भारत ने mRNA आधारित कोविद -19 वैक्सीन कैंडिडेट-HGCO19 के नैदानिक अध्ययन के लिए अतिरिक्त सरकारी राशि जारी की है। यह राशि ‘मिशन कोविद सुरक्षा’ के तहत प्रदान की गई है।
HGCO19 के बारे में
- HGCO19, नोवेल mRNA वैक्सीन उम्मीदवार को पुणे स्थित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी Gennova Biopharm Pharmaceuticalss Ltd. ने HDT Biotech Corporation, USA के सहयोग से तैयार किया है।
- ये पहले से ही कृंतक (चूहा गिलहरी आदि कतरने वाले जानवर) और गैर-मानव प्राइमेट मॉडल में सुरक्षा, प्रतिरक्षा, तटस्थता एंटीबॉडी गतिविधि का प्रदर्शन कर चुका है।
- अपने वैक्सीन उम्मीदवार HGCO19 के लिए चरण 1/2 नैदानिक परीक्षणों के लिए, जेनोवा ने स्वयंसेवकों के नामांकन की पहल की है।
- mRNA वैक्सीन के लाभ में से एक यह है कि वे प्रकृति में गैर-संक्रामक, गैर-एकीकृत होने और मानक सेलुलर तंत्र द्वारा डीग्रेडेड होने के कारण सुरक्षित माने जाते हैं।
- वे अत्यधिक प्रभावोत्पादक भी हैं और mRNA के टीके पूरी तरह से सिंथेटिक हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- मिशन कोविद सुरक्षा देश के लिए स्वदेशी, सस्ती और सुलभ टीकों के विकास को सक्षम बनाने के लिए भारत का लक्षित प्रयास है। यह जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नेतृत्व किया गया है और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) में एक समर्पित मिशन कार्यान्वयन इकाई द्वारा कार्यान्वित किया गया है।



MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरल...
जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की...
World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्य...

