6 फरवरी को विश्व स्तर पर महिला जननांग विकृति के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय शून्य असहिष्णुता दिवस मनाया जाता है. यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला जननांग विकृति के उन्मूलन के उनके प्रयासों के लिए प्रायोजित है. इसे पहली बार 2003 में मनाया गया था.
2020 विषय: Unleashing Youth Power
महिला जननांग विकृति (FGM) में सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं जिनमें गैर-चिकित्सा कारणों से महिला जननांग को बदलना या घायल करना शामिल है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकारों, स्वास्थ्य और लड़कियों और महिलाओं की अखंडता के उल्लंघन के रूप में मान्यता प्राप्त है. महिला जननांग विकृति से गुजरने वाली लड़कियों को गंभीर दर्द, सदमा, अत्यधिक रक्तस्राव, संक्रमण और यूरिन पासिंग में कठिनाई जैसी अल्पकालिक जटिलताओं का सामना करना पड़ता है, साथ ही इसके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य जैसे दीर्घकालिक परिणाम भी होते हैं.