केंद्र सरकार ने “राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2019” जारी किया है। सूचकांक नई दिल्ली में आयोजित ‘रिव्यू, प्लानिंग, और मॉनिटरिंग (RPM)’ बैठक के दौरान जारी किया गया। सूचकांक को ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के साथ-साथ एलायंस फॉर एनर्जी एफिशिएंट इकोनॉमी (AEEE) द्वारा तैयार किया जाता है। SEE सूचकांक 2019 में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही एनेर्ऊजी एफिशिएंट (EE) ड्राइव के विस्तार और उपलब्धियों का पता लगाया गया है। SEE इंडेक्स 2019 मे पांच अलग-अलग क्षेत्रों परिवहन, उद्योग, कृषि, भवन, नगरपालिका और DISCOM में ऊर्जा दक्षता पहल, कार्यक्रमों और परिणामों की जाँच के लिए 97 इन्डिकेटर्स पर आधारित होगी।
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2019 यानी State Energy Efficiency Index 2019 ने सभी क्षेत्रों में बिजली, कोयला, तेल, गैस आदि के माध्यम से राज्य / केंद्रशासित प्रदेश की वास्तविक ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए वांछित कुल प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति (TPES) के आधार पर राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को 4 समूहों में विभाजित किया है। 4 समूह हैं: ‘फ्रंट रनर’, ‘अचीवर’, ‘कंटेंडर’ और ‘एस्पिरेंट’।
SEE सूचकांक 2019 के मुख्य परिणाम:
राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक 2019 में हरियाणा, कर्नाटक और केरल ने टॉप किया है , जबकि मणिपुर, जम्मू और कश्मीर, झारखंड और राजस्थान ने अपने-अपने समूहों में सबसे खराब प्रदर्शन किया। हरियाणा, कर्नाटक और केरल राज्य “अचीवर” समूह में थे और “फ्रंट रनर” समूह में एक भी राज्य नहीं था।



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