हरियाणा सरकार ने हाल ही में पूरी तरह से मल्टी-पैरामीटर प्रणाली से लैस एक मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेटरी वैन को हरी झंडी दिखाई है, जिसमें पानी की गुणवत्ता की जाँच करने के लिए विश्लेषक, सेंसर, जांच और उपकरण लगाए गए हैं।
हरियाणा में पानी की गुणवत्ता मुख्य रूप से टोटल डिस्सोवल्ड सॉलिड (TDS), फ्लोराइड, नाइट्रेट, आयरन और क्षारीयता जैसे घटकों से प्रभावित होती है। यह पहल कार्यक्रम जल जीवन मिशन के तहत युद्ध स्तर पर किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य 2024 तक ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंचाना है, और जल गुणवत्ता निगरानी और निगरानी पर बहुत ध्यान देना है।
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मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेटरी वैन के बारे में
- यह मोबाइल वाटर टेस्टिंग लैब लोकेशन ट्रैकिंग के लिए GPS- इनेबल्ड है। जाँच किया गया नमूना डेटा को पावर बैकअप के साथ जीपीआरएस / 3 जी कनेक्टिविटी के माध्यम से एक केंद्रीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग सर्वर में प्रेषित किया जा सकता है।
- यह एक वेब-आधारित सुरक्षित केंद्रीय सर्वर पर सीधे परिणाम भेजने की क्षमता वाले स्मार्टफोन या समान डिवाइस के माध्यम से साइट पर रिकॉर्डिंग और परिणामों की रिपोर्टिंग भी प्रदान करता है।
- इस मोबाइल वैन में पूरी तरह से स्वचालित सेंसर-आधारित विश्लेषण है जो केंद्रीय रूप से कमांड किए गए सॉफ़्टवेयर द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- मोबाइल लैब में एलईडी डिस्प्ले यूनिट विश्लेषण के तुरंत बाद परिणामों का एक त्वरित प्रदर्शन देता है।
- लैब पानी के नमूनों की पीएच, क्षारीयता, टीडीएस, कठोरता, अवशिष्ट क्लोरीन, जस्ता, नाइट्रेट, फ्लोराइड, टर्बिडिटी और सूक्ष्म जैविक परीक्षण जैसे विभिन्न जल गुणवत्ता मापदंडों को मापने में सक्षम है।
- यह साइट पर मौके पर पानी की गुणवत्ता की समस्या को जल्दी से पहचानने में मदद करेगा।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- हरियाणा के राज्यपाल: सत्यदेव नारायण आर्य.
- हरियाणा के मुख्यमंत्री: मनोहर लाल खट्टर.