केंद्र सरकार ने नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण हेतु सरकार को जरुरी सुझाव देने के लिए “राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद“ का गठन किया है।
कौन होंगे राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और सदस्य ?
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के अध्यक्ष केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री होंगे। इस परिषद में भारत सरकार द्वारा नामित किए जाने वाले गैर-आधिकारिक सदस्य भी होंगे। गैर-आधिकारिक सदस्यों में सफल स्टार्टअप्स के संस्थापकों, भारत में कंपनी बनाने और उसे विकसित करने में अनुभवी व्यक्तियों और वे व्यक्ति होंगे जो स्टार्ट-अप में निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हैं। गैर-आधिकारिक सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष का होगा।
संयुक्त सचिव से उच्च पद के मंत्रालयों, विभागों और संगठनों से सबंधित अधिकारी राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के पदेन सदस्य होंगे।
राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की स्थापना का उद्देश्य:
- छात्रों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
- यह सार्वजनिक संगठनों में सुधार, सृजन को बढ़ावा, संरक्षण और बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवाचार को सम्मिलित करने में सार्वजनिक संगठनों को मदद, विनियामक अनुपालन और लागत को कम करते हुए व्यापार शुरू करने, संचालित करने, विकसित करने और व्यापार बंद करने को आसान बनाने के लिए सुझाव देना।
- इस अलावा परिषद स्टार्ट-अप्स के लिए पूंजी की पहुंच को आसान बनाने, घरेलू पूंजी के निवेश को प्रोत्सहित करने, भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश के लिए वैश्विक पूंजी आकर्षित करने, मूल प्रमोटरों के साथ स्टार्टअप्स पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए भी सुझाव देना शामिल हैं।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री: पीयूष गोयल



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