ब्याज दर, विदेशी मुद्रा और ऋण व्युत्पन्न बाजार में लेनदेन के लिए कानूनी इकाई पहचानकर्ता (एलईआई) को अनिवार्य करने के बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 5 करोड़ रुपये से अधिक का फंड आधारित और गैर-निधि आधारित एक्सपोजर रखने वाली कंपनियों के लिए एलईआई अनिवार्य करना तय किया है.
बैंकों को इस संख्या को बड़े क्रेडिट पर सूचना का केंद्रीय भंडार (सीआरआईएलसी) में प्राप्त करना होगा, जो 5 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण का ब्योरा लेता है. एलईआई संख्या कंपनियों के उधारकर्ताओं के सकल प्रदर्शन की निगरानी में बैंकों की सहायता करेगी. फर्म अपना एलईआई कोड कानूनी इकाई पहचानकर्ता इंडिया लिमिटेड (लीइल) से प्राप्त कर सकते हैं.
एलईआई क्या है?
एलईआई 20 अंकों वाला एक विशिष्ट पहचान कोड है जो वित्तीय लेन-देन करने वाले प्रत्येक दल को दिया जाता है, सीसीआईएल इस कोड को विश्व भर के वित्तीय बाजार में गैर-लाभकारी लागत वसूली के आधार पर योग्य क़ानूनी इकाई प्रदान करता है.
एक एलईआई का उद्देश्य क्या है?
वैश्विक वित्तीय संकट को संबोधित करने के लिए जी20 और वित्तीय स्थिरता बोर्ड सहित विनियामक प्राधिकारियों द्वारा वैश्विक एलएआई प्रणाली की स्थापना की गई है. एलईआई को काउंटरपार्टी जोखिम प्रबंधन के क्रम में वित्तीय लेनदेन के लिए पार्टियों की पहचान और लिंक को सक्षम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसका लक्ष्य प्रणालीगत जोखिम को मापने और निगरानी में सुधार करना है तथा नियामक रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के साथ अधिक लागत प्रभावी अनुपालन का समर्थन करना है.
स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस



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