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भारतीय हॉकी के 100 साल: हॉकी इंडिया ने अनुदानों की घोषणा की

हॉकी इंडिया ने अपनी 15वीं कांग्रेस के दौरान राष्ट्रीय और जमीनी स्तर के टूर्नामेंट के समर्थन के लिए अपने वित्तीय अनुदान में पर्याप्त वृद्धि की घोषणा की है। वहीं, भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस कांग्रेस में कई ऐतिहासिक घोषणाएं हुईं, जिनमें सात नवंबर को एक राष्ट्रव्यापी उत्सव का आयोजन भी शामिल है।

अब से सीनियर पुरुष और सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी के लिए 70-70 लाख रुपये, जूनियर पुरुष, जूनियर महिला, सब जूनियर पुरुष और सब जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए 30-30 लाख रुपये आवंटित किए जाएंगे। इसके अलावा जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के समर्थन के लिए प्रत्येक राज्य को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।

राष्ट्रीय हॉकी उत्सव: विरासत का उत्सव

भारतीय हॉकी के 100 वर्षों की उपलब्धि को मनाने के लिए, हॉकी इंडिया 7 नवंबर 2025 को एक राष्ट्रीय उत्सव का आयोजन करेगी। इस दिन देश के हर जिले में एक पुरुष और एक महिला मैच सहित कुल 1,000 हॉकी मैच एक साथ खेले जाएंगे। इस आयोजन में लगभग 36,000 खिलाड़ी (महिला और पुरुष समान संख्या में) भाग लेंगे, जो भारतीय हॉकी में समावेशिता और एकता का प्रतीक होगा।

विरासत को सम्मान और भविष्य में निवेश

इस अवसर पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने कहा, “जब हम भारतीय हॉकी के 100 साल का उत्सव मना रहे हैं, तब हम अपनी स्वर्णिम विरासत का सम्मान करने के साथ-साथ भविष्य की नींव भी रख रहे हैं। यह वित्तीय सहायता अगली पीढ़ी के सपनों में सीधा निवेश है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी प्रतिभा संसाधनों के अभाव में पीछे न छूटे।”

घोषणा का महत्व

यह पहल भारतीय हॉकी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसमें उत्सव को रणनीतिक निवेश से जोड़ा गया है। बढ़ी हुई वित्तीय सहायता सीधे तौर पर खिलाड़ियों, कोचों और जमीनी स्तर के अधिकारियों को समर्थन देगी, जो भारत की हॉकी व्यवस्था की रीढ़ हैं। साथ ही, 7 नवंबर को होने वाला भव्य उत्सव न केवल हॉकी की समृद्ध विरासत को श्रद्धांजलि देगा, बल्कि युवाओं को प्रेरित कर इसे भारत के राष्ट्रीय गौरव के रूप में और सुदृढ़ करेगा।

भारतीय हॉकी: भविष्य की रीढ़

हॉकी इंडिया ने कहा कि इन बढ़े हुए अनुदानों का उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, आयोजन की गुणवत्ता में सुधार करना और स्थानीय स्तर पर वित्तीय बाधाओं को कम करके व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस सहयोग से हजारों उभरते खिलाड़ियों, कोचों और जमीनी स्तर के अधिकारियों को लाभ होने की उम्मीद है जो भारतीय हॉकी के भविष्य की रीढ़ हैं।

 

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