ऑनलाइन वीडियो मंच यूट्यूब से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 10,000 करोड़ रुपये का योगदान देने के साथ लगभग 7.5 लाख पूर्णकालिक-समकक्ष रोजगार को भी समर्थन दिया है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ‘ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स’ के विश्लेषण पर आधारित ‘यूट्यूब प्रभाव’ रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में 4,500 से अधिक यूट्यूब चैनलों के 10 लाख से अधिक ग्राहक थे और भारत में एक लाख रुपये से अधिक का सालाना राजस्व कमा रहे चैनलों की संख्या सालाना आधार पर वर्ष 2021 में 60 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई।
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रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब की रचनात्मक पारिस्थितिकी ने वर्ष 2021 में देश की जीडीपी में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया और भारतीय अर्थव्यवस्था में 7,50,000 से अधिक पूर्णकालिक नौकरियों का समर्थन किया। इसका आर्थिक प्रभाव प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, प्रेरित और उत्प्रेरक प्रभाव यानी चार तरीकों से दिखाई देता है। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने यूट्यूब के प्रभाव का आकलन करने के लिए 4,021 यूट्यूब उपयोगकर्ताओं, 5,633 सृजनकर्ताओं और 523 व्यवसायों का सर्वेक्षण किया।
यूट्यूब ने घोषणा की है कि वह हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, बंगाली और अंग्रेजी में 100 से अधिक चिकित्सा स्थितियों को कवर करने वाली विश्वसनीय सामग्री बनाने और बढ़ाने के लिए (नारायण, मणिपाल, मेदांता और शाल्बी सहित) और अधिक स्वास्थ्य संस्थानों के साथ काम करने के प्रयासों का विस्तार करेगा।