विश्व वन्यजीव दिवस 2024: इतिहास और महत्व

वन्य जीवों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 3 मार्च का दिन वन्यजीव दिवस के रूप में मनाया जाता है। वन्यजीवों से हमें भोजन तथा औषधियों के अलावा भी अनेक प्रकार के फायदे मिलते हैं। इसके अलावा वन्यजीव जलवायु को संतुलित रखने में भी सहायता करते हैं। दुनियाभर से लुप्त हो रहे वनस्पतियों और जंगली जीव-जंतुओं की प्रजातियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस (world wildlife day) मनाया जाता है।

इस दिवस को मनाने का मकसद बहुत ही साफ है कि दुनियाभर में जिस भी वजहों से वन्यजीव और वनस्पतियों लुप्त हो रही हैं उन्हें बचाने के तरीकों पर काम करना। पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वनस्पतियां और जीव-जंतु बहुत जरूरी हैं। लेकिन पर्यावरण के असंतुलन और तरह-तरह के एक्सरपेरिमेंट्स के कुछ सारे जीव और वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में है।

 

पहली बार यह दिवस कब मनाया गया?

3 मार्च 2014 को पहली बार विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया था। दुनियाभर में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा जीवों की प्रजातियां खतरे में हैं। समय रहते इस ओर ध्यान न दिया गया तो स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है।

 

विश्व वन्यजीव दिवस 2024 की थीम

विश्‍व वन्‍य जीव दिवस 2024 में वन्य जीव और पेड़ पौधों को संरक्षण देने के लिए कार्यक्रम को डिजिटल तौर पर जोड़ने की थीम है। इस थीम के जरिए दिवस को सोशल मीडिया से जोड़ा जाएगा और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक करने के साथ ही प्लेटफॉर्म के जरिए जागरूक भी किया जाएगा।

 

क्यों मनाया जाता है विश्व वन्यजीव दिवस?

वन्यजीवों से हमें भोजन तथा औषधियों के अलावा और भी कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। इसमें से एक है वन्यजीव जलवायु संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। ये मानसून को नियमित रखने तथा प्राकृतिक संसाधनों की पुनःप्राप्ति में सहयोग करते हैं। पर्यावरण में जीव-जंतु तथा पेड़-पौधों के योगदान को पहचानकर तथा धरती पर जीवन के लिए वन्यजीवों के अस्तित्व का महत्व समझते हुए हर साल विश्व वन्यजीव दिवस अथवा वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे मनाया जाता है।

 

विश्व वन्यजीव दिवस की इतिहास

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को, अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को हर साल विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी। वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए सबसे पहले साल 1872 में वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट पारित हुआ था।

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

जानें कैसे 29 साल की लड़की बनी दुनिया की सबसे युवा सेल्फ-मेड महिला अरबपति

सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…

2 mins ago

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

1 hour ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

5 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

5 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

6 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

9 hours ago