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महान अंपायर डिकी बर्ड का 92 साल की उम्र में निधन

क्रिकेट जगत के महान अंपायर हेरोल्ड ‘डिकी’ बर्ड का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। बर्ड ने अपने करियर में 66 टेस्ट और 69 वनडे मैचों में अंपायरिंग की। अपने करियर में वह तीन वर्ल्ड कप के फाइनल में अंपायर की भूमिका में थे। अंपायर बनने से पहले वह काउंटी क्रिकेट में यॉर्कशायर के एक प्रमुख बल्लेबाज थे। वह कुछ समय तक लीसेस्टरशायर की टीम का भी हिस्सा रहे थे। उनके निधन की खबर यॉर्कशायर काउंटी क्लब ने दी।

क्रिकेट करियर की शुरुआत

अप्रैल 1933 में बार्न्सली में जन्मे बर्ड ने 1956 में स्कॉटलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। डेब्यू करने से पहले वह कुछ समय के लिए दिग्गज क्रिकेटर ज्योफ बॉयकॉट के साथ खेल चुके थे। उन्होंने 32 वर्ष की उम्र में खेल से संन्यास ले लिया। उसके बाद वह कई साल तक कोच की भूमिका में रहे और फिर उन्होंने अंपायरिंग में 1973 में अपने करियर की शुरुआत की। यॉर्कशायर के लिए उन्होंने कुल 93 फर्स्ट क्लास मैच खेले और इस दौरान 3,314 रन बनाने में कामयाब रहे।

भारत के खिलाफ आखिरी बार की थी अंपायरिंग 

बर्ड ने 1996 में अंपायरिंग से संन्यास लिया था। उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में आखिरी बार अंपायरिंग की थी। उसी मैच में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए डेब्यू किया था। दोनों टीमों के बीच वो मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।

खिलाड़ी से अंपायर तक की यात्रा

  • यॉर्कशायर और लीसेस्टरशायर से काउंटी क्रिकेट खेले।

  • 93 प्रथम श्रेणी मैचों में 3314 रन, 2 शतक और 14 अर्धशतक।

  • चोट के कारण 32 वर्ष की उम्र में खेल करियर समाप्त।

  • बाद में क्रिकेट अंपायरिंग को अपनाया।

अंपायरिंग करियर : 1970–1996

  • 1970 में अंपायरिंग की शुरुआत।

  • पहला टेस्ट : 1973, इंग्लैंड बनाम न्यूज़ीलैंड (हेडिंग्ले, लीड्स)

  • कुल 66 टेस्ट और 69 वनडे मैचों में अंपायरिंग।

  • लगातार तीन विश्व कप फाइनल (1975, 1979, 1983) में अंपायर, जिनमें 1983 की भारत की ऐतिहासिक जीत भी शामिल।

लॉर्ड्स में भावुक विदाई (जून 1996)

  • आख़िरी टेस्ट : इंग्लैंड बनाम भारत, लॉर्ड्स

  • खिलाड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया।

  • डिकी बर्ड भावुक होकर आँसू रोक न सके।

यॉर्कशायर से गहरा नाता

  • यहीं से क्रिकेट जीवन की शुरुआत की और बाद में क्लब अध्यक्ष भी बने।

  • यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब ने उन्हें “हमारे इतिहास का सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक” कहा और श्रद्धांजलि अर्पित की।

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