 23 वर्षों में राफेल जेट भारत का पहला बड़ा लड़ाकू विमान है। राफेल जेट कई तरह के शक्तिशाली हथियार ले जाने में सक्षम है।
राफेल जेट के बारे में:
- फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख दसॉल्ट एविएशन (French aerospace major Dassault Aviation) द्वारा निर्मित बहु-भूमिका वाले राफेल जेट (Rafale jets), हवाई श्रेष्ठता (air superiority) और सटीक हमलों (precision strikes) के लिए जाने जाते हैं।
- यूरोपीय (European) मिसाइल निर्माता एमबीडीए (MBDA’s) का उल्का दृश्य सीमा से परे (Meteor beyond visual range) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और स्कैल्प क्रूज मिसाइल (Scalp cruise missile) राफेल जेट के हथियार पैकेज का मुख्य आधार होगा।