न्यायिक सदस्य ललित कुमार और लेखाकार सदस्य डॉ मीठा लाल मीणा की संयुक्त आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT), आगरा खंडपीठ ने फैसला सुनाया है कि विमुद्रीकरण योजना 2016 (demonetization scheme 2016) के दौरान गृहिणियों (housewives) द्वारा की गई नकद जमा राशि, यदि वह राशि 2.5 लाख रुपये कम है तो ऐसी राशि को निर्धारिती की आय नहीं माना जाएगा।
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यह फैसला ट्रिब्यूनल में एक गृहिणी द्वारा दायर एक अपील पर विचार करने दौरान किया गया, जिसने विमुद्रीकरण अवधि के दौरान बैंक खाते में 2,11,500 रुपये की नकदी जमा की थी। गृहिणियों (housewives) ने ट्रिब्यूनल को बताया कि उसने अपने और अपने परिवार के भविष्य के उद्देश्यों के लिए अपने पति, बेटे, रिश्तेदारों द्वारा दी गई अपनी पिछली बचत से उपरोक्त राशि को एकत्र/बचाया था।