हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH) में रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सामरिक अनुसंधान परियोजनाएं Centre-ARCHEM को अगले पांच वर्षों के लिए 113 करोड़ रु का कोष मिला है.
देश की शीर्ष पांच विश्वविद्यालयों में से एक UoH जल्द ही, 500 मेगाहट्र्ज के एनएमआर (Nuclear Magnetic Resonance – परमाणु चुंबकीय अनुनाद) की स्थापना के साथ पहली सार्वजनिक-वित्त पोषित विश्वविद्यालय बन जायेगा. यह उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान उन्नत केंद्र (ARCHEM) और रसायनशास्त्र विभाग के बीच एक संयुक्त परियोजना है.
2005 में स्थापित Archem लगभग 30 राष्ट्रीय परियोजनाएं चला रहा है जिनका उददेश्य महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों के स्वदेशी प्रयासों को बढ़ावा देना है. एक विशेषज्ञ समिति द्वारा अनुमोदन के आधार पर वित्त पोषण पाने वाले इन 30 परियोजनाओं में 22 रसायनशास्त्र की हैं एवं 8 भौतिकशास्त्र की हैं.
स्रोत – दि हिन्दू