भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 जून को ‘अंतरदृष्टि’ नाम से एक वित्तीय समावेशन डैशबोर्ड लॉन्च किया। आरबीआई की ओर से इसे लेकर जारी किए गए बयान में कहा गया है कि अंतरदृष्टि डैशबोर्ड के जरिए वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की प्रगति का आकलन तय मानकों के अुनरूप किया जाएगा। साथ ही इससे निगरानी में भी मदद मिलेगी।
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मुख्य बिंदु
- डैशबोर्ड प्रासंगिक मानकों को कैप्चर करके वित्तीय समावेशन की प्रगति का आकलन और निगरानी करने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।
- अंतरदृष्टि डैशबोर्ड के जरिए वित्तीय समावेशन की प्रगति का आकलन तय मानकों के अुनरूप किया जाएगा। साथ ही इससे निगरानी में भी मदद मिलेगी।
- डैशबोर्ड की मदद से देश में व्यापाक स्तर पर वित्तीय सेवाओं की कमी वाले क्षेत्रों का पता लगाया जा सकेगा और फिर इसके आधार पर काम किया जाएगा।
- मौजूदा समय में अंतरदृष्टि डैशबोर्ड का इस्तेमाल आरबीआई की ओर से अंतरिक स्तर पर किया जाएगा।
- भविष्य में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए अंतरदृष्टि डैशबोर्ड के लिए मल्टी स्टेकहोल्डर एप्रोज अपनाई जाएगी।
वित्तीय समावेशन सूचकांक
- वित्तीय समावेशन की मापने के लिए 2021 में वित्तीय समावेशन इंडेक्स को लॉन्च किया था।
- इसमें वित्तीय समावेशन को पहुंच, उपयोगिता और गुणवत्ता के आधार पर मापा जाता है।
- इस इंडेक्स में किसी इलाके की बैंकिंग, इन्वेटमेंट, इंश्योरेंस और डाक सेवाएं आदि से जुड़ी जानकारियां भी शामिल होती हैं।
- ये इंडेक्स 0 से 100 के बीच होता है।
- 0 पूर्ण वित्तीय बहिष्कार को दिखाता है, जबकि 100 पूर्ण वित्तीय समावेशन को दर्शाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की गई थी। इसने 1 अप्रैल 1935 से कार्य करना शुरू किया।
- 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और अब भारत सरकार RBI की मालिक है।
- इसके पास बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत बैंकों को विनियमित करने की शक्ति है।
- इसके पास RBI अधिनियम 1934 के तहत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) को विनियमित करने की शक्ति है।
- आरबीआई भुगतान और निपटान अधिनियम 2007 के तहत डिजिटल भुगतान प्रणाली का नियामक भी है।
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