विश्व थैलेसीमिया दिवस हर साल 8 मई को मनाया जाता है। यह दिन थैलेसीमिया के मरीजों को समर्पित है, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। यह एक गंभीर समस्या है, जिससे दुनियाभर में कई लोग पीड़ित है।
थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इसके लक्षणों, निदान और उपचार के विकल्पों के बारे में शिक्षित करना इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाने की शुरुआत साल 1994 में थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन (टीआईएफ) द्वारा की गई थी। इसी साल थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन ने 8 मई के दिन को थैलेसीमिया के मरीजों के नाम डेडिकेट किया था और इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के संघर्ष को इस दिवस के जरिए बताने का प्रयास किया था। थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन के अध्यक्ष और संस्थापक जॉर्ज एंगेल्सॉस ने इस बीमारी से पीड़ित सभी रोगियों और उनके माता-पिता के सम्मान में दिन को मनाने की शुरुआत की थी।
थैलेसीमिया दिवस का महत्व
थैलेसीमिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में आज भी लोग बहुत ज्यादा अवेयर नहीं हैं। इस वजह से कई बार मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता और उनकी मृत्यु हो जाती है। इस दिन को वर्ल्ड लेवल पर मनाने का यही मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी के बारे में जानें और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए आगे आएं। मरीजों के साथ 8 मई का दिन उन डॉक्टर्स और सोशल वर्कर्स को भी सम्मानित करने का दिन है, जो निस्वार्थ भाव से ऐसे लोगों की सेवा कर रहे हैं।