दुनिया के सबसे बुजुर्ग ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चार्ल्स कॉस्टे का 101 वर्ष की आयु में निधन

फ्रांस के दिग्गज ओलंपिक साइकिलिस्ट और विश्व के सबसे उम्रदराज जीवित ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चार्ल्स कोस्टे (Charles Coste) का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फ़्रांसीसी मीडिया के अनुसार, उनका निधन गुरुवार को हुआ, जिसकी जानकारी 3 नवम्बर 2025 को दी गई। उनके साथ एक युग समाप्त हो गया — एक ऐसा जीवन जो ओलंपिक और साइक्लिंग इतिहास की आत्मा से गहराई से जुड़ा था। 1948 में स्वर्ण जीत से लेकर 2024 पेरिस ओलंपिक में मशाल उठाने तक, कोस्टे सात दशकों से अधिक समय तक फ़्रांसीसी खेल भावना और ओलंपिक आदर्शों के प्रतीक बने रहे।

सुनहरी ओलंपिक यात्रा

  • 1948 लंदन ओलंपिक में चार्ल्स कोस्टे ने ट्रैक साइक्लिंग की टीम परसूट (Team Pursuit) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

  • उन्होंने पियरे एडम, सर्ज ब्लुस्सों और फर्नांद डेकेनाली के साथ मिलकर युद्धोत्तर फ्रांस को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।

  • यह विजय केवल एक खेल उपलब्धि नहीं थी, बल्कि उस दौर में फ्रांस की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की भावना का प्रतीक बन गई।

ओलंपिक से परे: एक दिग्गज को हराया

  • ओलंपिक स्वर्ण के बाद भी कोस्टे का करियर असाधारण रहा।

  • 1949 में उन्होंने “ग्रां प्री दे नेशंस” (Grand Prix des Nations) जीता — यह 140 किमी की टाइम ट्रायल रेस थी, जिसे उस समय व्यक्तिगत टाइम-ट्रायलिंग की “ग़ैर-आधिकारिक विश्व चैंपियनशिप” माना जाता था।

  • इस जीत को ऐतिहासिक इसलिए माना गया क्योंकि उन्होंने इटली के महान साइकिलिस्ट फ़ॉस्तो कॉप्पी (Fausto Coppi) को हराया, जो कई बार टूर डी फ्रांस और गिरो डी इटालिया चैंपियन रह चुके थे।

प्रतीकात्मक जीवन: पेरिस 2024 में मशाल वाहक

  • अपनी शताब्दी (100 वर्ष) के बाद भी कोस्टे ओलंपिक आंदोलन से गहराई से जुड़े रहे।

  • वे पेरिस 2024 ओलंपिक उद्घाटन समारोह में मशाल वाहक रहे — जहाँ उन्हें फ्रांस की गौरवशाली ओलंपिक विरासत के प्रतीक के रूप में सम्मानित किया गया।

  • उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि ओलंपिक के आदर्श — उत्कृष्टता, मित्रता और सम्मान — समय की सीमाओं से परे हैं।

दीर्घायु की मशाल: केलेटी से कोस्टे तक

  • हंगरी की प्रसिद्ध जिमनास्ट एग्नेस केलेटी (Agnes Keleti) के जनवरी 2025 में 103 वर्ष की आयु में निधन के बाद,
    चार्ल्स कोस्टे दुनिया के सबसे उम्रदराज जीवित ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बने।

  • अब उनके निधन के साथ ओलंपिक इतिहास का एक और अध्याय समाप्त हो गया।

विरासत और महत्व

चार्ल्स कोस्टे का जीवन और उपलब्धियाँ खेल इतिहास, ओलंपिक विरासत और द्वितीय विश्व युद्धोत्तर यूरोपीय खेलों के अध्ययन के लिए प्रेरणादायक उदाहरण हैं।
उनकी विरासत हमें याद दिलाती है —

  • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ओलंपिक भावना का पुनर्जागरण

  • 20वीं सदी के मध्य में फ्रांस की साइक्लिंग में प्रभुत्व

  • टीम परसूट साइक्लिंग प्रारूप का विकास

  • एथलीटों की दीर्घायु और जीवनभर ओलंपिक मूल्यों के प्रति समर्पण

प्रमुख तथ्य

विषय विवरण
ओलंपिक स्वर्ण पदक 1948, टीम परसूट साइक्लिंग
निधन 101 वर्ष की आयु में, नवम्बर 2025
उल्लेखनीय उपलब्धि 1949 में फ़ॉस्तो कॉप्पी को हराया (Grand Prix des Nations)
विशेषता एग्नेस केलेटी के बाद विश्व के सबसे उम्रदराज जीवित ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता
सम्मानित भूमिका पेरिस 2024 ओलंपिक में मशाल वाहक
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vikash

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