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केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने किया ‘डिजिटल स्पेस में भारतीय विरासत’ प्रदर्शनी का उद्घाटन

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केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में “डिजिटल स्पेस में भारतीय विरासत” शीर्षक से एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया.यह प्रदर्शनी देश में अपनी तरह की पहली प्रदर्शनी है। प्रदर्शनी 15 फरवरी, 2020 तक ऑनलाइन रहेगी.

इस प्रदर्शनी में किन तकनीकों का प्रयोग किया गया है?
तकनीकों का उपयोग IHDS कार्यक्रम द्वारा हेरिटेज के मॉडल बनाने के लिए किया गया था. IHDS विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक पहल है. इसका उद्देश्य 3D LASER स्कैन डेटा, होलोग्राफिक अनुमान, AR और 3D निर्माण करके विरासत की शोभा को दर्शाना है. इसने अब तक हम्पी और अन्य पांच भारतीय स्मारकों का पुनर्निर्माण किया है, जिनका नाम ताज महल, सूर्य मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, रामचंद्र मंदिर और रानी की वाव पाटन है. प्रदर्शनी में “VIRAASAT” नामक एक विशेष संस्थापन भी शामिल है. विरासत हिंदी शब्द है जिसका अर्थ हेरिटेज है. यह 3 डी प्रिंटिंग के माध्यम से आगंतुकों को मिश्रित वास्तविकता का अनुभव प्रदान करता है.
राष्ट्रीय संग्रहालय का इतिहास, नई दिल्ली
स्थापना के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय का ब्लूप्रिंट मौरिस ग्वियर समिति द्वारा मई 1946 में तैयार किया गया था. भारत के विभिन्न संग्रहालयों से चयनित कलाकृतियों से युक्त भारतीय कला की प्रदर्शनी रॉयल अकादमी, लंदन द्वारा भारत और ब्रिटेन सरकार के सहयोग से आयोजित की गई थी.
15 अगस्त, 1949 को, राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली का उद्घाटन भारत के गवर्नर जनरल श्री सी. राजगोपालाचारी द्वारा राष्ट्रपति भवन में किया गया था. वर्तमान भवन की नींव भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 12 मई, 1955 को रखी थी. राष्ट्रीय संग्रहालय भवन के पहले चरण का औपचारिक उद्घाटन 18 दिसंबर, 1960 को भारत के उप राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था. भवन का दूसरा चरण 1989 में पूरा हुआ था.

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