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भारत-अंगोला ने व्यापार और समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

एक ऐतिहासिक राजनयिक उपलब्धि के तहत भारत और अंगोला ने मत्स्य पालन, एक्वाकल्चर (मछली पालन), समुद्री संसाधन और दूतावास सहयोग के क्षेत्रों में सहयोग को सुदृढ़ करने हेतु कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। ये समझौते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की अंगोला की पहली राजकीय यात्रा के दौरान संपन्न हुए — जो किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस देश की पहली यात्रा थी। यह दौरा भारत और अंगोला के बीच एक व्यापक और रणनीतिक साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

समझौतों के मुख्य क्षेत्र

इन समझौता ज्ञापनों का उद्देश्य निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है —

  • मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर: सतत समुद्री संसाधन प्रबंधन, प्रौद्योगिकी विनिमय और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करना।

  • दूतावास सहयोग: वीज़ा सेवाओं, दूतावास सहायता और नागरिक सेवाओं में सुधार के माध्यम से द्विपक्षीय आवागमन और व्यापार को सुगम बनाना।

ये समझौते पारंपरिक रूप से ऊर्जा-केंद्रित भारत–अंगोला संबंधों को सतत विकास और आर्थिक विविधता की दिशा में विस्तृत करने की कोशिश को दर्शाते हैं।

यात्रा का रणनीतिक महत्व

द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना

राष्ट्रपति मुर्मु को अंगोला में पूर्ण राजकीय सम्मान, जिसमें 21 तोपों की सलामी भी शामिल थी, प्रदान किया गया। उन्होंने अंगोला के राष्ट्रपति जाओ लौरेंको (João Lourenço) के साथ व्यापक वार्ता की। दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास, सम्मान और साझा विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई तथा जन-से-जन संबंधों और बहुपक्षीय सहयोग के महत्व पर बल दिया।

आर्थिक सहयोग का विविधीकरण

जहाँ ऊर्जा भारत–अंगोला साझेदारी का प्रमुख स्तंभ बनी हुई है, वहीं समुद्री और मत्स्य क्षेत्रों में सहयोग से कृषि, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, रक्षा और अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार का मार्ग खुला है। यह विविधीकरण दीर्घकालिक और लचीली आर्थिक साझेदारी के निर्माण की दिशा में एक अहम कदम है।

वैश्विक सततता सहयोग को प्रोत्साहन

अंगोला का भारत-नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय अभियानों — जैसे इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA) और ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस (GBA) — में शामिल होना दोनों देशों की वैश्विक पर्यावरणीय लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह भारत की हरित कूटनीति (Green Diplomacy) और अफ्रीका में बढ़ते प्रभाव का भी प्रतीक है।

समझौतों के लाभ

अंगोला के लिए:

  • मत्स्य और एक्वाकल्चर क्षेत्र में भारतीय विशेषज्ञता तक पहुँच।

  • स्थानीय रोजगार सृजन और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा।

  • विदेशी निवेश और आर्थिक विविधीकरण में वृद्धि।

भारत के लिए:

  • अफ्रीकी बाज़ार में व्यापारिक उपस्थिति को मज़बूती।

  • समुद्री प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के निर्यात के अवसर।

  • क्षेत्र में रणनीतिक और राजनयिक प्रभाव में वृद्धि।

दोनों देशों के लिए:

  • बेहतर दूतावास सेवाएँ और नागरिक सहायता।

  • पेशेवरों और पर्यटकों के आवागमन में सुगमता।

  • पर्यावरणीय और आर्थिक मंचों पर घनिष्ठ सहयोग।

प्रमुख स्थिर तथ्य

  • संबंधित देश: भारत और अंगोला

  • अवसर: किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला को पहली राजकीय यात्रा

  • समझौता हस्ताक्षर तिथि: 10 नवंबर 2025

  • मुख्य समझौते:

    • मत्स्य पालन एवं एक्वाकल्चर सहयोग

    • दूतावास (Consular) सहयोग

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