हर साल 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस मनाया जाता है। विश्व यूनानी दिवस का मुख्य उद्देश्य इसके निवारक और उपचारात्मक दृष्टिकोण के जरिए यूनानी चिकित्सा पद्धति की मदद से स्वास्थ्य देखभाल सेवा मुहैया कराने के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिन हर साल प्रसिद्ध यूनानी विद्वान और समाज सुधारक हकीम अजमल खान की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पहला यूनानी दिवस 2017 में केंद्रीय अनुसंधान संस्थान यूनानी चिकित्सा (Central Research Institute of Unani Medicine), हैदराबाद में मनाया गया। विश्व यूनानी दिवस 2023 की थीम “यूनानी मेडिसिन फॉर पब्लिक हेल्थ” है।
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क्या है यूनानी चिकित्सा पद्धति?
यह एक किस्म की पर्शियन-अरबी पारंपरिक औषधि प्रणाली है। इसका उपयोग मुगलकालीन भारत में किया गया, इसके अतिरिक्त दक्षिण एशियाई तथा मध्य एशिया में भी यूनानी चिकित्सा पद्धति का उपयोग किया जाता है। इस चिकित्सा पद्धति का आरंभ यूनान में हुआ था। हिप्पोक्रेट्स को इस चिकित्सा पद्धति का जनक माना जाता है। भारत में इस चिकित्सा पद्धति की शुरुआत 13वीं शताब्दी में दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ हुई थी।