एलजी मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और शीतकालीन राजधानी जम्मू के बीच कार्यालयों को स्थानांतरित करने की 149 साल पुरानी द्विवार्षिक परंपरा को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया. प्रशासन ने कर्मचारियों को जम्मू और श्रीनगर में तीन सप्ताह में ‘दरबार मूव (Darbar Move)’ से संबंधित आवास खाली करने का नोटिस दिया है. प्रशासन ने जम्मू और श्रीनगर में “दरबार मूव” कर्मचारियों के आवासीय सुविधा को रद्द कर दिया, जिसका अर्थ है कि कर्मचारी या तो जम्मू या कश्मीर में तैनात रहेंगे.
जम्मू और श्रीनगर में मुख्यालय वाले सिविल सचिवालयों में काम करने वाले लगभग 8000-9000 कर्मचारी हर साल दो बार फाइलों के साथ मूव करते थे. जबकि श्रीनगर ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में कार्य करता था, जम्मू शीतकालीन राजधानी थी.
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माना जाता है कि डोगरा सम्राट महाराजा गुलाब सिंह (Maharaja Gulab Singh) ने 1872 में राजधानी को स्थानांतरित करने की परंपरा शुरू की थी. परंपरा को 1947 के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक वर्ग द्वारा जारी रखा गया था, क्योंकि यह एक प्रमुख पुल के रूप में काम करता था तथा कश्मीर और जम्मू क्षेत्र के दो विविध भाषाई और सांस्कृतिक समूहों के बीच बातचीत के लिए एक स्थान था.
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- जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा;