संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल 10 फरवरी को विश्व स्तर पर विश्व दलहन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization) द्वारा वैश्विक भोजन के रूप में दालों (सूखी बीन्स, दाल, सूखी मटर, छोले, लूपिन) के महत्व को चिन्हित करने के लिए शुरू किया गया है।
इस दिन को इस वर्ष साल 2016 की थीम “Nutritious Seeds for a Sustainable Future,” पर मनाए जाने का निर्णय लिया गया, जिस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय दलहन के रूप में मनाया गया था। तब से, 2019 से 2021 तक एक ही विषय रहा है।
WARRIOR 5.0 Batch for SBI, RRB, RBI and IBPS Exams Banking Awareness Online Coaching | Bilingual
विश्व दलहन दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2018 में, 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस के रूप में चिह्नित करने का निर्णय लिया। पहला WPD 10 फरवरी, 2019 को आयोजित किया गया था। 20 दिसंबर 2013 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2016 को अंतर्राष्ट्रीय दलहन (IYP) के रूप में घोषित करते हुए एक प्रस्ताव (A/RES/68/231) अपनाया था। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की अगुवाई में साल के जश्न ने टिकाऊ खाद्य उत्पादन के हिस्से के रूप में दालों के पोषण और पर्यावरणीय लाभों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाई।
पल्स क्या हैं?
दलहन (Pulses), जिसे फलियां भी कहा जाता है, खाए जाने वाले फलदार पौधे के खाद्य बीज हैं। सूखे बीन्स, दाल और मटर सबसे अधिक खाए जाने वाले Pulses हैं।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:
नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…
भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…
जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…
जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…