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विश्व रंगमंच दिवस 2024: इतिहास और महत्व

विश्व रंगमंच दिवस 2024: इतिहास और महत्व |_3.1

दुनियाभर में हर साल 27 मार्च का दिन वर्ल्ड थिएटर डे यानी कि विश्व रंगमंच दिवस के रूप में मनाया जाता है। रंगमंच दुनिया भर में मौजूद अलग-अलग कलाओं, संस्कृति और परंपरा को लोगों तक पहुंचाने का बेहतरीन जरिया है। यह दिन थिएटर से जुड़े कलाकारों के लिए खास होता है। इस दिन उन्हें सम्मानित भी किया जाता है। कई लोग थिएटर का मतलब सिर्फ मनोरंजन से लगाते हैं, लेकिन इसके साथ ही थिएटर नाटकों के माध्यम से लोगों को सामाजिक समस्याओं के प्रति भी जागरूक करता है।

 

विश्व रंगमंच दिवस 2024 का इतिहास

साल 1961 में इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट ने World Theatre Day की स्थापना थी। यह इंस्टीट्यूट यूनेस्को का एक सहयोगी ऑर्गेनाइजेशन है, जो विश्व में थिएटर को बढ़ावा देने का काम करता है। सन् 1962 में मशहूर नाटककार जीन कोक्ट्यू ने विश्व रंगमंच दिवस के लिए पहला संदेश लिखा था। पहला नाटक एथेंस में एक्रोप्लिस में स्थित थिएटर ऑफ डायोनिसस में आयोजित किया गया था। जिसके बाद से ग्रीस में इसका ऐसा प्रभाव हुआ कि लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने लगे। यह नाटक पांचवीं शताब्दी के शुरुआती दौर का माना जाता है। थिएटर ऑफ डायोनिसस दुनिया का सबसे पुराना थिएटर है, जिसे 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था।

 

विश्व रंगमंच दिवस 2024 का महत्व

अंतर्राष्ट्रीय संदेश का 50 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है। यह दुनिया भर में थिएटर प्रदर्शन से पहले हजारों लोगों को दिया जाता है। यह सैकड़ों दैनिक समाचार पत्रों में भी प्रकाशित होता है।

रेडियो और टेलीविज़न के लोग पाँच महाद्वीपों के दर्शकों तक संदेश प्रसारित करके मदद करते हैं।

प्राचीन ग्रीस से ही रंगमंच ने मानव इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह एक कला रूप है जो भाषा और संस्कृति से परे है। रंगमंच लोगों को शिक्षित, मनोरंजन और प्रेरित कर सकता है।

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