विश्व यूनानी दिवस (World Unani Day) हर साल 11 फरवरी को एक प्रसिद्ध भारतीय यूनानी चिकित्सक “हकीम अजमल खान (Hakim Ajmal Khan)” की जयंती को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। पहला यूनानी दिवस 2017 में सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन (Central Research Institute of Unani Medicine – CRIUM), हैदराबाद में मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य इसके निवारक और उपचारात्मक दृष्टिकोण के जरिए यूनानी चिकित्सा पद्धति की मदद से स्वास्थ्य देखभाल सेवा मुहैया कराने के बारे में जागरूकता फैलाना है।
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यूनानी चिकित्सा पद्धति क्या है?
- यूनानी चिकित्सा पद्धति का भारत में एक लंबा और प्रभावशाली रिकॉर्ड है। इसे भारत में अरबों और फारसियों द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी के आसपास पेश किया गया था।
- इसमें यूनानी शैक्षिक, अनुसंधान और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों की सबसे बड़ी संख्या है।
- यूनानी चिकित्सा पद्धति यूनान में उत्पन्न हुई। इसकी नींव हिप्पोक्रेट्स द्वारा रखी गई थी।
- यह प्रणाली अपने वर्तमान स्वरूप का श्रेय अरबों को देती है, जिन्होंने न केवल ग्रीक साहित्य को अरबी में प्रस्तुत करके बचाया, बल्कि अपने स्वयं के योगदान से अपने समय की दवा को भी समृद्ध किया।
हकीम अजमल खान के बारे में:
हकीम अजमल खान एक प्रख्यात भारतीय यूनानी चिकित्सक थे, जो एक बहुमुखी प्रतिभा वाले, एक महान विद्वान, एक समाज सुधारक, एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, एक यूनानी चिकित्सा शिक्षाविद् और यूनानी चिकित्सा पद्धति में वैज्ञानिक अनुसंधान के संस्थापक थे। वह नई दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के संस्थापकों में से एक थे।