शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation) के सदस्य देशों के मंत्रियों (कानून और न्याय) की 7 वीं बैठक की मेजबानी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम भारतीय विधि और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा की गई थी। भारतीय की ओर से एससीओ सदस्य देशों से मंच के माध्यम से पहचाने गए क्षेत्रों में विचारों, सर्वोत्तम प्रयासों और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने समाज में हाशिए पर चुके समुदार्यों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए प्रो बोनो लीगल सर्विसेज की शुरुआत करने का भी उल्लेख किया।
कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा एक बयान के अनुसार इस आभासी बैठक में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के न्याय मंत्रियों ने हिस्सा लिया। एससीओ सदस्य देशों के न्याय मंत्रियों के सातवें सत्र में इन सहयोग के क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया; कोरोनोवायरस महामारी के प्रसार के प्रतिकार पर कानूनी जानकारी के पारस्परिक आदान-प्रदान की उच्च प्रासंगिकता पर बल दिया और एडीआर तंत्र क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार किया।
संयुक्त व्यक्तव्य की मुख्य विशेषताएं:
- एससीओ सदस्य देशों (दुशांबे, 18 अगस्त 2015) के न्याय मंत्रालयों के बीच सहयोग पर समझौते के कार्यान्वयन पर काम को मजबूत करने के लिए चर्चा की गई।
- वर्ष 2018-2020 के लिए फोरेंसिक गतिविधियों और कानूनी सेवाओं पर विशेषज्ञों के कार्य समूहों के एक्शन प्लान के कार्यान्वयन पर काम जारी रखने के साथ-साथ 2021-2023 के लिए एक्शन प्लान तैयार करने पर भी चर्चा की गई।
- वैकल्पिक विवाद समाधान में सर्वोत्तम प्रयासों का पतान लगाने के लिए मंत्रालयों (एससीओ सदस्य-राज्यों के कानून और न्याय) के प्रतिनिधियों के लिए विनिमय कार्यक्रमों के आयोजन पर विचार किया गया।
- राष्ट्रीय कानून के अनुसार आपसी कानूनी सहायता और कानूनी सेवाओं के विकास के मुद्दों पर पार्टियों की स्थिति पर चर्चा जारी रखना।
- एससीओ पर्यवेक्षक और संवाद सहयोगी राज्यों के न्याय मंत्रालय के साथ सक्रिय रूप से सहयोग विकसित करना।
- राष्ट्रीय कानूनों को ध्यान में रखते हुए कानूनी जानकारी के आदान-प्रदान के लिए एक ऑनलाइन मंच विकसित करने के प्रयास जारी रखना।